जगदलपुर: बस्तर पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझा ली है. बर्तन व्यापारी की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दिनों शहर के कुम्हारपारा के रहने वाले बर्तन व्यापारी संतोष जैन की लाश तोकापाल ब्लॉक के रायकोट इलाके में मिली थी. पुलिस हत्या की आशंका जताते हुए लगातार इस मामले की छानबीन में लगी हुई थी.
पुलिस ने आरोपियों के पास से धारदार हथियार, 4 मोबाइल फोन, बिजली का तार और फिरौती की रकम में से 2 लाख 83 हजार रुपये बरामद किए हैं. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उन्होंने पैसे के लालच में आकर बर्तन व्यापारी का अपहरण और पकड़े जाने की डर से उसकी हत्या करने की बात कबूल की है.
सोना खपाने की बात कह कर मृतक को बुलाया था
बस्तर एएसपी ओमप्रकाश शर्मा ने इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों में से उमेश यादव और उसके अन्य 3 साथी पहले से ही संतोष जैन से परिचित थे. उमेश यादव ने संतोष जैन को 24 अक्टूबर को फोन कर उसके पास 2 किलो सोना होने की बात कहते हुए और इसे खपाने के लिए झांसा देते हुए संतोष जैन को अपने पास बुलाया. क्योंकि संतोष जैन उमेश यादव का पूर्व से ही परिचित था. ऐसे में संतोष जैन वहां पहुंच गया और उमेश यादव के साथ वहाँ पहले से ही मौजूद अन्य तीन ने उसका अपहरण कर लिया.
फिरौती लेने के बाद भी नहीं छोड़ा
एएसपी ने बताया कि शहर से लगे नियानार इलाके में एक सूनसान मकान में संतोष जैन को अपने कैद में रखा और उसके परिवार वालों से अपरहण करने की बात कहते हुए 5 लाख रुपए फिरौती की मांग की. जिसके बाद परिजनों ने 25 अक्टूबर को आरोपियों के बताए गए तय स्थान पर 5 लाख रुपए भी ड्राइवर के हाथों भिजवा दिए, लेकिन आरोपियों ने संतोष जैन को नहीं छोड़ा, जिसके बाद परिजनों ने कोतवाली थाने में संतोष जैन के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और उनके अपरहण की बात बताई.
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पकड़े जाने के डर से कर दी हत्या
26 अक्टूबर को उमेश यादव के पास मौजूद ट्रक में बर्तन व्यापारी को अपने साथ ले जाकर चारों आरोपियों ने तोकापाल ब्लॉक के रायकोट इलाके में उसकी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी. एएसपी ने बताया कि आरोपियों ने संतोष जैन के रिहा करने के बाद उसकी शिकायत पर पकड़े जाने की डर से उसकी हत्या कर दी. 29 अक्टूबर को पुलिस को रायकोट के समीप संतोष जैन की हाथ बंधी हुई लाश मिली और पुलिस जांच में लग गई.
आरोपियों ने कबूल किया जुर्म
एएसपी ने बताया कि शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे और साइबर सेल की मदद से लगातार आरोपियों की पतासाजी की जा रही थी. संदेह के आधार पर पुलिस ने उमेश यादव और उसके तीन अन्य साथी गुड्डा, आजमन सेठिया, जैकी को अपने हिरासत में लिया और उनसे लगातार कड़ाई से पूछताछ की जा रही थी. आखिरकार सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
पुलिस चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज करते हुए रिमांड पर लेकर जेल भेजने की तैयारी कर रही है. वहीं पुलिस ने आरोपियों के पास से इस वारदात में शामिल ट्रक, दो मोटरसाइकल और एक जली हुई स्कूटी वाहन को भी जब्त किया है. एएसपी ने बताया कि फिरौती की रकम में से आरोपियों ने 2 लाख 17 हजार रुपए खर्च कर दिए हैं.