जगदलपुर: बस्तर की आदिवासी संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के लिए शुरू किए गए चित्रकोट महोत्सव से पूरे बस्तर की ख्याति देश-विदेश में पहुंच रही है. इसका प्रमाण है यह है कि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक पर्यटक यहीं आते हैं. एक साल में ही देश-विदेश से आए पर्यटकों से एक करोड़ रुपए से ज्यादा की आय हुई है. यह बातें चित्रकोट महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद बस्तर सांसद दीपक बैज ने कही है.
दूसरे जलप्रपातों में भी होगा मेले का आयोजन
महाशिवरात्रि पर्व पर हर साल की तरह इस साल भी तीन दिवसीय चित्रकोट महोत्सव का आयोजन किया गया. महोत्सव के समापन के अवसर पर बस्तर सांसद दीपक बैज ने कहा कि कोरोना के कारण उत्पन्न हुए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इस वर्ष अधिक भव्य रूप में इस महोत्सव का आयोजन किया गया. जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन के जज्बे को दिखाता है. उन्होंने कहा कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही उच्च स्तर के खेलकूद भी आयोजित किए गए. खेलकूद में वाॅलीबाल, कबड्डी और रस्साकस्सी का आयोजन किया गया, जिसका दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया. उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति में मेले-मंड़ई का अलग स्थान है. अब बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मेंदरी घुमर और तामड़ा घुमर जलप्रपात में भी मेले का आयोजन किया जाएगा.
सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताएं
हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप ने कहा कि इन तीन दिनों में सभी कलाकारों और खिलाड़ियों ने अपने उम्दा प्रदर्शन के माध्यम से दर्शकों का दिल जीता. वहीं राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने आदिवासी कला और संस्कृति को संजोकर रखा जिस कारण महोत्सव के भव्य आयोजन में काफी मदद मिली.
राज्य के कोने-कोने से पहुंचे थे लोग
तीन दिवसिय महोत्सव में बड़ी संख्या में ना सिर्फ बस्तर जिले से बल्कि पूरे संभाग और राज्य के कोने-कोने से पहुंचे हुए थे. बस्तर सांसद और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि आने वाले समय में चित्रकोट महोत्सव को और भी भव्य रुप से मनाया जाएगा.