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जगदलपुर : नहीं सुलझी देउरगांव ब्लास्ट की गुत्थी, क्षेत्र में पहली बार मिला है यह बम

जगदलपुर : रविवार को देउरगांव के शिव मंदिर परिसर में हुए ब्लास्ट की गुत्थी अब तक बस्तर पुलिस नहीं सुलझा पाई है. घटना के 4 दिन बीत जाने के बावजूद ब्लास्ट से जुड़े कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगी है. हालांकि ब्लास्ट के बाद शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह हैंड ग्रेनेड या पारंपरिक आईईडी नहीं बल्कि क्रूड बम है.

मंदिर में हुआ ब्लास्ट
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Published : Mar 1, 2019, 12:47 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

बताया जा रहा है कि क्रूड बम पॉवरफुल होने के साथ ज्वलनशील होता और उसकी मारक क्षमता भी काफी ज्यादा होती है. इस बम के ऊपर भी हैंड ग्रेनेड की तरह स्प्रिंग लगा रहता है.

वीडियो

पहली बार इस तरह का बम मिलने की पुष्टि
बस्तर जिले में पहली बार इस तरह के बम मिलने की पुष्टि हुई है. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस के अधिकारी युलेंडर यार्क ने बताया कि फॉरेंसिक यूनिट ने रायपुर प्रयोगशाला में धातुओं के टुकड़े परीक्षण के लिए भेजी है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

असामाजिक तत्व करते हैं बम का इस्तेमाल
लेकिन शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि इस बम का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा किया जाता है. हालांकि अभी यह स्प्ष्ट नहीं हो पाया है कि इस क्रूड बम का इस्तेमाल जावनरों को मारने के लिए किया जाता है या किसी अन्य काम के लिए.

खदान मालिकों से पूछताछ
वहीं गांव के आस-पास मौजूद खदानों के मालिकों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक खदानों में ब्लास्ट के लिए इस तरह के बम का इस्तेमाल नहीं करने की बात सामने आ रही है. फिलहाल पुलिस के अधिकारी रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लास्ट के असली कारणों का पता लग पाने की बात कही है. वहीं घायलों की स्थिति में सुधार होने पर उनके बयान के बाद मामला स्पष्ट होने की बात कही जा रही है.

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बताया जा रहा है कि क्रूड बम पॉवरफुल होने के साथ ज्वलनशील होता और उसकी मारक क्षमता भी काफी ज्यादा होती है. इस बम के ऊपर भी हैंड ग्रेनेड की तरह स्प्रिंग लगा रहता है.

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पहली बार इस तरह का बम मिलने की पुष्टि
बस्तर जिले में पहली बार इस तरह के बम मिलने की पुष्टि हुई है. इस मामले की जांच कर रहे पुलिस के अधिकारी युलेंडर यार्क ने बताया कि फॉरेंसिक यूनिट ने रायपुर प्रयोगशाला में धातुओं के टुकड़े परीक्षण के लिए भेजी है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

असामाजिक तत्व करते हैं बम का इस्तेमाल
लेकिन शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि इस बम का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा किया जाता है. हालांकि अभी यह स्प्ष्ट नहीं हो पाया है कि इस क्रूड बम का इस्तेमाल जावनरों को मारने के लिए किया जाता है या किसी अन्य काम के लिए.

खदान मालिकों से पूछताछ
वहीं गांव के आस-पास मौजूद खदानों के मालिकों से भी पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक खदानों में ब्लास्ट के लिए इस तरह के बम का इस्तेमाल नहीं करने की बात सामने आ रही है. फिलहाल पुलिस के अधिकारी रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लास्ट के असली कारणों का पता लग पाने की बात कही है. वहीं घायलों की स्थिति में सुधार होने पर उनके बयान के बाद मामला स्पष्ट होने की बात कही जा रही है.

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Intro:जगदलपुर। रविवार को देउरगांव के शिव मंदिर परिसर में हुए ब्लास्ट की गुत्थी अब तक बस्तर पुलिस नहीं सुलझा पाई है। घटना के 4 दिन बीत जाने के बाद भी ब्लॉस्ट से जुड़े कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं ।हालांकि ब्लास्ट के बाद प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि यह हैंड ग्रेनेड या पारंपरिक आईई डी नहीं बल्कि क्रूड बम है। जो काफी पावरफुल होने के साथ ज्वलनशील है ।और उसकी मारक क्षमता भी काफी अधिक है। इस बम के ऊपर भी हैंड ग्रेनेड की तरह स्प्रिंग लगा हुआ होता है जिसे पुश करने पर यह बम ब्लास्ट हो जाता है ।बस्तर जिले में पहली बार इस तरह के बम मिलने की पुष्टि हुई है। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस के अधिकारी युलेंडर यार्क ने बताया कि फॉरेंसिक यूनिट द्वारा रायपुर प्रयोगशाला धातुओं के टुकड़े परीक्षण के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि इस बम का इस्तेमाल असामाजिक तत्वों द्वारा किया जाता है ।इसके अलावा गांव के ग्रामीण जंगली सूअर या किसी जानवर के शिकार के लिए भी इस तरह के बम का उपयोग करते हैं ।हालांकि अभी यह स्प्ष्ट नही हो पाया है कि इस क्रूड बम इस्तेमाल जावनरों को मारने के लिए किया जाता है या किसी अन्य काम के लिए वहीँ गांव के आसपास मौजूद खदानों के मालिकों से भी पूछताछ की जा रही है लेकिन अब तक खदानों में ब्लास्ट के लिए इस तरह के बम का इस्तेमाल नहीं करने की बात सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस के अधिकारी ने रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लास्ट के असल कारणों का पता लग पाने की बात कही है । वहीँ घायलों की स्थिति में सुधार होने पर उनके बयान के बाद स्प्ष्ट होने की बात कही जा रही है कि आखिर वह बम वहाँ आया कैसे। आपको बता दें कि बीते रविवार सुबह चित्रकूट मार्ग पर स्थित देउरगांव शिव मंदिर परिसर में साफ सफाई के दौरान विस्फोट हुआ था ।इसकी जद में आकर एक 10 साल के बच्चे की मौत हो गई थी ।वहीं अन्य तीन लोग पूरी तरह से घायल हो गए थे। इनमें से गंभीर रूप से घायल 14 वर्षीय बच्चे को बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया है जहां उसका इलाज जारी है।


Body:बाईट1- युलेंडर यॉर्क, एसडीओपी जांच अधिकारी


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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