बस्तर: हाल ही में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सिस्टम को आइना दिखाने वाली एक घटना हुई थी. यहां एक लाचार पिता अपने डढ़ साल के मासूम का शव बाइक से 70 किलोमीटर दूर पोस्टमॉर्टम कराने ले गया था. एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण पिता को अपने बच्चे का शव बाइक में ले जाना पड़ा. ऐसी ही एक घटना फिर से सामने आई है. बस्तर के बकावंड इलाके की एक नाबालिग को इलाज के लिए परिजन खाट पर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली लेकर पहुंचे. परिजनों ने लड़की को खाट पर लेकर लगभग 25 किलोमीटर का सफर तय किया. बीमार लड़की का नाम पुन्नी संतु पुंगती है.
मरीज को कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर की पैदल यात्रा: बस्तर जिले के बकावंड इलाके के मेटावाड़ा गांव की ये घटना है. किशोरी को उसके रिश्तेदार शुक्रवार को गढ़चिरौली के भामरागढ़ तालुका के लहेरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) लेकर पहुंचे थे. लड़की के परिवार के सदस्यों ने एक खाट पर लिटाया और अपने कंधों पर उठाकर लगभग 25 किलोमीटर तक कठिन यात्रा की.
अधिकारी का दावा, सड़कें नहीं और नेटवर्क कनेक्टिविटी खराब: वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने दावा किया है कि जिला प्रशासन के पास एंबुलेंस हैं. इस एंबुलेंस का नंबर स्थानीय लोगों के पास साझा किया गया है, लेकिन गांव पहाड़ी इलाके में मौजूद है और यहां गाड़ी पहुंचने के लिए सड़के नहीं है. इस वजह से एंबुलेंस गांव में नहीं जा पाती है.
ग्रामीणों की मांग: अधिकारी ने बताया कि मानसून के दौरान बस्तर में मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं. जिससे छत्तीसगढ़ के चार से पांच सीमावर्ती गांवों के मरीज लहेरी पीएचसी में इलाज की मांग कर रहे हैं. क्योंकि यह नारायणपुर पीएचसी से करीब है.
SOURCE- PTI