जगदलपुर: बस्तर में स्वास्थ्य के नाम पर कई अस्पताल खोले गए लेकिन डॉक्टरों की कमी से सभी अस्पतालों का हाल बेहाल है. हालांकि, बस्तर आईटीआई और प्रयास आवासीय विद्यालय के लिए प्रदेश भर में प्रसिद्ध भी है. नगर पंचायत में 15 वार्ड आते हैं. इसमें 11 वार्डों पर कांग्रेस और 3 वार्डों पर बीजेपी का कब्जा है, एक वार्ड में निर्दलीय पार्षद है.
- इलाके के लोग खेती पर निर्भर हैं, कृषि और वनोपज यहां के लोगों की आय का मुख्य साधन है.
- क्षेत्र में काजू और मक्के की खेती बहुतायत में होती है.
- नगर पंचायत का ग्रामीण इलाका तो समृद्ध है, लेकिन शहर के अंदर वार्डों की हालत बेहद खराब है.
- अंदरूनी इलाके की सड़कें जर्जर हैं, पेयजल, आवास और बिजली की हालत भी शहर बद से बदतर है.
रोजगार बड़ा मुद्दा
मक्का की खेती ज्यादा होने के कारण यहां मक्का प्रोसेंसिग प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन वो वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है. शहर में कोई उद्योग नहीं होने के कारण स्थानीय युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ रहा है. उपलब्धियों के नाम पर नगर पंचायत के कुछ वार्डों में सीसी सड़कें तो बनाई गई हैं लेकिन उसकी भी हालत अच्छी नहीं है.
- अनुसुचित जनजाति वाली बस्तर नगर पंचायत को इस बार अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है.
- शहर में आदिवासियों की संख्या चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है.
- शहर में करीब 60 फीसदी आदिवासी और 40 फीसदी पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के लोग रहते हैं.
- इलाके में गोंड, हल्बा, भतरा, कुम्हार और ध्रुवा समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है.
- शहर की कुल जनसंख्या 10 हजार 48 है. इसमें 4233 सामान्य वर्ग को लोगों की संख्या है. वहीं 105 अनुसूचित जाति और 5710 अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या बताई जाती है.