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merry christmas 2022: बस्तर के लाल चर्च में क्रिसमस की धूम - बस्तर के लाल चर्च में क्रिसमस की धूम

रविवार को पूरे देश में क्रिसमस पर्व मनाया जा रहा है. इस मौके पर सभी गिरजाघरों को रंगबिरंगी रौशनी से सजाया गया है. hundred years old historical church in jagdalpur छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी संभाग का सबसे बड़ा गिरजाघर है, जहां की अपनी ही अलग खासियत है. यहां हर साल क्रिसमस के मौके पर यीशु मसीह की प्रार्थना करने हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. यहां पहुंचे लोग इस चर्च की भव्यता को देखकर हैरान रह जाते हैं. 19वीं सदी का यह चर्च 100 साल पुराना है. बावजूद इसके इस चर्च के दीवारों में ना ही कोई दरार पड़ी है और ना ही यह कमजोर हुई है. Jagdalpur latest news

historical church in jagdalpur
बस्तर का ऐतिहासिक चर्च
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Published : Dec 25, 2022, 6:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

historical church in jagdalpur
बस्तर के ऐतिहासिक चर्च में क्रिसमस की धूम

बस्तर: बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर शहर में मौजूद चंदैय्या मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च संभाग का सबसे पुराना चर्च है. जो लाल चर्च के नाम से जाना जाता है. (Lal church in jagdalpur) सीबी वार्ड मिशनरी ने सन 1890 ई में इस चर्च की नींव रखी थी. (100 years old historical church in jagdalpur) तब बस्तर के तत्कालीन महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने सीबी वार्ड को लगभग 1 हजार एकड़ जमीन दान में दी थी. जिसके बाद इस कैंपस में हॉस्टल, स्कूल और चर्च बनाया गया. लाल चर्च 1933 ई में पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था. Jagdalpur latest news

100 साल बाद भी मजबूत है चर्च की दीवार: मसीह समाज के सदस्य और चर्च प्रॉपर्टी के अध्यक्ष रत्नेश बेंजविन ने बताया कि "जब इस गिरजाघर को बनाया गया, तब इसमें बेल, गोंद, लुई और चूना से ईंट की जुड़ाई की गई. यह जुड़ाई इतनी मजबूत है कि आज भी चर्च की दीवार में कहीं भी कोई दरार नहीं पड़े हैं. हालांकि हर साल जरूर इस चर्च की रंग रोगन की जाती है, लेकिन 19वीं सदी के चर्च में आज तक कोई रिकंस्ट्रक्शन नहीं किया गया है. इसकी दीवारों से लेकर इसकी नींव 100 साल पुरानी है. चर्च में किसी तरह का कोई प्लास्टर नहीं किया गया है, ना ही इस चर्च को बनाने के लिए कोई मशीन का उपयोग किया गया है. Red church in bastar

historical church in jagdalpur
बस्तर का चंदैय्या मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में क्रिसमस की धूम: राज्यपाल और सीएम ने प्रदेशवासियों को दी क्रिसमस की बधाई

चर्च की दीवार है आकर्षण का केंद्र: इस चर्च की दीवार यहां पहुंचने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है. इसके अलावा यहां लगे झूमर भी 100 साल पुराने हैं. इस चर्च की ऊंचाई इतनी है कि कई किलोमीटर दूर से भी इस गिरजाघर के ऊपर लगी क्रॉस नजर आती है. इसके अलावा चर्च की बेल को भी कई किमी दूर तक लोगों को सुनाई देती है. (Christmas 2022) खासकर क्रिसमस के मौके पर भाईचारे का परिचय देते हुए हर धर्म और हर समाज के लोग इस गिरजाघर में पहुंचकर भगवान यीशु से प्रेयर करते हैं और इस चर्च की भव्यता को भी निहारते हैं.

historical church in jagdalpur
बस्तर के ऐतिहासिक चर्च में क्रिसमस की धूम

बस्तर: बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर शहर में मौजूद चंदैय्या मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च संभाग का सबसे पुराना चर्च है. जो लाल चर्च के नाम से जाना जाता है. (Lal church in jagdalpur) सीबी वार्ड मिशनरी ने सन 1890 ई में इस चर्च की नींव रखी थी. (100 years old historical church in jagdalpur) तब बस्तर के तत्कालीन महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव ने सीबी वार्ड को लगभग 1 हजार एकड़ जमीन दान में दी थी. जिसके बाद इस कैंपस में हॉस्टल, स्कूल और चर्च बनाया गया. लाल चर्च 1933 ई में पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था. Jagdalpur latest news

100 साल बाद भी मजबूत है चर्च की दीवार: मसीह समाज के सदस्य और चर्च प्रॉपर्टी के अध्यक्ष रत्नेश बेंजविन ने बताया कि "जब इस गिरजाघर को बनाया गया, तब इसमें बेल, गोंद, लुई और चूना से ईंट की जुड़ाई की गई. यह जुड़ाई इतनी मजबूत है कि आज भी चर्च की दीवार में कहीं भी कोई दरार नहीं पड़े हैं. हालांकि हर साल जरूर इस चर्च की रंग रोगन की जाती है, लेकिन 19वीं सदी के चर्च में आज तक कोई रिकंस्ट्रक्शन नहीं किया गया है. इसकी दीवारों से लेकर इसकी नींव 100 साल पुरानी है. चर्च में किसी तरह का कोई प्लास्टर नहीं किया गया है, ना ही इस चर्च को बनाने के लिए कोई मशीन का उपयोग किया गया है. Red church in bastar

historical church in jagdalpur
बस्तर का चंदैय्या मेमोरियल मेथोडिस्ट एपिस्कोपल चर्च

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चर्च की दीवार है आकर्षण का केंद्र: इस चर्च की दीवार यहां पहुंचने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है. इसके अलावा यहां लगे झूमर भी 100 साल पुराने हैं. इस चर्च की ऊंचाई इतनी है कि कई किलोमीटर दूर से भी इस गिरजाघर के ऊपर लगी क्रॉस नजर आती है. इसके अलावा चर्च की बेल को भी कई किमी दूर तक लोगों को सुनाई देती है. (Christmas 2022) खासकर क्रिसमस के मौके पर भाईचारे का परिचय देते हुए हर धर्म और हर समाज के लोग इस गिरजाघर में पहुंचकर भगवान यीशु से प्रेयर करते हैं और इस चर्च की भव्यता को भी निहारते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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