जगदलपुर: रेमडेसिविर इंजेक्शन की लगातार हो रही कालाबाजारी को रोकने बस्तर जिले में जिला प्रशासन ने एक समिति का गठन किया है. अफवाह है कि रेमडेसिविर की मात्रा कम है और इसे बाहर से भी महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा. इसे लेकर लोग पैनिक भी हो रहे हैं. बस्तर में ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए कलेक्टर ने 3 सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें डिप्टी कलेक्टर समेत स्वास्थ्य विभाग और खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी शामिल हैं.
कलेक्टर रजत बंसल ने जानकरी देते हुए बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए 3 सदस्यों की समिति बनाई गई है. इस समिति का अध्यक्ष डिप्टी कलेक्टर को बनाया गया है. कलेक्टर ने बताया कि टीम 8 सूत्रीय जिम्मेदारी के आधार पर काम करेगी. विशेषज्ञ की पर्ची के अनुसार ही इंजेक्शन का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा. यह भी देखा जाएगा कि डॉक्टर ने किन परिस्थितियों में इस इंजेक्शन को लगाने की अनुमति दी है. सभी इंजेक्शन का रिकॉर्ड संधारित होगा. इसे खुले में बेचने की अनुमति नहीं होगी.
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इंजेक्शन की हो रही कालाबाजारी
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते पूरे प्रदेश में इस इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है. इसे ध्यान में रखते हुए बस्तर जिला प्रशासन ने सख्त नियमों के साथ निगरानी के निर्देश दिए हैं. प्रशासन की गठित की गई इस टीम में डिप्टी कलेक्टर कावेरी मरकाम, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डी.राजन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक संचालक हेमंत श्रीवास्तव शामिल हैं. वहीं रेमडेसिविर के संबंध में खुले बाजार में अधिक मूल्य पर बेचे जाने और इससे संबधित शिकायत होने पर प्रशासन ने कॉन्टेक्ट नंबर भी जारी किया है.