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जगदलपुर: मनरेगा के तहत प्रवासियों को अपने गांव-घर में मिल रहा रोजगार - केंद्र सरकार की योजना

मनरेगा ने गांव के लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. योजना के जरिए गांव में ही ग्रामीणों को रोजगार मिलने लगा है और मजदूरों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है.

laborers getting employment
मजदूरों को मिला रोजगार
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Published : Jul 25, 2020, 6:25 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच देश के विभिन्न राज्यों से बस्तर लौटे लगभग 9 हजार प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए मजदूर कार्ड बनाया गया है और उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे उनकी रोजी-रोटी की चिंता दूर हो गई है.

मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा रोजगार

प्रशासन की ओर से अलग-अलग योजनाओं के तहत संचालित कार्यों में उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही उनके हुनर की पहचान कर निजी क्षेत्र के नियोजकों से चर्चा कर उनकी रुचि के मुताबिक काम भी उपलब्ध कराने की पहल जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.

पढ़ें: रायगढ़: मनरेगा ने स्थानीय मजदूरों की जिंदगी बदली, ग्रामीणों को गांव में मिलने लगा काम

जिले के 7 ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों में संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 14 दिन और घर पहुंचने पर 10 दिनों का होम क्वॉरेंटाइन पूरा कर चुके प्रवासी मजदूरों को मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के साथ ही लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से संपादित किए जा रहे कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है.

मनरेगा के तहत दिया जा रहा रोजगार

मनरेगा के परियोजना अधिकारी पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर जिले में मनरेगा के तहत 1 हजार 48 मजदूरों को काम दिया गया है. जिसमें डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, स्कूलों की मरम्मत, पंचायत भवनों की मरम्मत, चबूतरा निर्माण, साफ सफाई और रंग पुताई के काम शामिल हैं. इसके अलावा जिले के सात ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटरों के आसपास भी विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है.

रोजगार मेला का आयोजन

बस्तर कलेक्टर ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार मेला का आयोजन करने के साथ ही स्किल मैपिंग भी किया गया है. इसके तहत शहर के स्थानीय उद्योगपतियों ने 135 प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया है. इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के कौशल और रुचि के अनुसार बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा भी रोजगार उपलब्ध कराया गया है.

पढ़ें: मनरेगा के तहत काम देने में फिर अव्वल छत्तीसगढ़, लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में टॉप पर

समय पर किया जा रहा भुगतान

कलेक्टर ने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ बकायदा समय पर भुगतान भी किया जा रहा है. बस्तर जिले में मनरेगा के विभिन्न कार्यों के तहत 1 हजार 48 मजदूरों को लाखों रुपये का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है, जिससे इन्हें अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने में बड़ी मदद मिल रही है. इसके अलावा अन्य विभागों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को भी उनके कार्यों के अनुसार भुगतान किया गया है.

मजदूरों की रुची के अनुसार दिया जा रहा काम

राज्य सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों की रोजी-रोटी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस कदम से दूसरे शहर से अपने गृहग्राम वापस लौटने वाले मजदूर बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन द्वारा निजी क्षेत्र के नियक्ताओं से भी चर्चा कर मजदूरों के कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी पहल की जा रही है.

4 हजार से ज्यादा मजदूरों को दिया गया रोजगार

कलेक्टर के मुताबिक 9 हजार प्रवासी मजदूरों में 4 हजार से ज्यादा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वहीं अन्य मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

जगदलपुर: वैश्विक महामारी कोरोना के बीच देश के विभिन्न राज्यों से बस्तर लौटे लगभग 9 हजार प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के लिए मजदूर कार्ड बनाया गया है और उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे उनकी रोजी-रोटी की चिंता दूर हो गई है.

मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा रोजगार

प्रशासन की ओर से अलग-अलग योजनाओं के तहत संचालित कार्यों में उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही उनके हुनर की पहचान कर निजी क्षेत्र के नियोजकों से चर्चा कर उनकी रुचि के मुताबिक काम भी उपलब्ध कराने की पहल जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है.

पढ़ें: रायगढ़: मनरेगा ने स्थानीय मजदूरों की जिंदगी बदली, ग्रामीणों को गांव में मिलने लगा काम

जिले के 7 ब्लॉकों के ग्राम पंचायतों में संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटरों में 14 दिन और घर पहुंचने पर 10 दिनों का होम क्वॉरेंटाइन पूरा कर चुके प्रवासी मजदूरों को मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के साथ ही लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से संपादित किए जा रहे कार्यों में रोजगार दिया जा रहा है.

मनरेगा के तहत दिया जा रहा रोजगार

मनरेगा के परियोजना अधिकारी पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर जिले में मनरेगा के तहत 1 हजार 48 मजदूरों को काम दिया गया है. जिसमें डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण, स्कूलों की मरम्मत, पंचायत भवनों की मरम्मत, चबूतरा निर्माण, साफ सफाई और रंग पुताई के काम शामिल हैं. इसके अलावा जिले के सात ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटरों के आसपास भी विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है.

रोजगार मेला का आयोजन

बस्तर कलेक्टर ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार मेला का आयोजन करने के साथ ही स्किल मैपिंग भी किया गया है. इसके तहत शहर के स्थानीय उद्योगपतियों ने 135 प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया है. इसके अलावा प्रवासी मजदूरों के कौशल और रुचि के अनुसार बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा भी रोजगार उपलब्ध कराया गया है.

पढ़ें: मनरेगा के तहत काम देने में फिर अव्वल छत्तीसगढ़, लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में टॉप पर

समय पर किया जा रहा भुगतान

कलेक्टर ने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ बकायदा समय पर भुगतान भी किया जा रहा है. बस्तर जिले में मनरेगा के विभिन्न कार्यों के तहत 1 हजार 48 मजदूरों को लाखों रुपये का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है, जिससे इन्हें अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करने में बड़ी मदद मिल रही है. इसके अलावा अन्य विभागों में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को भी उनके कार्यों के अनुसार भुगतान किया गया है.

मजदूरों की रुची के अनुसार दिया जा रहा काम

राज्य सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों की रोजी-रोटी के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस कदम से दूसरे शहर से अपने गृहग्राम वापस लौटने वाले मजदूर बड़ी राहत महसूस कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन द्वारा निजी क्षेत्र के नियक्ताओं से भी चर्चा कर मजदूरों के कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी पहल की जा रही है.

4 हजार से ज्यादा मजदूरों को दिया गया रोजगार

कलेक्टर के मुताबिक 9 हजार प्रवासी मजदूरों में 4 हजार से ज्यादा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. वहीं अन्य मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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