जगदलपुर: बस्तर संभाग के जनपद पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक के पदाधिकारियों को मानदेय और वित्तीय अधिकार देने के साथ अनुमोदन का अधिकार देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम बस्तर कमिश्नर और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को राज्यमंत्री का दर्जा देने की मांग भी की है.
जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में जिला पंचायत के पदाधिकारी प्रत्यक्ष निर्वाचन से चुनकर आते हैं. इसके बाद सदस्यों के चुनाव के बाद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने जाते हैं. ऐसे में उनके पद की गरिमा को देखते हुए उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिलना चाहिए. इसके साथ ही जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्ष को वित्तीय अधिकार के साथ ही अनुमोदन करने का अधिकार भी दिया जाना चाहिए.
हरीश कवासी ने कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वित्तीय अधिकार देने की बात घोषणा पत्र में भी है. ऐसे में सरकार को जल्द ही इस पर फैसला लेते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष को वित्तीय अधिकार देना चाहिए. मुख्यमंत्री के नाम बस्तर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपने के दौरान बस्तर संभाग के सभी जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष समेत जनपद अध्यक्ष मौजूद थे.
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हरीश कवासी ने पदयात्रा का किया है ऐलान
सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी बस्तर इलाके के जमीनी नेता के रूप में जाने जाते हैं. नगरनार स्थित NMDC स्टील प्लांट के निजीकरण को लेकर बस्तर में विरोध तेज हो गया है. सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने विरोध के तौर पर पदयात्रा का ऐलान कर दिया है. जिसे मंत्री कवासी लखमा ने भी समर्थन दिया है.