जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर लगाम लगाने में सुरक्षाबल लगातार कामयाब हो रहे हैं. घने जंगल और नक्सल क्षेत्रों में कैंप लगाने का फायदा मिल रहा है. नक्सलियों के मध्य और निचले स्तर के कैडरों की संख्या लगातार कम हो रही है. ये कहना है बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी का.
नक्सलियों का नेटवर्क हो रहा कमजोर: बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में नक्सली काफी हद तक कमजोर हो गए हैं. लगातार नक्सलियों की गिरफ्तारी, लोन वर्राटू अभियान से जोड़ने और एनकाउंटर में उन्हें मार गिराने से नक्सलियों की संख्या में काफी कमी आई है. नक्सलियों के मिडिल और लोअर कैडर में काफी फर्क पड़ा है. उनकी संख्या लगातार घट रही है.
पिछले 4 साल में रमन्ना से लेकर रामकृष्ण, हरिभूषण जैसे सीनियर नक्सली लीडर्स की मौत हो गई है. जिसका बड़ा असर नक्सलवाद पर पड़ा है. बस्तर के वन क्षेत्रों में जिस तरह से सुरक्षा शिविर शुरू हुए हैं, उससे नक्सलियों का सुरक्षित क्षेत्र लगातार सिकुड़ रहा है. पिछले चार सालों में नक्सलियों का सेफ जोन कम हुआ है. इससे उनके आपूर्ति नेटवर्क पर दबाव बढ़ गया है.- बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी
दुश्मन को कमजोर समझना बड़ी भूल: आईजी ने कहा कि नक्सलियों की ताकत को कम करके नहीं आंका जा सकता. नक्सलियों की नई भर्ती के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है. दंडकारण्य विशेष क्षेत्र समिति, मंडल समिति और क्षेत्र समिति नक्सल गतिविधियों को खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है.
SOURCE-ANI