जगदलपुर: शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. बस्तर की आराध्य देवी माई दंतेश्वरी के मंदिर में नवरात्र के पहले दिन विशेष पूजा अर्चना की गई. रियासत काल से ही मां दंतेश्वरी के प्रति लोगों में गहरी आस्था रही है. यहीं वजह है कि छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि बाकी राज्यों से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु दंतेश्वरी मंदिर में मां के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस साल आम श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. बस्तर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बस्तर दशहरा समिति और जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है. मंदिर में केवल पुजारी, जनप्रतिनिधि और दशहरा समिति के लोग ही अगले 9 दिनों तक मां दंतेश्वरी की आरती और विशेष पूजा अर्चना करेंगे.
नवरात्र के मौके पर हर साल सुबह से ही देवी के मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है. माई दंतेश्वरी बस्तर की कुलदेवी मानी जाती हैं, श्रद्धालुओं का कहना है कि रियासत काल से ही देवी के प्रति लोगों में अपार आस्था है. इसलिए दूर दराज से लोग मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए बस्तर पहुंचते हैं और हजारों की संख्या में मनोकामना दीप जलाकर माई से मन्नतें मांगते हैं. इतिहास में यह पहली बार होगा जब बस्तर दशहरा और नवरात्रि पर्व के मौके पर किसी भी श्रद्धालु को दंतेश्वरी मंदिर या अन्य देवी मंदिरों में जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंदिर के बाहर पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं, जो यहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं को भीतर जाने से रोक रहे हैं.
बस्तर दशहरा की रस्मों में शामिल नहीं होंगे श्रद्धालु
आम श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और यूट्यूब के जरिए माई के दर्शन के लिए यह सुविधा बनाई है कि लोग घर में ही बैठकर मां दंतेश्वरी का दर्शन कर सकें. वहीं कोरोना की वजह से इस बार बस्तर दशहरा में हजारों की संख्या में जुटने वाले पर्यटक और स्थानीय श्रद्धालु पर्व के रस्मो में शामिल नहीं हो पाएंगे.