जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिरकत के पीछे कई वजह रही हैं और इसको लेकर अलग-अलग दलों की अपनी अपनी दावेदारी भी अब सामने आ रही है. छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ रहे सर्व आदि दल ने चुनाव के दौरान ईसाई समुदाय की उपेक्षा किए जाने का आरोप कांग्रेस पर लगाया और इसी आधार पर चुनाव में 11 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी भी उतारे. सर्व आदि दल मत्तांतरित समुदाय के लोगों के द्वारा बनाया गया राजनीतिक दल है. जिसने पहली बार चुनाव लड़ा. अब सर्व आदि दल लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहा है.
सर्व आदि दल की उपेक्षा यानी चुनाव में हार: सर्व आदि दल के राष्ट्रीय प्रमुख अरुण पन्नालाल ने दावा किया है कि इन सभी 11 सीटों पर एक लाख से अधिक मत उनके प्रत्याशियों को मिले जिसकी वजह से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. बस्तर में 9 विधानसभा और छत्तीसगढ़ की दूसरी जगह पर दो अन्य प्रत्याशी महासमुंद एवं अकलतरा विधानसभा में उतारे गए थे. उन्होंने कहा कि न केवल कांग्रेस बल्कि बहुजन समाज पार्टी भी चुनाव उनके उम्मीदवारों की वजह से हारी है. सर्व आदि दल के प्रत्याशियों ने एक तरफ कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया और उनके वोट काटे. खुले आम राजनीतिक तौर पर इस दावे के साथ सर्व आदि दल ने कांग्रेस के खिलाफ काम करने की बात स्वीकार की है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उनकी मांगों और परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया और भविष्य में भी अगर कोई सरकार उनकी मांगों और परेशानियों पर ध्यान नहीं देती है. उनकी उपेक्षा करती है तो उसको इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.
पन्नालाल ने कहा कि आगामी दिनों में होने वाले लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारेंगे. साथ ही बस्तर और अलकतरा जहां सबसे अधिक वोट हैं. इन दोनों सीटों पर अच्छी रीति से काम करेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के साथ ईसाई समाज का मेल जोल और करीबी बिल्कुल नहीं है. यदि कांग्रेस साथ होती तो बस्तर सहित छत्तीसगढ़ के अलग अलग स्थानों में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती. अपराध और मारपीट कई जगहों पर होती ही है. लेकिन बस्तर में ईसाई समाज के लोगों के ऊपर हुए अपराधों पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. जिसके कारण सर्व आदि दल बनाया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार के खिलाफ नाराजगी थी. फिलहाल सरकार छत्तीसगढ़ से चली गई है. जो भी पार्टी समाज के लिए बेहतर काम करेगी. संवैधानिक अधिकार देगी. समाज उनका साथ देगा.