बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में न्यू ईयर मनाने पर्यटकों की भीड़ लग गई है. पर्यटकों से गुलजार बस्तर में हर रोज हजारों की संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. साल 2023 को विदाई देने की खुशियां और नए साल में प्रवेश करने की खुशियों को लोग एन्जॉय कर रहे हैं. बस्तर के पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए पिकनिक मनाने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए बेहद अनुकूल है. यही कारण है कि हर रोज बस्तर में लगभग 30 हजार से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं इनमें छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्यों के लोग भी शामिल है.
बस्तर पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता बेहद ही खूबसूरत है. बस्तर का वातारवरण और जलप्रपात, गुफाएं लोगों को आकर्षित करती है. कई पर्यटकों का कहना है कि "अब से पहले इतना खूबसूरत नजारा सिर्फ वीडियो में ही देखे थे. आज करीब से देखने से वे और भी खूबसूरत लग रहा है. हरियाणा, कोलकाता, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड से पर्यटक बस्तर पहुंच रहे हैं. साथ ही विदेशों से भी पर्यटक बस्तर पहुंचे हैं. पर्यटन स्थलों के बाहर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है. सभी पर्यटकों का कहना है कि वे बार बार बस्तर आना चाहते हैं.
बस्तर के पर्यटकस्थल:
चित्रकोट जलप्रपात: देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात में बस्तर की जीवनदायनी इंद्रावती नदी करीब 90 फीट की ऊंचाई से दहाड़ती हुई नीचे गिरती है. जलप्रपात के नीचे नांव से पर्यटकों को गिरते जलप्रपात के नजदीक पहुंचाया जाता है. तेज गति से गिरते जलप्रपात बूंदे पर्यटकों के चेहरे पर पड़ती है. इसी अनुभव को पाने के लिए पर्यटक नाव में सवार होते हैं. यह जलप्रपात इतना बड़ा और खूबसूरत है कि इसे करीब से निहारने के लिए भारत देश के अलावा विदेशों से भी हजारों की संख्या में पर्यटक हर साल चित्रकोट पहुंचते हैं. इस जलप्रपात की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि इस जलप्रपात के नजदीक बॉलीवुड की शूटिंग भी कुछ सालों से शुरू हो गई है.
तीरथगढ़ जलप्रपात: बस्तर जिले का दूसरा बड़ा तीरथगढ़ जलप्रपात है. इस जलप्रपात को बस्तर की जान भी कहा जाता है. इस जलप्रपात में मुनगा बहार का पानी गिरता है. यह जलप्रपात 3 स्टेप में होकर नीचे गिरता है. इस जलप्रपात की ऊंचाई 100 फिट से भी ज्यादा है. इसे करीब से देखने के लिए पर्यटकों को करीब 300-400 सीढ़ी नीचे उतरना पड़ता है. इसे देखने के लिए हजारों लोग हर साल बस्तर पहुंचते हैं. चित्रकोट, तीरथगढ़ जलप्रपात के अलावा ऐसे कई जलप्रपातें हैं जो जिनकी ऊंचाई काफी बड़ी हैऔर खूबसूरत भी हैं. जिनमें तामड़ाघूमर जलप्रपात, मेन्द्रीघूमर जलप्रपात, चित्रधारा जलप्रपात, मंडवा जलप्रपात, बिजाकसा जलप्रपात शामिल हैं.
तीरथगढ़ जलप्रपात घूमने पहुंचे रायपुर से आए पर्यटकों का कहना है कि "वे पहली बार बस्तर आए है. आगे भी बार बार बस्तर आना चाहते हैं. धमतरी से आए पर्यटकों ने बताया कि बस्तर से ही छत्तीसगढ़ की खूबसूरती है. माना जाता है कि बस्तर आने के बाद लोगों को यहां से जाने का मन नहीं करता है. दक्षिण से आये पर्यटकों का कहना है कि तीरथगढ़ को देखने से उन्हें जगन्नाथ पुरी आने का एहसास हुआ. वह एक दो बार नहीं बल्कि बार बार आना चाहेंगे. "
कोटमसर गुफा: कांगेर वेली नेशनल पार्क में ही विशालकाय गुफा भी मौजूद है. जिसे कोटमसर गुफा कहा जाता है. 50 फीट के करीब चौड़ी है. गुफा के अंदर अलग-अलग प्रकार की आकृतियां बनी हुई है. गुफा के अंदर अंधी मछली भी पाई जाती है. संगमरमर की सी स्टोन भी पानी की बूंदे गिरने के कारण बनी हुई है. जो काफी चमकीला है. इसके अलावा कांगेर वैली में दंडक गुफा, कैलाश गुफा, हरि गुफा, मादरकोंटा गुफा मौजूद है. इन स्थानों पर पर्यटकों के सुविधा के लिए होम स्टे भी ग्रामीणों के द्वारा संचालित किया जा रहा है. पर्यटक यहां क्याकिंग का भी लुत्फ उठा रहे हैं.
मिचनार हिल्स स्टेशन: जलप्रपात, गुफाएं व सागर के अलावा बस्तर में बेहद ही खूबसूरत हिल्स स्टेशन भी मौजूद है. जिसे मिचनार हिल्स स्टेशन भी कहा जाता है. यह मिचनार गांव में मौजूद होने के कारण इसका नाम मिचनार हिल्स स्टेशन पड़ा. यह लोहंडीगुड़ा व तोकापाल ब्लॉक के बॉर्डर में मौजूद है. इसकी ऊंचाई करीब 100 फिट है. पर्यटकों को 100 फिट ऊंचे पर पैदल खड़ी पहाड़ को चढ़ना पड़ता है. ऊपर चढ़ते ही वो खूबसूरत दृश्य पर्यटकों के सामने होता है. इसकी खूबसूरती बारिश के दिनों में और भी मनमोहक हो जाती है. यह हिल स्टेशन ऊटी व बड़े बड़े हिल्स स्टेशनों की अनुभूति कराता है. इसे देखने के लिए भी हजारों लोग पहुंचते हैं.