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बस्तर में मलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत, संभाग के सभी जिलों में टीम करेगी जांच

राज्य सरकार ने बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए नया अभियान शुरू किया है.  जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी इलाको में जाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी. साथ ही मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर फौरन उन्हें दवा उपलब्ध कराएगी.

Malaria free campaign started in Bastar
बस्तर में शुरू हुई मलेरिया मुक्त अभियान
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Published : Jan 18, 2020, 10:36 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुरः बस्तर संभाग नक्सलवाद के साथ ही मलेरिया के प्रकोप से लंबे समय से ग्रसित है. यही वजह है कि बस्तर को हाई एंटिफिक जोन घोषित किया गया है. एक आंकडे़ के मुताबिक हर साल यहां मलेरिया से 50 से ज्यादा लोगो की मौत होती है. जिनमें नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की संख्या सबसे ज्यादा हैं.

बस्तर में शुरू हुई मलेरिया मुक्त अभियान

पिछले कई साल से स्वास्थ्य विभाग बस्तर में मलेरिया के रोकथाम करने का दावा कर रही है. इस साल राज्य सरकार ने एक बार फिर बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए नया अभियान शुरू किया है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी इलाकों में जाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी. साथ ही मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर फौरन उन्हें दवा उपलब्ध कराएगी.

स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर लेंगी ब्लड सैंपल

बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली ने बताया कि '15 जनवरी से मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है. जिसके के लिए 1720 दलों का गठन किया गया है, जो बस्तर संभाग के 7 जिलों में घर, छात्रावास, आश्रम और पुलिस जवानों के कैंप में जाकर लोगों के ब्लड का सैंपल लेंगे. साथ ही मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें दवाई देने के साथ फौरन इलाज करेंगे. इसके लिए स्वास्थ विभाग की टीम को पर्याप्त जांच किट और पर्याप्त दवाईयां मुहैया कराई गई है.

एक महीने चलेगा अभियान

कलेक्टर ने बताया कि यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान लगातार एक महीने तक स्वास्थ विभाग की टीम लोगों को मलेरिया से रोकथाम के लिए जागरूक करने के साथ मलेरिया से ग्रसित लोगों का इलाज करेगी. वहीं मलेरिया विभाग में भी हाइपर सेसेंटीव वाले इलाकों में दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 'इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सभी विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे और बस्तर को मलेरिया मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे'.

पढ़ेंः-इस तरह बेहतर हो सकती है बस्तर की रैंकिंग, सयुक्त सचिव ने दिए टिप्स

बता दें इससे पहले भी बस्तर मे मलेरिया के बढ़ते प्रकोप के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अभियान चलाए हैं, लेकिन बस्तर में मलेरिया से मौत के आंकडे़ कम होने के बजाय साल दर साल बढ़ते ही जा रही है.पहले ही दवाइयों और मलेरिया रोकथाम के पर्याप्त उपायों की कमी से जूझते बस्तर में राज्य सरकार की यह कवायद कितनी रंग लाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

जगदलपुरः बस्तर संभाग नक्सलवाद के साथ ही मलेरिया के प्रकोप से लंबे समय से ग्रसित है. यही वजह है कि बस्तर को हाई एंटिफिक जोन घोषित किया गया है. एक आंकडे़ के मुताबिक हर साल यहां मलेरिया से 50 से ज्यादा लोगो की मौत होती है. जिनमें नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की संख्या सबसे ज्यादा हैं.

बस्तर में शुरू हुई मलेरिया मुक्त अभियान

पिछले कई साल से स्वास्थ्य विभाग बस्तर में मलेरिया के रोकथाम करने का दावा कर रही है. इस साल राज्य सरकार ने एक बार फिर बस्तर को मलेरिया मुक्त करने के लिए नया अभियान शुरू किया है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी इलाकों में जाकर लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी. साथ ही मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर फौरन उन्हें दवा उपलब्ध कराएगी.

स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर लेंगी ब्लड सैंपल

बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली ने बताया कि '15 जनवरी से मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है. जिसके के लिए 1720 दलों का गठन किया गया है, जो बस्तर संभाग के 7 जिलों में घर, छात्रावास, आश्रम और पुलिस जवानों के कैंप में जाकर लोगों के ब्लड का सैंपल लेंगे. साथ ही मलेरिया पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें दवाई देने के साथ फौरन इलाज करेंगे. इसके लिए स्वास्थ विभाग की टीम को पर्याप्त जांच किट और पर्याप्त दवाईयां मुहैया कराई गई है.

एक महीने चलेगा अभियान

कलेक्टर ने बताया कि यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान लगातार एक महीने तक स्वास्थ विभाग की टीम लोगों को मलेरिया से रोकथाम के लिए जागरूक करने के साथ मलेरिया से ग्रसित लोगों का इलाज करेगी. वहीं मलेरिया विभाग में भी हाइपर सेसेंटीव वाले इलाकों में दवा का छिड़काव किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 'इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सभी विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे और बस्तर को मलेरिया मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे'.

पढ़ेंः-इस तरह बेहतर हो सकती है बस्तर की रैंकिंग, सयुक्त सचिव ने दिए टिप्स

बता दें इससे पहले भी बस्तर मे मलेरिया के बढ़ते प्रकोप के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अभियान चलाए हैं, लेकिन बस्तर में मलेरिया से मौत के आंकडे़ कम होने के बजाय साल दर साल बढ़ते ही जा रही है.पहले ही दवाइयों और मलेरिया रोकथाम के पर्याप्त उपायों की कमी से जूझते बस्तर में राज्य सरकार की यह कवायद कितनी रंग लाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

Intro:जगदलपुर। छत्तीसगढ का बस्तर संभाग नक्सलवाद के साथ ही मलेरिया के प्रकोप से काफी लंबे समय से ग्रसित है। यही वजह है कि बस्तर को हाई एंटिफिक जोन घोषित किया गया है, हर साल मलेरिया से 50 से अधिक लोगो को मौत होती है। जिनमे नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानो की संख्या ज्यादा है। पिछले कई वर्षो से स्वास्थ विभाग बस्तर मे मलेरिया के रोकथाम के लिए काफी प्रयास करने का दावा करते आई है। और इस वर्ष एक बार फिर बस्तर को मलेरिया मुक्त करने राज्य सरकार ने एक नया अभियान चलाया है। जिसके तहत स्वास्थ विभाग की टीम बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रो मे जाकर लोगो का स्वास्थ परीक्षण करेगी और मलेरिया पॉजिटिव पाये जाने पर तत्काल उन्हे दवा उपलब्ध करायेगी।
Body:बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 जनवरी से मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत की गई है, जिसके तहत 1720 दलों का गठन किया गया है। जो बस्तर संभाग के 7 जिलों मे घर, छात्रावास, आश्रम व जवानो के पुलिस कैंप जाकर लोगो के ब्लड की सैंपल लेंगे और मलेरिया पॉजिटिव पाये जाने पर उन्हे दवाईयां देने के साथ त्वरित उपचार करेंगे और इसके लिए स्वास्थ विभाग की टीम को पर्याप्त जांच किट उपलब्ध कराने के साथ पर्याप्त दवाईयां भी मुहैय्या कराई गयी है। कलेक्टर ने बताया कि यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान लगातार एक महीने तक स्वास्थ विभाग की टीम लोगो को मलेरिया से रोकथाम के लिए जागरूक करने के साथ मलेरिया से ग्रसित लोगो का उपचार करेगी। वही मलेरिया विभाग के द्वारा भी हाईपर सेसेंटीव वाले क्षेत्र मे दवा का छिडकाव किया जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान मे स्वास्थ विभाग के साथ ही सभी विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे औऱ बस्तर को मलेरिया मुक्त बनाने का प्रय़ास करेंगे।Conclusion:गौरतलब है कि इससे पहले भी बस्तर मे मलेरिया के बढते प्रकोप के रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा कई तरह के अभियान चलाये गये है, लेकिन बस्तर मे मलेरिया से मौत के आंकडे कम होने की बजाय साल दर साल बढते ही जा रहे है, और पहले ही दवाइयों और मलेरिया रोकथाम के पर्याप्त उपायों कि कमी से जूझते बस्तर मे राज्य सरकार की यह कवायद कितनी रंग लाएगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।

बाईट 1-अयाज तम्बोली, कलेक्टर बस्तर
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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