जगदलपुर: सुकमा जिले के मीनपा और एलमागुंडा इलाके में 21 मार्च को हुई मुठभेड़ के बाद एक बार फिर नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की खबर पुलिस को मिली है. 21 मार्च को जवानों के साथ मुठभेड़ की वारदात को अंजाम देने के बाद भी नक्सली इसी इलाके में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं.
हालांकि पुलिस ने अभी इस इलाके में नक्सलियों के मौजूदगी और रणनीति को समझने के लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन को रोक दिया है, लेकिन आने वाले दिनों में पुलिस के अधिकारियों ने नक्सलियों को इस वारदात का मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही है.
21 मार्च को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन के लिए गए DRG और STF के जवानों को नक्सलियों ने एलमागुंडा इलाके के जंगलों में अपना निशाना बनाया था. दोनों ओर से हुई गोलीबारी में 17 जवान शहीद हो गए थे. साथ ही 15 जवान बुरी तरह से घायल भी हुए थे.
पत्रकारों को बनाया था बंधक
मुठभेड़ में 3 नक्सली भी मारे गए हैं और कुछ घायल भी हुए हैं. घटना के दूसरे दिन खुद मुख्यमंत्री ने सुकमा पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार ने भी अधिकारियों की बैठक ली थी. उसी दिन दोपहर को एक बार फिर से घटनास्थल पर नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी देखी गई. ग्राउंड जीरो की कवरेज करने जा रहे स्थानीय पत्रकारों को भी नक्सलियों ने मीनपा के पास कुछ देर बंधक बनाकर रखा था. इस दौरान उस जगह 30 से 40 वर्दीधारी नक्सली मौजूद थे.
साथियों का अंतिम संस्कार
बस्तर IG ने बताया कि घटना के दूसरे और तीसरे दिन भी नक्सलियों की बड़ी संख्या में इस इलाके में मौजूदगी की सूचना पुलिस को भी मिली है. ये वहीं नक्सली हैं जिन्होंने वारदात को अंजाम दिया था. ये नक्सली प्लाटून नंबर 1 के हैं जो अत्याधुनिक हथियार से लैस हैं और इस इलाके में अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं. IG ने बताया कि घटना के अगले दिन नक्सलियों ने अपने मारे गए तीन साथियों का अंतिम संस्कार भी सुकमा और बीजापुर की सीमा पर किया है.
नक्सलियों को देंगे मुंहतोड़ जवाब: IG
IG ने कहा कि फिलहाल उस इलाके में अभी ऑपरेशन रोक दिया गया है. नक्सलियों की रणनीति समझते हुए जवानों को अभी उस इलाके में सर्चिंग पर जाने से मना किया गया है. IG ने कहा कि 'नक्सलियों के खिलाफ ये लड़ाई जारी रहेगी. आने वाले दिनों में एक बड़ा ऑपरेशन लॉन्च कर पुलिस नक्सलियों के इस कायराना करतूत का मुंहतोड़ जवाब देगी.'