जगदलपुर: पुलिस की कार्रवाई से नाराज दूध विक्रेताओं ने सड़क पर दूध फेंककर विरोध दर्ज कराया है. बस्तर जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया है. हालांकि इस दौरान आवश्यक सामानों को बेचने की अनुमति है, जिसमें दूध भी शामिल है. दूध विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें जो समय सीमा दी गई है, वह काफी कम है. इस समय के बाद शहर के हर चौक चौराहों पर पुलिस दूध वालों के वाहन को रोक कर कार्रवाई कर रही है. जिससे उनका पूरा दूध खराब हो रहा है. नुकसान से परेशान विक्रेताओं ने कोतवाली थाना के बाहर चौक में लगभग 150 लीटर से ज्यादा दूध सड़क पर बहा दिया.
लॉकडाउन की वजह से बेवजह घर से बाहर निकलने वाले लोगों के खिलाफ बस्तर पुलिस धरपकड़ की कार्रवाई कर रही है. दूध बेचने वालों पर भी कार्रवाई हो रही है. गुरुवार को भी कोतवाली में कुछ दूध विक्रेताओं के वाहन को जब्त किया गया था. जिसके विरोध में 8 से ज्यादा दूध विक्रेताओं ने कोतवाली थाना के बाहर 150 लीटर से ज्यादा दूध सड़क पर फेंककर विरोध जताया.
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प्रशासन ने जो समय दिया वह काफी नहीं
दूध विक्रेताओं ने कहा कि शासन ने उन्हें केवल 2 घंटे दूध बेचने का समय दिया है. 2 घंटे में शहर के आधे घरों में भी दूध नहीं पहुंच पाता. दूध को गांव से शहर तक लाते-लाते उन्हें काफी समय लग जाता है. जिला प्रशासन ने एक घर में 1 मिनट के अंदर दूध देने को कहा है. यह समय पर्याप्त नहीं है. ऐसे में सुबह 8 बजे के बाद पुलिस उन्हें हर चौक-चौराहे पर पकड़ लेती है. उनके वाहनों को जब्त कर उन्हें घर जाने को कहती है. जिससे दूध विक्रेता पूरी तरह से हताश हो चुके हैं. इस लॉकडाउन की वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दूध विक्रेताओं को उठाना पड़ रहा नुकसान
दूध विक्रेताओं ने बताया कि इस समस्या के लिए उन्होंने बस्तर कलेक्टर से भी मुलाकात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. प्रशासन लॉकडाउन के दौरान दूध विक्रय के लिए दिए गए समय में थोड़ी बढ़ोतरी करें. पुलिस उनके वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई ना करें. लॉकडाउन के बाद से सभी दूध विक्रेताओं के लगभग 3 हजार लीटर से ज्यादा दूध नहीं बांटने के कारण खराब हो चुका हैं. उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है.