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बस्तर नगर पंचायत: एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई शहर सरकार - Municipal elections

बस्तर नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड हैं. इसमें वर्तमान में 11 पर कांग्रेस और 3 वार्ड पर बीजेपी का कब्जा है. शहर के अंदर सड़कों की हालत बेहद खराब है. पेयजल, आवास और बिजली भी यहां की बड़ी समस्या है. प्रदेश में सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन के कारण शहर में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन ये वादा अबतक पूरा नहीं हो सका है.

basta nagar panchayat
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Published : Oct 14, 2019, 11:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में स्वास्थ्य के नाम पर कई अस्पताल खोले गए लेकिन डॉक्टरों की कमी से सभी अस्पतालों का हाल बेहाल है. हालांकि, बस्तर आईटीआई और प्रयास आवासीय विद्यालय के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध भी है. नगर पंचायत में 15 वार्ड आते हैं. इसमें 11 वार्डों पर कांग्रेस और 3 वार्डों पर बीजेपी का कब्जा है, एक वार्ड में निर्दलीय पार्षद है.

बस्तर में एक भी वादा पूरा नहीं पाई शहर सरकार
  • इलाके के लोग खेती पर निर्भर हैं, कृषि और वनोपज यहां के लोगों की आय का मुख्य साधन है.
  • क्षेत्र में काजू और मक्के की खेती बहुतायत में होती है.
  • नगर पंचायत का ग्रामीण इलाका तो समृद्ध है, लेकिन शहर के अंदर वार्डों की हालत बेहद खराब है.
  • अंदरूनी इलाके की सड़कें जर्जर हैं, पेयजल, आवास और बिजली की हालत भी शहर बद से बदतर है.

रोजगार बड़ा मुद्दा

मक्का की खेती ज्यादा होने के कारण यहां मक्का प्रोसेंसिग प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन वो वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. शहर में कोई उद्योग नहीं होने के कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है. उपलब्धियों के नाम पर नगर पंचायत के कुछ वार्डों में सीसी सड़कें तो बनाई गई हैं लेकिन उसकी भी हालत अच्छी नहीं है.

  • अनुसुचित जनजाति वाली बस्तर नगर पंचायत को इस बार अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है.
  • शहर में आदिवासियों की संख्या चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है.
  • शहर में करीब 60 फीसदी आदिवासी और 40 फीसदी पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के लोग रहते हैं.
  • इलाके में गोंड, हल्बा, भतरा, कुम्हार और ध्रुवा समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है.
  • शहर की कुल जनसंख्या 10 हजार 48 है. इसमें 4233 सामान्य वर्ग को लोगों की संख्या है. वहीं 105 अनुसूचित जाति और 5710 अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या बताई जाती है.

जगदलपुर: बस्तर में स्वास्थ्य के नाम पर कई अस्पताल खोले गए लेकिन डॉक्टरों की कमी से सभी अस्पतालों का हाल बेहाल है. हालांकि, बस्तर आईटीआई और प्रयास आवासीय विद्यालय के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध भी है. नगर पंचायत में 15 वार्ड आते हैं. इसमें 11 वार्डों पर कांग्रेस और 3 वार्डों पर बीजेपी का कब्जा है, एक वार्ड में निर्दलीय पार्षद है.

बस्तर में एक भी वादा पूरा नहीं पाई शहर सरकार
  • इलाके के लोग खेती पर निर्भर हैं, कृषि और वनोपज यहां के लोगों की आय का मुख्य साधन है.
  • क्षेत्र में काजू और मक्के की खेती बहुतायत में होती है.
  • नगर पंचायत का ग्रामीण इलाका तो समृद्ध है, लेकिन शहर के अंदर वार्डों की हालत बेहद खराब है.
  • अंदरूनी इलाके की सड़कें जर्जर हैं, पेयजल, आवास और बिजली की हालत भी शहर बद से बदतर है.

रोजगार बड़ा मुद्दा

मक्का की खेती ज्यादा होने के कारण यहां मक्का प्रोसेंसिग प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन वो वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. शहर में कोई उद्योग नहीं होने के कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है. उपलब्धियों के नाम पर नगर पंचायत के कुछ वार्डों में सीसी सड़कें तो बनाई गई हैं लेकिन उसकी भी हालत अच्छी नहीं है.

  • अनुसुचित जनजाति वाली बस्तर नगर पंचायत को इस बार अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है.
  • शहर में आदिवासियों की संख्या चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है.
  • शहर में करीब 60 फीसदी आदिवासी और 40 फीसदी पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के लोग रहते हैं.
  • इलाके में गोंड, हल्बा, भतरा, कुम्हार और ध्रुवा समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है.
  • शहर की कुल जनसंख्या 10 हजार 48 है. इसमें 4233 सामान्य वर्ग को लोगों की संख्या है. वहीं 105 अनुसूचित जाति और 5710 अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या बताई जाती है.
Intro:जगदलपुर। बस्तर नगर पंचायत राजनैतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है, राजनैतिक दलो के बडे नेता बस्तर विधानसभा से ही है, बस्तर नगर पंचायत  के अंर्तगत 1 विकासखण्ड आता है बस्तर विकासखण्ड । यंहा के निवासियो की मुख्य आय का साधन कृषि व वनोपज है, काजू और मक्के की खेती बहुतायत मे की जाती है, शिक्षा के नाम पर बस्तर मे आईटीआई व परचनपाल मे प्रयास आवासीय विघालय की स्थापना की गई है। स्वास्थ के नाम पर अस्पताल खोले गये पर डॉक्टरो की कमी है। इस नगर पंचायत के अंर्तगत 15 वार्ड आते है, जिनमे 11 वार्डो मे कांग्रेस , 3 वार्डो मे भाजपा और 1 वार्ड मे निर्दलीय पार्षद काबिज है।  वार्डो मे अंदरूनी क्षेत्रो की सडके जर्जर है, पेयजल, आवास और बिजली ,सडक प्रमुख समस्या है, मक्का की खेती ज्यादा होने की वजह से विधायक  मंत्रियो व अधिकारियो के द्वारा मक्का प्रोसेंसिग प्लांट लगाने की घोषणा की गई जिसे अब तक पूरा नही किया जा सका है। युवाओ के लिए रोजगार की कोई उचित व्यवस्था नही की गई है, वही मजदूरो के लिए मनरेगा का काम भी लगभग ढप पडा हुआ है। उपलब्धियो के नाम पर नगर पंचायत के कुछ वार्डो मे सीसी सडके बनाई गई है और बिजली की समस्या से थोडी बहुत निजात मिली है।   


Body:अनुसुचित जनजाति वाले नगर पंचायत के इस सीट मे 2009 मे भाजपा के उदबोराम नाग ने चुनाव जीता था, और 2014 के नगर पंचायत चुनाव मे कांग्रेस के शंकरलाल बघेल ने उदबोराम को हराकर चुनाव जीता है। और इस बार यह सीट अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित हो गयी है।
बस्तर नगर पंचायत अनुसुचित जनजाति के लिए आरक्षित है, आदिवासी ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यंहा अधिकतम गोंड, हल्बा , भतरा, कुम्हार व ध्रुवा जाति के लोग निवासरत है।  बस्तर नगर पंचायत मे अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र मे आदिवासी ग्रामीण रहते है, औऱ 40 प्रतिशत सामान्य व पिछडा वर्ग के लोग निवासरत है। 



Conclusion:बस्तर नगर पंचायत के प्रमुख मुद्दे - आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यंहा शुध्द पेयजल, सडक, बिजली मुख्य मुद्दा है, इसके अलावा बेरोजगारी ,व ग्रामीण मजदूरो को सही समय पर मजदूरी  न मिल पाना व शासन के योजनाओ का लाभ से अधिकतर ग्रामीणो को वंचित रखना भी प्रमुख मुद्दो मे से एक है। इसके अलावा इस नगर पंचायत के लगभग 8 वार्ड के लोग पेयजल और आवास की सुविधा नही मिलने से जुझ रहे है। हर बार नगर पंचायत चुनाव के दौरान इस समस्या से निजात दिलाने के बडे बडे दावे यंहा सभी राजनैतिक पार्टीयो के जनप्रतिनीधियो द्वारा किया जाता है  लेकिन आज भी समस्या जस के तस बनी हुई है।
कुल जनसंख्या - 10048
सामान्य -4233
अनुसूचित जाति-105
अनुसूचित जनजाति-5710

स्थानीय लोगो की बाईट- वार्डवासी
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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