बस्तर: प्रकृति से भरपूर बस्तर के पर्यटन स्थलों (bastar Home stay) को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने एक नई पहल 'होम स्टे' शुरू (home stay statrted) की है. होमस्टे को बस्तर में काफी पॉजिटिव (Home Stay Cottage for tourists to stay in Bastar) रिस्पॉन्स मिल रहा है. दरअसल, प्रकृति ने बस्तर की खूबसूरती को रचने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. यहां एक राह अगर मुड़ती है तो एक नई राह आकर जुड़ती है. यही वजह है कि इस बस्तर की खूबसूरती को निहारने के लिए प्रतिवर्ष भारत के अलावा विदेशों से भी सैकड़ों की संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं और बस्तर की खूबसूरत संस्कृति से रूबरू होकर नैसर्गिक सुंदरता की तारीफ भी करते हैं.
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जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने सैलानियों के लिए 'होम स्टे' पर्यटन कॉटेज की शुरुआत की है. जिसके तहत सैलानी महंगे होटलों में नहीं रुक कर वे ग्रामीण क्षेत्रों के 'होम स्टे' जिसे जिला प्रशासन ने पूरे ग्रामीण परिवेश में बनाया है. सैलानी उस स्थान पर रुककर बस्तरवासियों की कला, संस्कृति, वेशभूषा और बस्तरिया व्यंजन से रूबरू होंगे और बस्तर को करीब से देखेंगे और समझेंगे.
'होम स्टे' के माध्यम से सैलानी सीधे ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचेंगे
बस्तर के कलेक्टर रजत बंसल (Bastar Collector Rajat Bansal) ने बताया कि बस्तर में अमूमन यह देखा जाता है कि विदेशी सैलानी बस्तर पहुंचकर महंगे होटल में रुका करते हैं और अगली सुबह वे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों से रूबरू होने और पर्यटन स्थलों की सुंदरताओं को निहारने पहुंचते हैं. अब इस 'होम स्टे' के माध्यम से सैलानी सीधे ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचेंगे. जिसके बाद उन्हें बस्तरवासियों को समझने में ज्यादा आसानी होगी.
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'होम स्टे' के 20 मकान होंगे तैयार
उन्होंने बताया कि बस्तर जिले के नेतानार, दरभा, चित्रकोट, तीरथगढ़ इन इलाकों में 'होम स्टे' के 20 मकान तैयार हो चुके हैं. बाकी अन्य जगहों पर काम जारी है. ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो चुके होमस्टे में इन दिनों सैलानी ठहर रहे हैं. होम स्टे को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.