जगदलपुर: तीन कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का आज 73वां दिन हैं. आंदोलनरत किसान और सरकार में सहमति नहीं बन पा रही है. इस सिलसिले में शनिवार को देशव्यापी चक्काजाम किया जा रहा है. किसान संघटनों ने 12 से 3 बजे तक चक्काजाम का आह्वान किया था. बस्तर के केशलूर जंक्शन नेशनल हाईवे में भी किसानों ने चक्काजाम किया. बस्तर कांग्रेस कमेटी ने इस आंदोलन का समर्थन किया है. कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से करने की बात कही. वहीं बस्तर के ब्लॉक स्तर पर भी यह चक्काजाम किया गया. चक्काजाम की वजह से गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं.
कृषि कानून बिल के विरोध में पूरे देश में आज चक्काजाम किया गया. छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के साथ-साथ बस्तर जिले में भी किसानों ने चक्काजाम कर नए कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
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कांग्रेस का केंद्र सरकार पर निशाना
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. तीनों कृषि कानून की वापसी और समर्थन मूल्य में खरीदी को कानूनी गारंटी देने की मांग पर दिल्ली सहित पूरे भारत के किसान आंदोलनरत हैं. करीब 72 दिन बीत जाने के बाद भी कड़कड़ाती ठंड में किसान दिल्ली में जमे हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार अन्नदाताओं को आतंकवादी और खालिस्तानी बता रही है.अब किसान आंदोलन जनआंदोलन का रूप ले चुका है. अपने हक की लड़ाई के लिए बस्तर के किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान किसानों के साथ संसदीय सचिव और विधायक रेखचंद जैन, चित्रकोट विधायक राजमन वेंजाम, ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव नाग सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे.