जगदलपुर: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) का काफी बुरा हाल है. इस योजना के तहत काम करने वाले ग्रामीण मजदूरों का बीते साल से भुगतान नहीं हुआ है. लिहाजा ये मजदूर शहर पहुंचकर प्रशासन के बड़े अधिकारियो से अपने भुगतान के लिए गुहार लगाने को मजबूर हैं.
साल भर से नहीं हुआ भुगतान, मनरेगा मजदूर हुए परेशान
दरअसल, कोरोनाकाल में राज्य सरकार ने सभी ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने का वादा करते हुए मनरेगा योजना के तहत गांव गांव में डबरी निर्माण, गोठान निर्माण, पुलिया निर्माण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, पक्की नाली, चारागाह, चबुतरा निर्माण जैसे आधा दर्जन के अधिक कार्यों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया था. सभी निर्माण कार्य पूरे तो कर लिये गये. लेकिन इन मजदूरों को पिछले सालभर से इनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है. जिस वजह से ये मजदूर अपने हक की राशि पाने के लिए दर दर भटकने को मजबूर हो रहे है.
मनरेगा काम में बारिश ने डाली खलल
इधर, बारिश में काम नहीं चलने के कारण मजदूरों के हाथ पैसे के अभाव में खाली है और उन्हे आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. वहीं आने वाले माह में नवाखानी, बस्तर दशहरा समेत कई अन्य पर्व आने वाले है. ऐसे में मजदूरों को रूपये की सख्त जरूरत है. काम करने के बाद भी समय पर भुगतान नहीं होने से मजदूरों मे काफी नाराजगी है. वहीं मनरेगा योजना के तहत विकास और निर्माण कार्य कराने वाले मैटेरियल सप्लायरों का भी लाखों रूपये का भुगतान अटका पड़ा है.
पेसै रोका गया तो अधिकारी पर होगी कार्रवाई
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल (Collector Rajat Bansal) का कहना है कि भुगतान के लिए राज्य शासन को एफटीओ किया जा चुका है. लेकिन यह भुगतान कब तक किया जायेगा इसकी कोई जानकारी बस्तर कलेक्टर के पास भी नहीं है. वहीं विभाग के अधिकारियों द्वारा अगर किसी इलाके में भुगतान रोका गया है. उसकी भी जांच कर संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई करने की बात बस्तर कलेक्टर ने कही है.