जगदलपुर: छत्तीसगढ़ सरकार किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने का दावा करती है लेकिन बस्तर में जमीनी हकीकत कुछ और ही है. कुरूषपाल गांव के 24 किसान सरकार इस दावे की पोल खोल रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनके पास टोकन है और धान बेचना भी चाहते हैं, लेकिन लैम्प्स ने यह कहते हुए धान लेने से मना कर दिया कि उनके पास बारदाना नहीं है. ऐसे में किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं.
मजबूरी में बिचौलियों को बेच रहे धान
किसानों के ऊपर लाखों का कर्ज है. अब अपना और परिवार का पेट भरने के लिए धान को बिचौलियों के पास बेचने के अलावा किसान के पास कोई और रास्ता नहीं है. किसानों की इस मजबूरी का बिचौलिए भी फायदा उठा रहे हैं. बिचौलिए किसानों से महज 1200-1300 रुपये प्रति क्विंटल यानी आधी कीमत में धान खरीद रहे हैं.
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जानबूझकर नहीं खरीद रहे धान:किसान
किसानों का यह भी आरोप है कि लैम्प्स प्रबंधक ने जानबूझकर कुरूषपाल गांव के किसानों का धान नहीं लिया. वे अपना करीब 3 हजार क्विंटल धान लैम्प्स में नहीं भेज पाए.
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पूरे क्षेत्र में 200 किसानों का नहीं बिका है धान
घोटिया लैम्प्स मैनेजर के मुताबिक 3 मई के बाद उनके लैम्पस में बारदाना नहीं आया है. बारदाना मंगवाने के लिए जिम्मेदारों को जानकारी दी गई है. बारदाने खत्म होने की वजह से टोकनधारी किसानों का धान नहीं खरीदा गया. उनके लैम्प्स में करीब 200 किसान अपना धान नहीं बेच सके हैं. यहां 21 हजार क्विंटल धान की कम खरीदी हुई है. लैम्प्स प्रबंधक तुलसीराम बघेल ने सफाई दी है कि किसानों ने उनके ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार है. बारदाने की कमी की वजह से ही धान खरीदी नहीं हुई है.
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पढ़ें- कवर्धा: महीनों के इंतजार के बाद खरीदा गया टोकनधारी किसानों का धान
जिला विपणन अधिकारी आरबी सिंह का कहना है कि घोटिया के कुरूसपाल में 24 किसानों को ट्रेस किया गया है, जिन्होंने टोकन लिया लेकिन वे अपना धान नहीं बेच पाए. अंतिम दिनों में उनका नाम सॉफ्टवेयर में डिस्प्ले नहीं हो रहा था, इसलिए उनका धान नहीं खरीदा जा सका. अधिकारी ने जांच का भरोसा दिया है. उनका कहना है कि जांच के बाद संबंधित लैम्प्स मैनेजर पर कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें- रायपुर: बचे हुए 4 हजार 549 टोकनधारी किसानों का 20 मई से खरीदा जाएगा धान
बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के मुताबिक कई किसान खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पाए थे. उन टोकनधारी किसानों के धान की खरीदी 20 मई से की जाएगी. मुख्यमंत्री की घोषणा को पूरा करते हुए 4 हजार 549 टोकनधारी किसानों से 2 लाख 803 क्विंटल धान खरीदा जाएगा. जिसका मूल्य 36 करोड़ 64 लाख 66 हजार 442 रुपए होगा. राज्य सरकार की ओर से बचे हुए किसानों की धान खरीदी समर्थन मूल्य पर 20, 21, 22 मई तक होगी. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है.