जगदलपुर: बस्तर में बारिश लोगों के लिए आफत बनकर आई है. लगातार हुई बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. अब जब बारिश थम चुकी है, तो समस्याओं के हालात सामने आए हैं.
इस आफत की बारिश ने अब तक केवल जगदलपुर शहर में ही लगभग दो दर्जन से अधिक कच्चे मकान गिरा दिए हैं. वहीं तीन लोगों की मौत भी हो गई है. हालांकि नगर निगम और जिला प्रसाशन ने प्रभावितों को तात्कालिक सहायता देते हुए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है. उनके नुकसान की भरपाई की व्यवस्था किये जाने का भी आश्वासन दिया है.
देर से बस्तर पहुंचा मानसून
सावन में बारिश का इंतजार तो सभी को रहता है पर ऐसी आफत की बारिश की उम्मीद किसी को नहीं थी. इस बार देर से बस्तर पहुंचे मानसून ने जहां एक ओर किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी है, तो अब गरीब परिवारों से उनका सबकुछ छिन लिया है.
बाल-बाल बची जान
जगदलपुर शहर में ही अब तक तकरीबन दो दर्जन से अधिक कच्चे मकान बारिश की वजह से गिर गए हैं. प्रभावितों में से एक लखमुराम बताते हैं कि उनका मकान कच्चा था और रात में जब वे अपने परिवार के साथ घर में सो रहे थे तब उनका आधा मकान गिर गया, नुकसान तो हुआ पर गनीमत यह रही कि परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित हैं.
मदद का मिला आश्वासन
जिला प्रशासन ने मदद का आश्वासन तो दिया है पर समय सीमा निर्धारित नहीं है. वहीं सुशीला बघेल बताती हैं कि उनका मकान भी पूरी तरह से गिर चुका है. दैनिक उपयोग के सारे सामान मकान के मलबे में दब गए हैं. इस तकलीफ के समय में उन्हें दूसरों के घर में आश्रय लेना पड़ रहा है. अब सरकार की सहायता के बाद ही वे वापस अपने घर में रह पाएंगी.
चेतावनी का कोई असर नहीं
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि सभी निचली बस्तियों में रहने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए सुरक्षित स्थानों पर चले जाने के निर्देश दिए थे. उनके ठहरने की व्यवस्था किये जाने की जानकरी दी थी, लेकिन जिला प्रशासन के इन तमाम व्यवस्थाओं के दावों के बावजूद इस आफत की बारिश ने कइयों के आशियानें छिन लिए.
मृतकों के परिजनों को 4 लाख
जिनके घरों में हादसे की वजह से मौत हुई, उन्हें जिला प्रशासन ने 4 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई है. वहीं जिनके मकान गिरे हैं, उनके नुकसान का आकलन राजस्व विभाग कर रहा है. इस संबंध में जगदलपुर के महापौर जतिन जायसवाल ने बताया कि जल्द ही राजस्व विभाग प्रभावितों के मकान का निरीक्षण करेगा, लेकिन आकलन करने में लगभग दो महीने का समय लगेगा. तब तक उनके रैन बसेरा में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है.