जगदलपुर: प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर सत्ता का दुरुपयोग करके लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है. पूर्व मंत्री ने नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन को जानबूझकर निरस्त करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है.
पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप का आरोप है कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस सरकार खुलकर सत्ता का दुरुपयोग कर रही है. सरकार प्रशासन पर दबाव बनाकर भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर रही है. प्रशासन जिन मामलों को लेकर प्रत्याशियों का नामाकंन निरस्त कर रही है उस पर ऐसा कोई आपराधिक प्रकरण नहीं बनता जिससे फॉर्म निरस्त किए जा रहे हैं.
नोटिस जारी किए बिना की कार्रवाई : पूर्व मंत्री
कश्यप ने कहा कि प्रताप देव वार्ड में भाजपा प्रत्याशी की NOC को समय सीमा खत्म होने का हवाला देते हुए जानबूझकर उनके नामांकन को निरस्त कर दिया गया. प्रशासन ने प्रत्याशी का NOC गलत पाए जाने पर न ही कोई नोटिस जारी किया और न ही सुनवाई का मौका दिया. केदार ने कहा कि सिर्फ जगदलपुर में ही नहीं बल्कि नारायणपुर और कोण्डागांव में भी कांग्रेस ने प्रशासन पर दबाव बनाते हुए भाजपा के चार से ज्यादा प्रत्याशियों के नामांकन में गड़बड़ी पाए जाने का हवाला देते हुए उनके फॉर्म निरस्त कर दिए गए हैं.
चुनाव में पारदर्शिता नहीं : पूर्व मंत्री
पूर्व मंत्री ने कहा कि जगदलपुर प्रवीर वार्ड के कांग्रेस प्रत्याशी समेत कोंडागांव के एक प्रत्याशी पर आपराधिक रिकॉर्ड है. लेकिन उनके फॉर्म निरस्त नहीं किए गए. ऐसे में प्रशासन सरकार के दबाव में आकर भाजपा के ही प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर रही है. केदार कश्यप ने कहा कि विधानसभा चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी पारदर्शिता नहीं दिखाई दे रही है. उन्होंने कहा कि इस निरस्तिकरण के खिलाफ वे राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत करने के साथ हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे.
कांग्रेस ने आरोप को बताया बेबुनियाद
इधर कांग्रेस ने भाजपा के इस आरोप को बेबुनियाद बताया है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष का कहना है कि सरकार पारदर्शिता से अपना काम कर रही है. भाजपा के लोग आरोप तो लगा सकते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर इसे साबित नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रत्याशी अपनी गलतियों को मानने की बजाय कांग्रेस पर इस तरह के अर्नगल आरोप लगा रहे हैं.