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Operation Monsoon Against Naxalites: मानसून सीजन में भी नक्सलियों का पीछा नहीं छोडे़गी फोर्स - bastar IG sunderraj P

Operation Monsoon Against Naxalites मानसून सीजन में भी नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है. हर साल बारिश को दौरान जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन बंद कर दिए जाते थे, इससे नक्सलियों को तैयारी का मौका मिल जाता था, लेकिन बीते कुछ साल से बस्तर में भारी बारिश के दौरान भी सर्च ऑपरेशन बंद नहीं हुए. कई मौकों पर फोर्स को इसका फायदा भी मिला.

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Published : Jun 24, 2023, 4:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

बस्तर: नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून का फायदा फोर्स को मिल रहा है. कई नक्सली मारे गए तो कुछ ने डर के मारे सरेंडर कर दिया. मानसून सीजन आमतौर पर हर साल जंगलों के भीतर ऑपरेशन बंद कर दिए जाते थे, जिसका फायदा उठाकर नक्सली गांव में घुस जाते और नई भर्ती की कोशिश करते. फोर्स का मूवमेंट बंद होने से नक्सलियों के पास तैयारी का मौका होता था. मगर अब भारी बारिश में भी फोर्स नक्सलियों को बख्शने के मूड में जरा भी नहीं है. पिछले तीन चार साल से हर बारिश में ऑपरेशन मानसून चलाकर नक्सली मूवमेंट को खत्म किया जा रहा है. डीआरजी, एसटीएफ और अर्धसैनिक बल की टीम ज्वाइंट रूप से लगातार जंगल में ऑपरेशन कर रही है.

"पहले यह आम राय होती थी कि बरसात के मौसम में नदी-नाले उफान पर होने के कारण सुरक्षा बलों की ओर से ऑपरेशन नहीं चलाया जा सकता. लेकिन पिछले 3-4 सालों से मानसून के दौरान भी सुरक्षा बलों की ओर से अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके लिए हमारे सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. सीआरजीएफ और कोबरा जैसे विशेष बल ये सभी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं. इस मानसून सीजन में भी अभियान जारी रहेगा." -सुंदरराज पी, बस्तर आईजी

  • Chhattisgarh | Earlier, there used to be a general opinion that the operation cannot be conducted by the security forces during the rainy season, because of the rivers and drains overflowing. But for the last 3-4 years, even during the monsoon period, operations are conducted… pic.twitter.com/mVYZ09XaWE

    — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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मानसून सीजन में मूवमेंट करते हैं नक्सली: ऑपरेशन मानसून के दौरान नक्सलियों की मांद में घुसकर फोर्स उनके ठिकानों पर दबिश देती है. मानसून सीजन में नक्सली अपना ठिकाना बदलते हैं. बारिश और डुबान वाले इलाकों से बचने के लिए मूवमेंट करते रहते हैं. ऐसे में नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मुखबिरों को अलर्ट करने के साथ ही फोर्स आक्रामक तरीके से नक्सलियों पर हमला भी करती है.

मानसून सीजन में फोर्स को मिली कामयाबी: ऑपरेशन मानसून के दौरान साल 2021 में 35 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. साथ ही 15 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं तेलंगाना, ओडिशा और बस्तर में 6 हार्डकोर नक्सलियों को ऑपरेशन मानसून के दौरान मार गिराया गया. 2022 में भी बस्तर पुलिस को सफलता मिली. 40 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया तो वहीं 20 से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. DRG के जवानों ने 5 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया.

बस्तर: नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन मानसून का फायदा फोर्स को मिल रहा है. कई नक्सली मारे गए तो कुछ ने डर के मारे सरेंडर कर दिया. मानसून सीजन आमतौर पर हर साल जंगलों के भीतर ऑपरेशन बंद कर दिए जाते थे, जिसका फायदा उठाकर नक्सली गांव में घुस जाते और नई भर्ती की कोशिश करते. फोर्स का मूवमेंट बंद होने से नक्सलियों के पास तैयारी का मौका होता था. मगर अब भारी बारिश में भी फोर्स नक्सलियों को बख्शने के मूड में जरा भी नहीं है. पिछले तीन चार साल से हर बारिश में ऑपरेशन मानसून चलाकर नक्सली मूवमेंट को खत्म किया जा रहा है. डीआरजी, एसटीएफ और अर्धसैनिक बल की टीम ज्वाइंट रूप से लगातार जंगल में ऑपरेशन कर रही है.

"पहले यह आम राय होती थी कि बरसात के मौसम में नदी-नाले उफान पर होने के कारण सुरक्षा बलों की ओर से ऑपरेशन नहीं चलाया जा सकता. लेकिन पिछले 3-4 सालों से मानसून के दौरान भी सुरक्षा बलों की ओर से अंदरूनी और सीमावर्ती इलाकों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. इसके लिए हमारे सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. सीआरजीएफ और कोबरा जैसे विशेष बल ये सभी ऑपरेशन करने में सक्षम हैं. इस मानसून सीजन में भी अभियान जारी रहेगा." -सुंदरराज पी, बस्तर आईजी

  • Chhattisgarh | Earlier, there used to be a general opinion that the operation cannot be conducted by the security forces during the rainy season, because of the rivers and drains overflowing. But for the last 3-4 years, even during the monsoon period, operations are conducted… pic.twitter.com/mVYZ09XaWE

    — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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मानसून सीजन में मूवमेंट करते हैं नक्सली: ऑपरेशन मानसून के दौरान नक्सलियों की मांद में घुसकर फोर्स उनके ठिकानों पर दबिश देती है. मानसून सीजन में नक्सली अपना ठिकाना बदलते हैं. बारिश और डुबान वाले इलाकों से बचने के लिए मूवमेंट करते रहते हैं. ऐसे में नक्सलियों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मुखबिरों को अलर्ट करने के साथ ही फोर्स आक्रामक तरीके से नक्सलियों पर हमला भी करती है.

मानसून सीजन में फोर्स को मिली कामयाबी: ऑपरेशन मानसून के दौरान साल 2021 में 35 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. साथ ही 15 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं तेलंगाना, ओडिशा और बस्तर में 6 हार्डकोर नक्सलियों को ऑपरेशन मानसून के दौरान मार गिराया गया. 2022 में भी बस्तर पुलिस को सफलता मिली. 40 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया तो वहीं 20 से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया. DRG के जवानों ने 5 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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