जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए इंद्रावती जनजागरण अभियान के तहत राज्य स्थापना दिवस के दिन सांकेतिक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह का आयोजन किया जाएगा. सत्याग्रह का मूल उद्देश्य इंद्रावती नदी को बचाने का है. 1 नवंबर शुक्रवार को इंद्रावती नदी तट पुराना पुल के पास सुबह 7 से 9 बजे तक ध्यानाकर्षण सत्याग्रह होगा.
इंद्रावती नदी बचाओ मंच के सदस्य दशरथ कश्यप ने बताया कि मंच के सदस्य इस सत्याग्रह के माध्यम से शासन का ध्यानाकर्षण कराएंगे. साथ ही सरकार को बताया जाएगा कि प्राधिकरण गठन की घोषणा के बाद भी अब तक जमीनी स्तर पर नदी को बचाने के लिए कोई काम शुरू नहीं किया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने की घोषणा के 6 महीने बाद भी मामले में न तो अधिकारियों की नियुक्ति हुई है और न ही प्राधिकरण का गठन किया गया है. ऐसे में सरकार का इस ओर ध्यानआकर्षण के लिए पुराना पुल इंद्रावती नदी तट पर सत्याग्रह का फैसला लिया गया है.
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इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की हुई थी घोषणा
इससे पहले भी बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को बचाने के लिए शहर के तमाम लोगों के साथ इंद्रावती बचाओ मंच के साथ 130 किलोमीटर की पदयात्रा की गई थी. जिसके बाद छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इंद्रावती प्राधिकरण बनाने की घोषणा की थी, लेकिन प्राधिकरण को लेकर अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं है. जिसे लेकर राज्य गठन के दिन मंच के सदस्यों ने जल सत्याग्रह करने का मन बनाया है.