जगदलपुर: पूरे देश में अनलॉक के बाद यात्री ट्रेन शुरू की जा रही है, लेकिन बस्तर में यात्री ट्रेनों का संचालन अबतक बहाल नहीं हुआ है. बस्तर में विशाखापट्टनम, कोलकाता और भुवनेश्वर तक जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग यात्री ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बस्तर में ट्रेनों को हरी झंडी नहीं मिली है. वहीं 1 नवंबर से ट्रेन शुरू करने की बात कही जा रही थी, लेकिन फिर ट्रेनों के संचालन का काम अटक गया है.
22 मार्च के बाद से लगभग 7 महीने बीत चुके हैं और बस्तर में यात्री ट्रेनों का आवागमन पूरी तरह से बंद है. ऐसे में विशेषकर दूसरे राज्यों में इलाज करवाने के लिए लोगों को निजी गाड़ियों में हजारों रुपये खर्च कर हैदराबाद, विशाखापट्टनम और ओडिशा आने-जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. बस्तरवासियों ने केंद्र सरकार से बस्तर में सभी यात्री ट्रेनों को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है.
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बस्तर से यात्री ट्रेनों का संचालन बंद होने से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग हो रहे हैं जिन्हें विशाखापट्टनम के अस्पतालों में नियमित रूप से इलाज के लिए जाना पड़ता है. बावजूद इसे लेकर कोई योजना विशाखापटनम रेल मंडल नहीं बना पाया है. इधर, निजी वाहन बुक करके जाने में लोगों को 8 से 10 हजार रुपये खर्च करना पड़ रहा है. आम लोगों के लिए इतने रुपये खर्च कर पाना मुश्किल हो रहा है.
जरूरी सामानों का आयात पड़ा ठप
यात्री ट्रेनों के परिचालन बंद होने से बस्तर के व्यापारियों को भी काफी परेशानी हो रही है. चूंकि बस्तर से चलने वाली 4 ट्रेने समलेश्वरी एक्सप्रेस, हीराखंड एक्सप्रेस, विशाखापट्टनम नाईट एक्सप्रेस और सुबह चलने वाले पैसेंजर ट्रेन व्यापारिक दृष्टिकोण से बस्तर के व्यवसायियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि इन ट्रेनों के माध्यम से ही बस्तर के सभी कपड़ा व्यवसायी और अन्य व्यापार से जुड़े व्यवसायियों द्वारा सामानों का आयात किया जाता है.
व्यवसायियों को भी करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना
पिछले 7 महीने से यात्री ट्रेनों के बंद होने से व्यवसायियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. व्यवसायियों का कहना है कि सभी यात्री ट्रेनों के बंद होने से नई वस्तुओं की खरीददारी नहीं हो पा रही है. ऐसे में पुराने सामानों को ना चाहकर भी ज्यादा दामों में बेचने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ेगा. व्यापारियों के सामानों का आयात भी बंद हो गया है. त्योहार का सीजन है ऐसे में व्यापारियों को व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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इधर, भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार केंद्र शासन से ट्रेनों को शुरू करने की मांग की जा रही है. जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने भी केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बस्तर में यात्री ट्रेन शुरू करने की मांग की है. युवा आयोग के पूर्व सदस्य और भाजपा नेता संग्राम सिंह राणा ने भी वर्तमान सांसद और पूर्व सांसद को पत्र लिखकर जल्द से जल्द बस्तर में यात्री ट्रेन सेवा शुरू करवाने की मांग की है.
रेल सेवा बहाल करने की मांग
संग्राम राणा का कहना है कि बस्तर में चलने वाली सभी यात्री ट्रेन बस्तरवासियों के लिए लाइफलाइन मानी जाती है. पिछले 7 महीने से यह सेवा बंद होने की वजह से बस्तरवासियों को दूसरे राज्य में आवागमन और स्वास्थ्य सुविधा के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर सांसद दीपक बैज ने भी लगातार उठ रही मांग को देखते हुए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर बस्तर में जल्द से जल्द रेल सेवा बहाल करने की मांग की है.
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केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल सांसद करेंगे मुलाकात
सांसद ने कहा कि जिस तरह से हीराखंड एक्सप्रेस को केवल ओडिशा के कोरापुट तक संचालन किया जा रहा है. वापस इसे जगदलपुर तक चलाये जाने की मांग की है. साथ ही समलेश्वरी एक्सप्रेस, हीराखंड एक्सप्रेस, विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस को फिर से उनके निर्धारित समय पर बस्तर से संचालन किये जाने की भी मांग की गई है. दीपक बैज ने कहा कि आगामी दिनों में वह दिल्ली जाकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर बस्तर में रेल सेवा को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने की मांग भी करेंगे.
यात्री ट्रेनों के संचालन को लेकर नहीं कोई गाइडलाइन
जगदलपुर रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेनों के संचालन को लेकर कोई भी गाइडलाइन नहीं मिली है. फिलहाल, यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए कोई आदेश नहीं है. हालांकि, स्टेशन मास्टर का कहना है कि जैसे ही कोई गाइडलाइन या आदेश मिलता है तो ट्रेनों के संचालन की तैयारी की जाएगी. पिछले 1 साल से जगदलपुर-दुर्ग एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन को भी बंद कर दिया गया है और इस ट्रेन को भी दोबारा शुरू करने की मांग बस्तरवासियों ने की है. वहीं रेल मंडल ने मालवाहक रेलगाड़ियों की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया है.