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Bastar Loksabha Election 2019: बैदुराम और दीपक के बीच रहेगी कांटे की टक्कर, ये प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में

बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बैदुराम कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के बीच चुनावी टक्कर होगी. दोनों प्रत्याशी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं.

deepak
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Published : Apr 11, 2019, 12:05 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान गुरुवार 11 अप्रैल को होगा. पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव होंगे. बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बैदुराम कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के बीच चुनावी टक्कर होगी. दोनों प्रत्याशी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं.

BASTAR LOKSABHA

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से आयतुराम मंडावी भी चुनावी मैदान में हैं. बस्तर सीट पर 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इन 7 प्रत्यशियों में कांग्रेस के दीपक बैज, भाजपा के बैदुराम कश्यप, बसपा के आयतुराम मंडावी, कम्युनिस्ट पार्टी के रामु मोर्य, अम्बेडकरराइट पार्टी के पनीष प्रसाद नाग, समग्र क्रांति पार्टी के मंगलराम कर्मा, शिवसेना के सुरेश कवासी मैदान में हैं.

ऐसा है बैदुराम का राजनीतिक सफर
बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा ने लंबे इंतजार के बाद बैदुराम कश्यप को अपना प्रत्याशी उतारा है. कश्यप वर्तमान में भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं और दो बार चित्रकोट विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. बस्तर सीट पर पहले चरण में यानी कि 11 अप्रैल को मतदान होना है.

कश्यप तोकापाल ब्लॉक के मोरठपाल गांव के रहने वाले हैं. उनकी उम्र 45 वर्ष है. उनके पिता भी किसान हैं. पहले वे राजमिस्त्री थे. राजमिस्त्री के बाद बैदुराम का मुख्य व्यवसाय खेती किसानी में बदल गया. उन्होंने तोकापाल हाईस्कूल से 12वीं कला वर्गमें पास किया.

ऐसे हुई करियर की शुरुआत

  • बैदुराम कश्यप ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1993 से की.
  • वे सबसे पहले तोकापाल के भाजयुमो अध्यक्ष बनाये गये, जिसके बाद साल 1994 में पचांयत चुनाव में वे तोकापाल क्षेत्र से जनपद सदस्य चुने गये.
  • साल 1999 में बैदुराम जिला पंचायत सदस्य बने.
  • साल 2003 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बैदुराम को केशलूर विधानसभा से विधायक का टिकट दिया और वे कांग्रेस के प्रत्याशी मनुराम कच्छ को भारी मतों से हराकर चुनाव जीते.
  • साल 2008 में भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा शाह को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की और राज्य में भाजपा सरकार में वे बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने.तीसरी बार साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के युवा प्रत्याशी दीपक बैज के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
  • बीजेपी ने बाद में उन्हें बस्तर के भाजपा जिलाअध्यक्ष की कमान सौंपी और सहकारिता प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बनाए गए.
  • गरीब आदिवासी बच्चों को दी आश्रम की सौगात
  • मिलनसार होने की वजह से कश्यप दो बार चित्रकोट विधानसभा से चुनाव जीतकर आये. अपने विधायकी कार्यकाल में क्षेत्र में कई विकास कार्य किए,
  • विधानसभा क्षेत्र में हाइस्कूल और गरीब आदिवासी बच्चों को आश्रम की सौगात दी.


कांग्रेस के 'दशरथ मांझी' हैं दीपक बैज
बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने युवा नेता दीपक बैज को चुनावी मैदान में उतारा है. दीपक बैज वर्तमान में चित्रकोट विधानसभा सीट से विधायक है. दीपक ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी. NSUI के छात्रावास अध्यक्ष से शुरुआत करने के बाद वे कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बने और काफी लंबे समय तक इस पोस्ट पर सक्रिय रहे.

पंचायत चुनाव मे एक बार मिली हार के बाद दीपक ने दोबारा चुनाव लड़ने का ऐलान किया और जीत हांसिल कर अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य बन कर उभरे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने चित्रकोट विधानसभा सीट से टिकट दिया. इस चुनाव ने दीपक बैज की जिंदगी और राजनीतिक करियर एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया. बैज ने बीजेपी के कद्दावर नेता बैदुराम कश्यप को हराकर भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से टिकट दिया गया. इस बार दीपक ने अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी के लच्छुराम कश्यप को पटखनी देते हुए जीत हासिल की.

दीपक बैज लौहण्डीगुडी ब्लॉक के गड़िया गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता पेशे से किसान है और उनका भी मुख्य व्यवसाय खेती किसानी है. जगदलपुर के पीजी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने राजनीति में अपना करियर तलाशा और सफल हुए. दीपक बैज की धर्मपत्नी शिक्षाकर्मी के तौर पर काम करती हैं. बैज के विधानसभा क्षेत्र के लौहण्डीगुडा में टाटा कंपनी द्वारा स्टील प्लांट के लिए किसानों के भू-अधिग्रहण मामले में उन्होंने किसानों की जमीन वापस दिलाने प्रभावित किसानो के साथ लंबी लड़ाई लड़ी. इसे लेकर वह सुर्खियों में आये. साथ ही उन्होंने विपक्ष मे रहते हुए टाटा समेत अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी समस्याओं को भी विधानसभा सत्र मे बेबाक होकर सामने रखा. बैज ने प्रशासन को चुनौती देते हुए ग्रामीणों की मदद से ककनार में चट्टानों को तोड़कर सड़क का निर्माण कराया था.

जानें प्रत्याशियों की संपत्ति-
करोड़पति हैं बैदुराम कश्यप
भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी बैदुराम कश्यप की बात की जाए, तो वह इस बार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में अकेले करोड़पति हैं. उनकी संपत्ति बीते 6 साल में करीब 29 लाख बढ़ गई है. साल 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान चित्रकोट क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे बैदूराम कश्यप की कुल संपत्ति 1 करोड़ 39 लाख 11 हजार 162 रु थी. वहीं इस चुनाव में उतरने के बाद जमा किए गए शपथ पत्र के साथ उन्होंने अपनी संपत्ति 1 करोड़ 67 लाख 89 हजार 240 रु की बताई है. 2013 में जहां उनकी वार्षिक आय 5 लाख 75 हजार रुपए थी. वहीं यह बढ़कर 11 लाख 46 हजार हो गई है. कुल मिलाकर 6 सालों में आए तो दोगुनी से ज्यादा बड़ी है, लेकिन संपत्ति में 21 फीसदी ही इजाफा हुआ है. साल 2013 में वाहनों की कुल कीमत 33 लाख 91 हजार थी, तो अब इनकी वाहनों की कुल कीमत 17 लाख 20 हजार रह गई है.

दीपक बैज की संपत्ति
कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज के पास विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 31 लाख की संपत्ति थी, जो अब बढ़कर 56 लाख हो गई है. दीपक बैज ने विधानसभा चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र के आधार पर बीते 6 महीने में बैज की संपत्ति 25 लाख 39 हजार रु की बढ़ोतरी हुई है जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति में 1 लाख 27 हजार की कमी आई है. विधानसभा चुनाव के दौरान बैज ने जो अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था. उसमें 30 लाख, 92 हजार और पत्नी की संपत्ति 16 लाख, 17 हजार बताया था. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान हाल में दिए गए ब्योरा में अपनी संपत्ति 56 लाख, 31 हजार और पत्नी की 14 लाख 89 हजार रुपए बताया है. कुल मिलाकर चित्रकोट विधायक और कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी बैज की संपत्ति में 45.08 फ़ीसदी इजाफा हुआ है.

आयतुराम मंडावी (बसपा)
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी आयतु राम मंडावी की, तो उनके पास नकद 2 लाख और आभूषण 1 लाख 50 हजार के हैं. वहीं एक उनकी पैतृक जमीन भी है. कुल मिलाकर आयतु ने अपनी संपत्ति में 2 लाख 46 हजार रु दर्शायी है.

पनिष प्रसाद नाग (अम्बेडकर राइट पार्टी)
अंबेडकर राइट पार्टी के प्रत्याशी मनीष प्रसाद नाग नारायणपुर जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति ब्योरे में 21 लाख 44 हजार की दर्ज कराई है. इसमें इनकी पैतृक जमीन जिसकी कीमत 1लाख 86 हजार रु है. वहीं वाहन की बात की जाए, तो एक महिंद्रा पिकअप वाहन और एक बोलेरो वाहन व एक पल्सर बाइक है.

रामु मोर्य (सीपीआई)
सीपीआई पार्टी के प्रत्यशी रामु मौर्य के पास 50 हजार की संपत्ति और एक पैतृक जमीन है.वहीं समग्र क्रांति पार्टी के मंगलाराम कर्मा के पास 1 लाख की संपत्ति, शिवसेना के प्रत्याशी सुरेश कवासी ने 2 लाख की संपत्ति का ब्यौरा अपने शपथ पत्र में दिया है.

रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान गुरुवार 11 अप्रैल को होगा. पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव होंगे. बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बैदुराम कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के बीच चुनावी टक्कर होगी. दोनों प्रत्याशी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं.

BASTAR LOKSABHA

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से आयतुराम मंडावी भी चुनावी मैदान में हैं. बस्तर सीट पर 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इन 7 प्रत्यशियों में कांग्रेस के दीपक बैज, भाजपा के बैदुराम कश्यप, बसपा के आयतुराम मंडावी, कम्युनिस्ट पार्टी के रामु मोर्य, अम्बेडकरराइट पार्टी के पनीष प्रसाद नाग, समग्र क्रांति पार्टी के मंगलराम कर्मा, शिवसेना के सुरेश कवासी मैदान में हैं.

ऐसा है बैदुराम का राजनीतिक सफर
बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा ने लंबे इंतजार के बाद बैदुराम कश्यप को अपना प्रत्याशी उतारा है. कश्यप वर्तमान में भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं और दो बार चित्रकोट विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. बस्तर सीट पर पहले चरण में यानी कि 11 अप्रैल को मतदान होना है.

कश्यप तोकापाल ब्लॉक के मोरठपाल गांव के रहने वाले हैं. उनकी उम्र 45 वर्ष है. उनके पिता भी किसान हैं. पहले वे राजमिस्त्री थे. राजमिस्त्री के बाद बैदुराम का मुख्य व्यवसाय खेती किसानी में बदल गया. उन्होंने तोकापाल हाईस्कूल से 12वीं कला वर्गमें पास किया.

ऐसे हुई करियर की शुरुआत

  • बैदुराम कश्यप ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1993 से की.
  • वे सबसे पहले तोकापाल के भाजयुमो अध्यक्ष बनाये गये, जिसके बाद साल 1994 में पचांयत चुनाव में वे तोकापाल क्षेत्र से जनपद सदस्य चुने गये.
  • साल 1999 में बैदुराम जिला पंचायत सदस्य बने.
  • साल 2003 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बैदुराम को केशलूर विधानसभा से विधायक का टिकट दिया और वे कांग्रेस के प्रत्याशी मनुराम कच्छ को भारी मतों से हराकर चुनाव जीते.
  • साल 2008 में भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा शाह को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की और राज्य में भाजपा सरकार में वे बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने.तीसरी बार साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के युवा प्रत्याशी दीपक बैज के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
  • बीजेपी ने बाद में उन्हें बस्तर के भाजपा जिलाअध्यक्ष की कमान सौंपी और सहकारिता प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बनाए गए.
  • गरीब आदिवासी बच्चों को दी आश्रम की सौगात
  • मिलनसार होने की वजह से कश्यप दो बार चित्रकोट विधानसभा से चुनाव जीतकर आये. अपने विधायकी कार्यकाल में क्षेत्र में कई विकास कार्य किए,
  • विधानसभा क्षेत्र में हाइस्कूल और गरीब आदिवासी बच्चों को आश्रम की सौगात दी.


कांग्रेस के 'दशरथ मांझी' हैं दीपक बैज
बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने युवा नेता दीपक बैज को चुनावी मैदान में उतारा है. दीपक बैज वर्तमान में चित्रकोट विधानसभा सीट से विधायक है. दीपक ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी. NSUI के छात्रावास अध्यक्ष से शुरुआत करने के बाद वे कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बने और काफी लंबे समय तक इस पोस्ट पर सक्रिय रहे.

पंचायत चुनाव मे एक बार मिली हार के बाद दीपक ने दोबारा चुनाव लड़ने का ऐलान किया और जीत हांसिल कर अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य बन कर उभरे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने चित्रकोट विधानसभा सीट से टिकट दिया. इस चुनाव ने दीपक बैज की जिंदगी और राजनीतिक करियर एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया. बैज ने बीजेपी के कद्दावर नेता बैदुराम कश्यप को हराकर भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से टिकट दिया गया. इस बार दीपक ने अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी के लच्छुराम कश्यप को पटखनी देते हुए जीत हासिल की.

दीपक बैज लौहण्डीगुडी ब्लॉक के गड़िया गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता पेशे से किसान है और उनका भी मुख्य व्यवसाय खेती किसानी है. जगदलपुर के पीजी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने राजनीति में अपना करियर तलाशा और सफल हुए. दीपक बैज की धर्मपत्नी शिक्षाकर्मी के तौर पर काम करती हैं. बैज के विधानसभा क्षेत्र के लौहण्डीगुडा में टाटा कंपनी द्वारा स्टील प्लांट के लिए किसानों के भू-अधिग्रहण मामले में उन्होंने किसानों की जमीन वापस दिलाने प्रभावित किसानो के साथ लंबी लड़ाई लड़ी. इसे लेकर वह सुर्खियों में आये. साथ ही उन्होंने विपक्ष मे रहते हुए टाटा समेत अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी समस्याओं को भी विधानसभा सत्र मे बेबाक होकर सामने रखा. बैज ने प्रशासन को चुनौती देते हुए ग्रामीणों की मदद से ककनार में चट्टानों को तोड़कर सड़क का निर्माण कराया था.

जानें प्रत्याशियों की संपत्ति-
करोड़पति हैं बैदुराम कश्यप
भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी बैदुराम कश्यप की बात की जाए, तो वह इस बार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में अकेले करोड़पति हैं. उनकी संपत्ति बीते 6 साल में करीब 29 लाख बढ़ गई है. साल 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान चित्रकोट क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे बैदूराम कश्यप की कुल संपत्ति 1 करोड़ 39 लाख 11 हजार 162 रु थी. वहीं इस चुनाव में उतरने के बाद जमा किए गए शपथ पत्र के साथ उन्होंने अपनी संपत्ति 1 करोड़ 67 लाख 89 हजार 240 रु की बताई है. 2013 में जहां उनकी वार्षिक आय 5 लाख 75 हजार रुपए थी. वहीं यह बढ़कर 11 लाख 46 हजार हो गई है. कुल मिलाकर 6 सालों में आए तो दोगुनी से ज्यादा बड़ी है, लेकिन संपत्ति में 21 फीसदी ही इजाफा हुआ है. साल 2013 में वाहनों की कुल कीमत 33 लाख 91 हजार थी, तो अब इनकी वाहनों की कुल कीमत 17 लाख 20 हजार रह गई है.

दीपक बैज की संपत्ति
कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज के पास विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 31 लाख की संपत्ति थी, जो अब बढ़कर 56 लाख हो गई है. दीपक बैज ने विधानसभा चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र के आधार पर बीते 6 महीने में बैज की संपत्ति 25 लाख 39 हजार रु की बढ़ोतरी हुई है जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति में 1 लाख 27 हजार की कमी आई है. विधानसभा चुनाव के दौरान बैज ने जो अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था. उसमें 30 लाख, 92 हजार और पत्नी की संपत्ति 16 लाख, 17 हजार बताया था. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान हाल में दिए गए ब्योरा में अपनी संपत्ति 56 लाख, 31 हजार और पत्नी की 14 लाख 89 हजार रुपए बताया है. कुल मिलाकर चित्रकोट विधायक और कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी बैज की संपत्ति में 45.08 फ़ीसदी इजाफा हुआ है.

आयतुराम मंडावी (बसपा)
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी आयतु राम मंडावी की, तो उनके पास नकद 2 लाख और आभूषण 1 लाख 50 हजार के हैं. वहीं एक उनकी पैतृक जमीन भी है. कुल मिलाकर आयतु ने अपनी संपत्ति में 2 लाख 46 हजार रु दर्शायी है.

पनिष प्रसाद नाग (अम्बेडकर राइट पार्टी)
अंबेडकर राइट पार्टी के प्रत्याशी मनीष प्रसाद नाग नारायणपुर जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति ब्योरे में 21 लाख 44 हजार की दर्ज कराई है. इसमें इनकी पैतृक जमीन जिसकी कीमत 1लाख 86 हजार रु है. वहीं वाहन की बात की जाए, तो एक महिंद्रा पिकअप वाहन और एक बोलेरो वाहन व एक पल्सर बाइक है.

रामु मोर्य (सीपीआई)
सीपीआई पार्टी के प्रत्यशी रामु मौर्य के पास 50 हजार की संपत्ति और एक पैतृक जमीन है.वहीं समग्र क्रांति पार्टी के मंगलाराम कर्मा के पास 1 लाख की संपत्ति, शिवसेना के प्रत्याशी सुरेश कवासी ने 2 लाख की संपत्ति का ब्यौरा अपने शपथ पत्र में दिया है.

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रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान गुरुवार 11 अप्रैल को होगा. पहले चरण में छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर चुनाव होंगे. बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी बैदुराम कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के बीच चुनावी टक्कर होगी. दोनों प्रत्याशी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं. 



वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से आयतुराम मंडावी भी चुनावी मैदान में हैं. बस्तर सीट पर 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. इन 7 प्रत्यशियों में कांग्रेस के दीपक बैज, भाजपा के बैदुराम कश्यप, बसपा के आयतुराम मंडावी, कम्युनिस्ट पार्टी के रामु मोर्य, अम्बेडकरराइट पार्टी के पनीष प्रसाद नाग, समग्र क्रांति पार्टी के मंगलराम कर्मा, शिवसेना के सुरेश कवासी मैदान में हैं.



ऐसा है बैदुराम का राजनीतिक सफर

बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा ने लंबे इंतजार के बाद बैदुराम कश्यप को अपना प्रत्याशी उतारा है. कश्यप वर्तमान में भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं और दो बार चित्रकोट विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. बस्तर सीट पर पहले चरण में यानी कि 11 अप्रैल को मतदान होना है.

कश्यप तोकापाल ब्लॉक के मोरठपाल गांव के रहने वाले हैं. उनकी उम्र 45 वर्ष है. उनके पिता भी किसान हैं. पहले वे राजमिस्त्री थे. राजमिस्त्री के बाद बैदुराम का मुख्य व्यवसाय खेती किसानी में बदल गया. उन्होंने तोकापाल हाईस्कूल से 12वीं कला वर्गमें पास किया.

ऐसे हुई करियर की शुरुआत 

बैदुराम कश्यप ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1993 से की.

वे सबसे पहले तोकापाल के भाजयुमो अध्यक्ष बनाये गये, जिसके बाद साल 1994 में पचांयत चुनाव में वे तोकापाल क्षेत्र से जनपद सदस्य चुने गये.

साल 1999 में बैदुराम जिला पंचायत सदस्य बने.

साल 2003 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बैदुराम को केशलूर विधानसभा से विधायक का टिकट दिया और वे कांग्रेस के प्रत्याशी मनुराम कच्छ को भारी मतों से हराकर चुनाव जीते.

साल 2008 में भी उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा शाह को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की और राज्य में भाजपा सरकार में वे बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने.तीसरी बार साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन कांग्रेस के युवा प्रत्याशी दीपक बैज के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

बीजेपी ने बाद में उन्हें बस्तर के भाजपा जिलाअध्यक्ष की कमान सौंपी और सहकारिता प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बनाए गए.

गरीब आदिवासी बच्चों को दी आश्रम की सौगात

मिलनसार होने की वजह से कश्यप दो बार चित्रकोट विधानसभा से चुनाव जीतकर आये. अपने विधायकी कार्यकाल में क्षेत्र में कई विकास कार्य किए, 

विधानसभा क्षेत्र में हाइस्कूल और गरीब आदिवासी बच्चों को आश्रम की सौगात दी. 

कांग्रेस के 'दशरथ मांझी' हैं दीपक बैज

बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने युवा नेता दीपक बैज को चुनावी मैदान में उतारा है. दीपक बैज वर्तमान में चित्रकोट विधानसभा सीट से विधायक है. दीपक ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी. NSUI के छात्रावास अध्यक्ष से शुरुआत करने के बाद वे कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बने और काफी लंबे समय तक इस पोस्ट पर सक्रिय रहे.

पंचायत चुनाव मे एक बार मिली हार के बाद दीपक ने दोबारा चुनाव लड़ने का ऐलान किया और जीत हांसिल कर अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य बन कर उभरे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने चित्रकोट विधानसभा सीट से टिकट दिया. इस चुनाव ने दीपक बैज की जिंदगी और राजनीतिक करियर एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया. बैज ने बीजेपी के कद्दावर नेता बैदुराम कश्यप को हराकर भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से टिकट दिया गया. इस बार दीपक ने अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी के लच्छुराम कश्यप को पटखनी देते हुए जीत हासिल की.

दीपक बैज लौहण्डीगुडी ब्लॉक के गड़िया गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता पेशे से किसान है और उनका भी मुख्य व्यवसाय खेती किसानी है. जगदलपुर के पीजी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने राजनीति में अपना करियर तलाशा और सफल हुए. दीपक बैज की धर्मपत्नी शिक्षाकर्मी के तौर पर काम करती हैं. बैज के विधानसभा क्षेत्र के लौहण्डीगुडा में टाटा कंपनी द्वारा स्टील प्लांट के लिए किसानों के भू-अधिग्रहण मामले में उन्होंने किसानों की जमीन वापस दिलाने प्रभावित किसानो के साथ लंबी लड़ाई लड़ी. इसे लेकर वह सुर्खियों में आये. साथ ही उन्होंने विपक्ष मे रहते हुए टाटा समेत अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी समस्याओं को भी विधानसभा सत्र मे बेबाक होकर सामने रखा. बैज ने प्रशासन को चुनौती देते हुए ग्रामीणों की मदद से ककनार में चट्टानों को तोड़कर सड़क का निर्माण कराया था.

जानें प्रत्याशियों की संपत्ति- 

करोड़पति हैं बैदुराम कश्यप

भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी बैदुराम कश्यप की बात की जाए, तो वह इस बार चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में अकेले करोड़पति हैं. उनकी संपत्ति बीते 6 साल में करीब 29 लाख बढ़ गई है. साल 2013 में विधानसभा चुनाव के दौरान चित्रकोट क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे बैदूराम कश्यप की कुल संपत्ति 1 करोड़ 39 लाख 11 हजार 162 रु थी. वहीं इस चुनाव में उतरने के बाद जमा किए गए शपथ पत्र के साथ उन्होंने अपनी संपत्ति 1 करोड़ 67 लाख 89 हजार 240 रु की बताई है. 2013 में जहां उनकी वार्षिक आय 5 लाख 75 हजार रुपए थी. वहीं यह बढ़कर 11 लाख 46 हजार हो गई है. कुल मिलाकर 6 सालों में आए तो दोगुनी से ज्यादा बड़ी है, लेकिन संपत्ति में 21 फीसदी ही इजाफा हुआ है. साल 2013 में वाहनों की कुल कीमत 33 लाख 91 हजार थी, तो अब इनकी वाहनों की कुल कीमत 17 लाख 20 हजार रह गई है.

दीपक बैज की संपत्ति

कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज के पास विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 31 लाख की संपत्ति थी, जो अब बढ़कर 56 लाख हो गई है. दीपक बैज ने विधानसभा चुनाव के समय दिए गए शपथ पत्र के आधार पर बीते 6 महीने में बैज की संपत्ति 25 लाख 39 हजार रु की बढ़ोतरी हुई है जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति में 1 लाख 27 हजार की कमी आई है. विधानसभा चुनाव के दौरान बैज ने जो अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था. उसमें 30 लाख, 92 हजार और पत्नी की संपत्ति 16 लाख, 17 हजार बताया था. वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान हाल में दिए गए ब्योरा में अपनी संपत्ति 56 लाख, 31 हजार और पत्नी की 14 लाख 89 हजार रुपए बताया है. कुल मिलाकर चित्रकोट विधायक और कांग्रेस के सांसद प्रत्याशी बैज की संपत्ति में 45.08 फ़ीसदी इजाफा हुआ है.

आयतुराम मंडावी (बसपा)

बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी आयतु राम मंडावी की, तो उनके पास नकद 2 लाख और आभूषण 1 लाख 50 हजार के हैं. वहीं एक उनकी पैतृक जमीन भी है. कुल मिलाकर आयतु ने अपनी संपत्ति में 2 लाख 46 हजार रु दर्शायी है.

पनिष प्रसाद नाग (अम्बेडकर राइट पार्टी)

अंबेडकर राइट पार्टी के प्रत्याशी मनीष प्रसाद नाग नारायणपुर जिले के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी संपत्ति ब्योरे में 21 लाख 44 हजार की दर्ज कराई है. इसमें इनकी पैतृक जमीन जिसकी कीमत 1लाख 86 हजार रु है. वहीं वाहन की बात की जाए, तो एक महिंद्रा पिकअप वाहन और एक बोलेरो वाहन व एक पल्सर बाइक है.

रामु मोर्य (सीपीआई)

सीपीआई पार्टी के प्रत्यशी रामु मौर्य के पास 50 हजार की संपत्ति और एक पैतृक जमीन है.वहीं समग्र क्रांति पार्टी के मंगलाराम कर्मा के पास 1 लाख की संपत्ति, शिवसेना के प्रत्याशी सुरेश कवासी ने 2 लाख की संपत्ति का ब्यौरा अपने शपथ पत्र में दिया है.

 


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