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सांसद दीपक बने बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष, पहली बार मांझी को मिली उपाध्यक्ष की कमान

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Published : Aug 19, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

बस्तर दशहरा समिति की रविवार को बैठक हुई, जिसमें बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.

बस्तर के सांसद दीपक बैज को बस्तर दशहरा समिति का अध्यक्ष बनाया गया

जगदलपुर : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा समिति की रविवार को पहली बैठक हुई, जिसमें बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया. वहीं दशहरा पर्व में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मांझी चालकियों में सबसे वरिष्ठ अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है.

बस्तर के सांसद दीपक बैज को बस्तर दशहरा समिति का अध्यक्ष बनाया गया

यह पहला मौका है जब मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष को समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाता था. इसके अलावा सांसद दीपक बैज ने इस बार बस्तर दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाने का निर्णय लिया है. साथ ही बस्तर सासंद ने पर्यटकों को बढावा देने के लिए प्रशासन और अन्य सभी स्तर में हरसंभव प्रयास करने की बात कही है.

मांझी चालकियों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका मांझी चालकियों की होती है. बस्तर संभाग के सभी जिलो से विशेष जाति के लोगों को मांझी चालकी बनाया जाता है, जिनका कार्य बस्तर दशहरा समिति के सभी महत्वपूर्ण रस्मों को रिति-रिवाज के साथ सम्पन्न कराने का दायित्व होता है और दशहरा पर्व में मांझी, चालकी व मुखिया मुख्य कड़ी होते हैं.

जरूरी सामान और संसाधनों में होती थी धांधली
अर्जुन मांझी ने कहा कि पिछले कई सालों से बस्तर में दशहरा पर्व के दौरान कई रस्मों में लगने वाले जरूरी सामान और संसाधनों में धांधली होती थी, लेकिन अब दशहरा पर्व के ब्यौरा में पारदर्शिता आएगी.

62 लाख रुपए से अधिक का हुआ कर्जा
बस्तर सांसद व समिति के नये अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछली सरकार साल 2010 से 2018 तक दशहरा पर्व उधारी में मनाते आ रही थी, जिसके चलते दशहरा समिति पर 62 लाख रुपए से अधिक का कर्जा हो गया है, लेकिन इस साल दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाया जाएगा. साथ ही पिछले दो सालों से मानदेय की मांग कर रहे मांझी, मुखिया और चालकियों को रुका हुआ मानदेय भी दिया जायेगा और मुख्यमंत्री से चर्चा कर पिछली बकाया राशि को भी चुकता करने के लिए फंड की मांग की जाएगी.

जगदलपुर : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा समिति की रविवार को पहली बैठक हुई, जिसमें बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया. वहीं दशहरा पर्व में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मांझी चालकियों में सबसे वरिष्ठ अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है.

बस्तर के सांसद दीपक बैज को बस्तर दशहरा समिति का अध्यक्ष बनाया गया

यह पहला मौका है जब मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष को समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाता था. इसके अलावा सांसद दीपक बैज ने इस बार बस्तर दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाने का निर्णय लिया है. साथ ही बस्तर सासंद ने पर्यटकों को बढावा देने के लिए प्रशासन और अन्य सभी स्तर में हरसंभव प्रयास करने की बात कही है.

मांझी चालकियों की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा पर्व में सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका मांझी चालकियों की होती है. बस्तर संभाग के सभी जिलो से विशेष जाति के लोगों को मांझी चालकी बनाया जाता है, जिनका कार्य बस्तर दशहरा समिति के सभी महत्वपूर्ण रस्मों को रिति-रिवाज के साथ सम्पन्न कराने का दायित्व होता है और दशहरा पर्व में मांझी, चालकी व मुखिया मुख्य कड़ी होते हैं.

जरूरी सामान और संसाधनों में होती थी धांधली
अर्जुन मांझी ने कहा कि पिछले कई सालों से बस्तर में दशहरा पर्व के दौरान कई रस्मों में लगने वाले जरूरी सामान और संसाधनों में धांधली होती थी, लेकिन अब दशहरा पर्व के ब्यौरा में पारदर्शिता आएगी.

62 लाख रुपए से अधिक का हुआ कर्जा
बस्तर सांसद व समिति के नये अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछली सरकार साल 2010 से 2018 तक दशहरा पर्व उधारी में मनाते आ रही थी, जिसके चलते दशहरा समिति पर 62 लाख रुपए से अधिक का कर्जा हो गया है, लेकिन इस साल दशहरा पर्व को उधार में नहीं मनाया जाएगा. साथ ही पिछले दो सालों से मानदेय की मांग कर रहे मांझी, मुखिया और चालकियों को रुका हुआ मानदेय भी दिया जायेगा और मुख्यमंत्री से चर्चा कर पिछली बकाया राशि को भी चुकता करने के लिए फंड की मांग की जाएगी.

Intro:जगदलपुर। प्रदेश मे सत्ता परिवर्तन के बाद विश्व प्रसिध्द बस्तर दशहरा समिति की आज पहली बैठक सम्पन्न हुई, जिसमे बस्तर के सांसद दीपक बैज को समिति का अध्यक्ष बनाया गया, वही दशहरा पर्व मे अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मांझी चालकियो में सबसे वरिष्ठ अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। यह पहला मौका है जब मांझी को बस्तर दशहरा समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष को समिति का उपाध्यक्ष बनाया जाता था,इसके अलावा सांसद दीपक बैज ने इस बार बस्तर दशहरा पर्व को उधार मे नही मनाने का निर्णय लिया है। साथ ही बस्तर सासंद ने पर्यटको को बढावा देने के लिए प्रशासन और अन्य सभी स्तर मे हर संभव प्रयास करने की बात कही है।
 



Body:75 दिनो तक चलने वाले विश्व प्रसिध्द दशहरा पर्व मे सबसे अहम और महत्वपूर्ण भूमिका मांझी चालकिंयो की होती है, दरअसल बस्तर संभाग के सभी जिलो से विशेष जाति के लोगो को मांझी -चालकी बनाया जाता है, जिनका कार्य बस्तर दशहरा समिति के सभी महत्वपूर्ण रस्मो को रिति रिवाज के साथ सम्पन्न कराने का दायित्व होता है, और दशहरा पर्व मे मांझी, चालकी वमुखिया मुख्य कडी होते है, मांझी महेन्द्र ने बताया कि पिछले दो सालो से लगभग 400 से अधिक मांझी चालकियों को मानदेय भी नही मिला है, लेकिन इस साल प्रदेश मे सरकार बदली है, और बस्तर के सांसद भी बदल गये है, ऐसे मे उन्होने बस्तर के सांसद से दो साल का मानदेय देने के साथ उधार मे दशहरा पर्व नही मनाने की मांग की है।


Conclusion:वही आज हुए समिति के बैठक मे एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सबसे वरिष्ठ मांझी अर्जुन मांझी को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है, पिछले कई सालो से दशहरा समिति का उपाध्यक्ष जिला पंचायत के अध्यक्ष को बनाया जाता था, लेकिन इस बार बस्तर सांसद के और सर्व समत्ति से अर्जुन मांझी को उपाध्यक्ष बनाया गया है, उपाध्यक्ष बनाये गये अर्जुन मांझी ने कहा कि पिछले कई सालो से बस्तर मे दशहरा पर्व के दौरान कई रस्मो मे लगने वाले जरूरी सामान और संसाधनो मे धांधली होती थी,लेकिन अब मांझी को उपाध्यक्ष बनाने से दशहरा पर्व के ब्यौरा मे पारदर्शिता होगी।वही बस्तर के सांसद व इस दशहरा समिति के नये अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछली सरकार 2010 से 2018 तक दशहरा पर्व उधारी मे मनाते आ रही थी, जिसके चलते दशहरा समिति पर 62 लाख रू. से अधिक का कर्जा हो गया है, लेकिन इस वर्ष दशहरा पर्व को उधार मे नही मनाया जायेगा साथ ही पिछले दो सालो से मानदेय की मांग कर रहे मांझी, मुखिया और चालकियों को रूका हुआ मानदेय भी दिया जायेगा। और मुख्यमंत्री से चर्चा कर पिछली बकाया राशि को भी चुकता करने फंड की मांग की जायेगी।  
बाईट1- महेन्द्र सेठिया, मांझी
बाईट2- अर्जुन मांझी, उपाध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति "बुजुर्ग"
बाईट3- दीपक बैज, सांसद बस्तर अध्यक्ष
 
 
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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