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जगदलपुर: गोंचा पर्व की तैयारियां पूरी, जानिए कैसे मनाया जाता है 10 दिन का ये त्योहार

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Published : Jul 1, 2019, 5:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

रियासत काल से बस्तर का गोंचा पर्व जगन्नाथपुरी की तरह ही मनाया जाता है, इस बार भी भगवान की रथयात्रा और उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए आरण्यक ब्राह्मण समाज और शहर के लोग जुट गए हैं.

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जगदलपुर: बस्तर में हर साल गोंचा पर्व बड़ी धूम- धाम से मनाया जाता है. 609 सालों से चले आ रहे इस पर्व में बाहुड़ा गोंचा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. 360 आरण्यक ब्राम्हण समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस महापर्व की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. 4 जुलाई से शुरू होने वाले इस पर्व को देखने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं.

गोंचा पर्व की तैयारियां पूरी

गोंचा पर्व समिति ने बताया कि इस साल प्रदेश के मुख्यमंत्री और बस्तर सांसद दीपक बैज को इस पर्व के शुभारंभ के लिए आमंत्रित किया गया है. रियासत काल से बस्तर का गोंचा पर्व जगन्नाथपुरी की तरह ही मनाया जाता है, इस बार भी भगवान की रथयात्रा और उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए आरण्यक ब्राह्मण समाज और शहर के लोग जुट गए हैं.

10 दिनों तक चलेगा पर्व
3 जुलाई को नेत्रोत्सव के बाद 10 दिनों तक लागातार इस पर्व को मनाया जाता है, भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को आदिवासियों द्वारा निर्मित नए रथ मे बिठाकर शहर का भ्रमण कराया जाता है. और बस्तर के ग्रामीणों द्वारा बनाई गई बांस की तुपकी से भगवान जगन्नाथ को सलामी दी जाती है. यह पर्व बस्तर के साथ-साथ देश और विदेश में भी प्रख्यात है.

जगन्नाथ कथा का आयोजन
बताया जा रहा है कि पर्व को और आर्कषित करने लिए इस साल यहां ओडिशा के कलाकारों की ओर से पांच दिनों तक जगन्नाथ कथा का आयोजन किया जाएगा.

इसमें ओडिसा के रंगमंच कलाकार इस कथा को हिंदी भाषा मे पढ़ेंगे. ऐसी मान्यता है कि बस्तर के राजा जगन्नाथपुरी की कठिन यात्रा के लिए पुरी पहुंचे थे, जहां भगवान उनसे खूब प्रसन्न हुए और उन्हें रथपति की उपाधि दी थी.
इस उपाधि को धारण करने के बाद राजा के बल, यश और साम्राज्य में भी वृद्धि हुई, उस समय से ही काकतिय वंश के राजा ने बस्तर में गोंचा पर्व मनाने की शुरुआत की.

जगदलपुर: बस्तर में हर साल गोंचा पर्व बड़ी धूम- धाम से मनाया जाता है. 609 सालों से चले आ रहे इस पर्व में बाहुड़ा गोंचा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. 360 आरण्यक ब्राम्हण समाज द्वारा मनाए जाने वाले इस महापर्व की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. 4 जुलाई से शुरू होने वाले इस पर्व को देखने देश-विदेश से लोग यहां आते हैं.

गोंचा पर्व की तैयारियां पूरी

गोंचा पर्व समिति ने बताया कि इस साल प्रदेश के मुख्यमंत्री और बस्तर सांसद दीपक बैज को इस पर्व के शुभारंभ के लिए आमंत्रित किया गया है. रियासत काल से बस्तर का गोंचा पर्व जगन्नाथपुरी की तरह ही मनाया जाता है, इस बार भी भगवान की रथयात्रा और उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए आरण्यक ब्राह्मण समाज और शहर के लोग जुट गए हैं.

10 दिनों तक चलेगा पर्व
3 जुलाई को नेत्रोत्सव के बाद 10 दिनों तक लागातार इस पर्व को मनाया जाता है, भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को आदिवासियों द्वारा निर्मित नए रथ मे बिठाकर शहर का भ्रमण कराया जाता है. और बस्तर के ग्रामीणों द्वारा बनाई गई बांस की तुपकी से भगवान जगन्नाथ को सलामी दी जाती है. यह पर्व बस्तर के साथ-साथ देश और विदेश में भी प्रख्यात है.

जगन्नाथ कथा का आयोजन
बताया जा रहा है कि पर्व को और आर्कषित करने लिए इस साल यहां ओडिशा के कलाकारों की ओर से पांच दिनों तक जगन्नाथ कथा का आयोजन किया जाएगा.

इसमें ओडिसा के रंगमंच कलाकार इस कथा को हिंदी भाषा मे पढ़ेंगे. ऐसी मान्यता है कि बस्तर के राजा जगन्नाथपुरी की कठिन यात्रा के लिए पुरी पहुंचे थे, जहां भगवान उनसे खूब प्रसन्न हुए और उन्हें रथपति की उपाधि दी थी.
इस उपाधि को धारण करने के बाद राजा के बल, यश और साम्राज्य में भी वृद्धि हुई, उस समय से ही काकतिय वंश के राजा ने बस्तर में गोंचा पर्व मनाने की शुरुआत की.

Intro:जगदलपुर। बस्तर मे प्रति वर्ष मनाये जाने वाली गोंचा पर्व की तैयारी इस वर्ष भी जोर शोर से चल रही है, 360 आरण्यक ब्राम्हण समाज द्वारा मनाये जाने वाली  इस  महापर्व की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है, 4 जुलाई से शुरू इस पर्व के संबध मे गोचां पर्व समिति ने आज प्रेसवार्ता को संबोधित किया ।उन्होने बताया कि इस वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री और बस्तर सांसद दीपक बैज को इस पर्व के शुभारंभ के लिए आंमत्रित किया गया है।                                                                                             



Body:बस्तर मे 10 दिनो तक चलने वाली गोंचा पर्व की तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है, बस्तर मे आरण्यक ब्राम्हण समाज द्वारा मनाये जाने वाला यह पर्व देश ही नही बल्कि विदेशो मे भी प्रख्यात है, समाज के अध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी गोंचा पर्व धूमधाम से मनायी जायेगी, जिसके लिए तैयारिया पूर्ण कर ली गई है, 3 जुलाई  को नेत्रोत्सव के बाद 10 दिनो तक लागातार इस पर्व को मनाया जाता है, भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा को आदिवासियो द्वारा निर्मित नये रथ मे बिठाकर शहर का भ्रमण कराया जाता है। और बस्तर के ग्रामीणो द्वारा बनाई गई बांस की तुपकी से भगवान जगन्नाथ को सलामी दी जाती है।


Conclusion:इसके साथ ही ब्राम्हण समाज द्वार इस पर्व को और आर्कषित करने लिए इस वर्ष उडीसा के कलाकारों द्वारा 5 दिनो तक जगन्नाथ कथा का आयोजन किया जायेगा, जिसमे उडीसा के रंगमंच कलाकार इस कथा को हिंदी भाषा मे पढेंगे।वैसे तो उडीसा के  पूरी मे मनाये जाने वाला गोंचा पर्व विश्व प्रसिध्द है, लेकिन बस्तर मे 10 दिनो  तक मनाये जानी वाली यह पर्व बस्तर की संस्कृति और पंरपरा से परिपूर्ण होती है, यही वजह है कि इस पर्व को  देखने देश विदेश से बडी तादाद मे लोग बस्तर पंहुचते है।

बाईट1- हेमंत पाण्डे, अध्यक्ष आरण्यक ब्राम्हण समाज
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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