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इंद्रावती नदी को बचाने के लिए राज्योत्सव के दिन होगा सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह

इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती जनजागरण अभियान के तहत राज्य स्थापना दिवस के दिन सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा.

Indicative satyagraha will be held on the day of Rajyotsav in jagdalpur
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Published : Oct 31, 2019, 8:35 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती जनजागरण अभियान के तहत राज्य स्थापना दिवस के दिन सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा. सत्याग्रह का मूल उद्देश्य इंद्रावती नदी को बचाने का है. 1 नवंबर शुक्रवार को इंद्रावती नदी तट पुराना पुल के पास सुबह 7 से 9 बजे तक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह होगा.

इंद्रावती नदी को बचाने के लिए राज्योत्सव के दिन होगा सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह

इंद्रावती नदी बचाओ मंच के सदस्य दशरथ कश्यप ने बताया कि मंच के सदस्य इस सत्याग्रह के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षण कराएंगे. साथ ही सरकार को बताया जाएगा कि प्राधिकरण गठन की घोषणा के बाद भी अब तक जमीनी स्तर पर नदी को बचाने के लिए कोई काम शुरू नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने की घोषणा के 6 महीने बाद भी मामले में न तो अधिकारियों की नियुक्ति हुई है और न ही प्राधिकरण का गठन किया गया है. ऐसे में सरकार का इस ओर ध्यानआकर्षण के लिए पुराना पुल इंद्रावती नदी तट पर सत्याग्रह का फैसला लिया गया है.

पढ़ें :रायपुर: राज्योत्सव में नहीं शामिल होंगी सोनिया गांधी, दौरा रद्द

इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की हुई थी घोषणा

इससे पहले भी बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए शहर के तमाम लोगों के साथ इंद्रावती बचाओ मंच के साथ 130 किलोमीटर की पदयात्रा की गई थी. जिसके बाद छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की घोषणा की थी, लेकिन प्राधिकरण को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं है. जिसे लेकर राज्य गठन के दिन मंच के सदस्यों ने जल सत्याग्रह करने का मन बनाया है.

जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती जनजागरण अभियान के तहत राज्य स्थापना दिवस के दिन सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा. सत्याग्रह का मूल उद्देश्य इंद्रावती नदी को बचाने का है. 1 नवंबर शुक्रवार को इंद्रावती नदी तट पुराना पुल के पास सुबह 7 से 9 बजे तक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह होगा.

इंद्रावती नदी को बचाने के लिए राज्योत्सव के दिन होगा सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह

इंद्रावती नदी बचाओ मंच के सदस्य दशरथ कश्यप ने बताया कि मंच के सदस्य इस सत्याग्रह के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षण कराएंगे. साथ ही सरकार को बताया जाएगा कि प्राधिकरण गठन की घोषणा के बाद भी अब तक जमीनी स्तर पर नदी को बचाने के लिए कोई काम शुरू नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने की घोषणा के 6 महीने बाद भी मामले में न तो अधिकारियों की नियुक्ति हुई है और न ही प्राधिकरण का गठन किया गया है. ऐसे में सरकार का इस ओर ध्यानआकर्षण के लिए पुराना पुल इंद्रावती नदी तट पर सत्याग्रह का फैसला लिया गया है.

पढ़ें :रायपुर: राज्योत्सव में नहीं शामिल होंगी सोनिया गांधी, दौरा रद्द

इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की हुई थी घोषणा

इससे पहले भी बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए शहर के तमाम लोगों के साथ इंद्रावती बचाओ मंच के साथ 130 किलोमीटर की पदयात्रा की गई थी. जिसके बाद छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की घोषणा की थी, लेकिन प्राधिकरण को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं है. जिसे लेकर राज्य गठन के दिन मंच के सदस्यों ने जल सत्याग्रह करने का मन बनाया है.

Intro:जगदलपुर । बस्तर की प्राणदायनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए शुरू की गई इंद्रावती जनजागरण अभियान के द्वारा राज्य स्थापना दिवस के दिन 1 नवंबर को संकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह का आयोजन किया जा रहा है।सत्याग्रह का मूल उद्देश्य इंद्रावती नदी को बचाना है। 1 नवंबर शुक्रवार को इंद्रावती नदी तट पुराना पुल के पास सुबह 7 बजे से 9 बजे तक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह किया जाना प्रस्तावित किया गया है ।




Body:इंद्रावती नदी बचाओ मंच के सदस्य दसरथ कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि मंच द्वारा इस सत्याग्रह के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षण करना है की प्राधिकरण गठन की घोषणा के बाद अब तक जमीनी स्तर में नदी को बचाने कोई काम शुरू नही किया गया है। घोषणा किये 6 महीने बीत जाने के बाद भी न ही किसी अधिकारी की नियुक्ति की गई है। और न ही प्राधिकरण का गठन किया गया है। ऐसे में सरकार का इस ओर ध्यानआकर्षण करने कल शहर के पुराना पुल इंद्रावती नदी तट पर सत्याग्रह करने का निर्णय लिया गया है।



Conclusion:दर्शन बस्तर की प्राण दायिनी इंद्रावती को बचाने शहर के गणमान्य नागरिकों द्वारा इंद्रावती बचाओ मंच का गठन कर एक आंदोलन चलाया गया था जिसमें 130 कि.मी तक कि 14 दिन की पदयात्रा की गई। जिसके बाद छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की घोषणा की थी पर प्राधिकरण को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही। जिसके चलते राज्य गठन के दिन मंच के सदस्यों ने जल सत्याग्रह करने का मन बनाया है।

बाईट1-दशरथ कश्यप, संयोजक इंद्रावती मंच बचाओ
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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