जगदलपुर: बस्तर में धान खरीदी जारी है. जिले में अब तक 6 लाख क्विंटल से भी ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है. हालांकि प्रदेश के बाकी जिलों की तरह ही बस्तर जिले में भी केंद्रों में बारदाने की कमी को लेकर किसानों को जूझना पड़ रहा है. किसान बाहर से बारदाने खरीदकर धान बेचने को मजबूर हैं.
धान का उठाव नहीं होने से कई केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. दरअसल, जिले में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है. वहीं अब तक 10 से 15 प्रतिशत धान का उठाव नहीं होने से जिले में खरीदी प्रभावित होने की संभावनाएं बढ़ गई है.
बस्तर संभाग में 80 प्रतिशत धान का उठाव बाकी
यह समस्या केवल बस्तर जिले में ही नहीं बल्कि पूरे बस्तर संभाग में बनी हुई है. पूरे बस्तर संभाग में 80 प्रतिशत धान का उठाव नहीं हो पाया है. जिससे धान खरीदी प्रभारियों के साथ-साथ किसानों और विपणन अधिकारियों को भी चिंता सताने लगी है. सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने है जिनके धान खरीद केंद्रों में चबूतरा निर्माण नहीं हो पाया है. उन्हें अस्थाई तौर पर धान रखने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं धान का उठाव नहीं होने से धान के रखरखाव को लेकर भी प्रभारियों को चिंता सता रही है.
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धान खरीदी प्रभावित होने की संभावना
धान खरीदी प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने मिलर्स को जल्द से जल्द धान उठाव के लिए निर्देश दिया है. अब तक केवल 10 से 15 प्रतिशत धान का ही उठाव जिले के केंद्रों से हो सका है. वहीं राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को लिखे गए पत्र के बाद जल्द से जल्द धान का उठाव किए जाने की बात तो कही जा रही है, लेकिन आगामी कुछ दिनों में अगर केंद्रों से धान का उठाव नहीं किया जाता है तो जिले के साथ-साथ पूरे बस्तर संभाग के कई केंद्रों में धान खरीदी प्रभावित हो सकती है.