बस्तर : नवरात्रि के दिनों में माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है.माता को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों में भक्त मन में आस्था लिए माता के दर्शन करते हैं. छत्तीसगढ़ के शक्तिपीठों में लोगों की भीड़ उमड़ती है. ऐसा ही एक शक्तिपीठ दंतेवाड़ा में हैं.जो विश्व प्रसिद्ध है. इस देवी के धाम को लोग दंतेश्वरी माई के नाम से जानते हैं.नवरात्रि के दिनों में इस शक्तिपीठ के दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
200 किमी तक की पदयात्रा : दंतेश्वरी मां की महिमा इतनी अपार है कि माता से मांगी गई हर मन्नत पूरी हो जाती है.लोग अपनी मन्नत पूरी होने के बाद और मन्नत मांगने से पहले माता के दरबार में कठिन परिश्रम के बाद पहुंचते हैं.इन्हीं में से एक पदयात्रा भी है. दंतेवाड़ा जिले की देवी के दर्शन करने के लिए भक्त 100 से लेकर 200 किलोमीटर तक की पदयात्रा करते हैं.
हर साल पूरी करते हैं पैदल यात्रा : इसे दंतेश्वरी देवी की अपने भक्तों पर कृपा ही कहा जा सकता है कि तपती धूप में भी बच्चे, बूढ़े और महिलाएं बिना किसी शारीरिक कष्ट के माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.ऐसे श्रद्धालुओं के लिए सामाजिक संगठन और स्थानीय लोग जगह-जगह पर सुविधा केंद्रों का इंतजाम करते हैं. ऐसा माना जाता है कि हर साल भक्त मां के दर्शन के लिए नवरात्रि के अवसर पर पैदल ही दंतेवाड़ा आते हैं.
क्या है पदयात्रियों का कहना ? : ईटीवी भारत ने दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर के रास्ते में आने वाले भक्तों से बात की.इस दौरान हमें पदयात्री पुष्कर नाग मिले.जो बिंजोली गांव से दंतेवाड़ा के लिए निकले हैं. बिंजोली गांव से दंतेश्वरी मंदिर की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है.पुष्कर नाग ने बताया कि वो दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन के लिए पैदल जा रहे हैं.100 किलोमीटर की यात्रा पूरी हो चुकी है.100 किमी और बाकी है.
''नवरात्रि का उत्सुकता के साथ इंतजार करते हैं. पिछले वर्ष गए हुए थे. आने वाले इस वर्ष के लिए एक साल तक इंतजार करना पड़ा. ताकि पदयात्रा कर सकें.''- पुष्कर नाग, पदयात्री
पदयात्री युवती मनबति ने बताया कि नवरात्रि को लेकर काफी उत्साह रहता है. क्योंकि जो कुछ मांगे रहती है. वो वहां जाने से पूरा होता है. इसीलिए पदयात्रा जाते हैं. इसके लिए महीनों से इंतजार करके डिसाइट करते हैं कि कौन से दिनों में जाना है.
वहीं नागेश्वरी कश्यप ने बताया कि वे सतोषा गांव से दंतेवाड़ा के लिए निकली है. यह उसका पहला पदयात्रा है. दंतेवाड़ा जाकर देवी दंतेश्वरी का दर्शन करेगी. साथ ही अच्छे रीति से जा रहे हैं इसीलिए अच्छा लग रहा है.
दंतेवाड़ा जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधा : जगदलपुर में दंतेवाड़ा जाने वाले रास्ते पर सामाजिक संगठन और स्थानीय दुकानदार नवरात्रि के अवसर पर स्टॉल लगाते हैं.जिसमें पदयात्रियों के लिए पीने के पानी, आराम करने के लिए बिस्तर और भोजन का प्रबंध किया जाता है. ये सारी सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है. रात्रि होने पर भक्तों के सोने का इंतजाम भी सामाजिक संगठन करता है.