दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में से एक दंतेवाड़ा के 65 बच्चों ने नीट और जेईई में सफलता हासिल की है. नीट और जेईई देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल हैं. इन्हें क्वालिफाई करना कोई आसान बात नहीं है. दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे अगर इन परीक्षाओं को क्वालिफाई करें तो यह अचीवमेंट और बड़ी हो जाती है.
सरकार से मुफ्त कोचिंग का मिल रहा लाभ: बच्चों को जिला प्रशासन की ओर से चलाये जा रहे संस्थाओं में निःशुल्क शिक्षा दी जा रही है. 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के साथ ही कई प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी भी जिला प्रशासन बच्चों को करवा रहा है. कोचिंग कर रहे बच्चों में इस साल 65 बच्चों ने नीट और जेईई क्वालीफाई किया है. प्रशासन की बेहतर सुविधाओं की वजह से आज कई बच्चे परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. समय से बच्चों का सिलेबस पूरा करवाया गया. इसके बाद प्रकार के मासिक साप्ताहिक नीट, जेईई, से संबंधित टेस्ट आयोजित की गई.
छू लो आसमान कार्यक्रम से आ रहा बदलाव: दंतेवाड़ा जिले में जिला प्रशासन ने बालूद में बालकों और कारली में बालिकाओं के लिए छू लो आसमान संचालित किया है. यहां जिले के अंदरूनी क्षेत्रों के बच्चों को कक्षा 9वीं से प्रवेश कराकर निःशुल्क आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके साथ ही इन बच्चों को 9वीं से 12वीं पाठ्यक्रम के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की अलग से कोचिंग की सुविधा भी कराई जाती है. यहां दंतेवाड़ा जिले के साथ-साथ बस्तर संभाग के अन्य जिलों से भी बच्चे आकर पढ़ाई कर रहे हैं.