जगदलपुर: शराब दुकानों को लेकर हजारों महिलाएं गुरुवार को सड़क पर उतर विरोध करने लगी. दरअसल, शहर के बीचोबीच शराब दुकान होने से लोगों को कई तरह की दिक्कतें हो रही है. खासकर महिलाओं को शराबियों से ज्यादा खतरा रहता है. ऐसे में शराब दुकान को शहर से बाहर करने की मांग को लेकर गुरुवार को हजारों महिलाएं सड़क पर उतरीं.
हजारों महिलाएं हुई रैली में शामिल: दरअसल, गुरुवार को जगदलपुर के जागरूक युवा समूह आसरा दर्शन ग्रुप ने जगदलपुर के कृषि मंडी में धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद शहर में रैली निकालकर जमकर बघेल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस रैली में हजारों की तादाद में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाएं शामिल हुई. रैली में ग्रामीणों की अपेक्षा शहरी महिलाओं की संख्या अधिक थी. सभी महिलाएं हांथो में तख्ती लेकर शराब दुकान को बाहर करने की मांग करते नजर आईं.
दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग: इस दौरान समूह के युवा सुभाष बघेल ने बताया कि "आसरा दर्शन के नाम से बस्तर के जागरूक युवाओं ने एक समूह बनाया है. इस ग्रुप के माध्यम से सामाजिक व्यवस्था को सहीं करने का प्रयास किया जाता है. फिलहाल जगदलपुर शहर के बीच शराब की दुकानें है. इससे काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि इन शराब दुकानों के पास अस्पताल, मंदिर, स्कूल और अन्य सामाजिक स्थल है. शाम के वक्त इन रूटों से आने जाने वाले महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ की जाती है. ऐसे में हम इन दुकानों को शहर के बाहर शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को दिक्कत न हो."
कांंग्रेस ने किया था शराबबंदी का वादा: बता दें कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शराबबंदी कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा था. कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था. हालांकि सरकार बनने के बाद खुद कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कोई पहल नहीं की है. यही कारण है कि लगातार विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर बघेल सरकार को घेरने का काम कर रही है.