जगदलपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक चिराग परियोजना को विश्व बैंक ने आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए मंजूरी दे दी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस चिराग परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विश्व बैंक को प्रस्ताव भेजा था. इस पर विश्व बैंक ने इस परियोजना को मंजूर कर लिया है. 6 वर्ष की अवधि वाली परियोजना पर 1 हजार 36 करोड़ रुपये खर्च होना प्रस्तावित है.
पढ़ें:SPECIAL: तकनीक के साथ अपडेट नहीं हो पा रहे पोस्ट ऑफिस, ऑनलाइन के दौर में ऑफलाइन चल रहा काम
चिराग परियोजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग और मुंगेली जिले में कृषि विकास और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन की कोशिश होनी है. बस्तर संभाग के 7 जिलों में से 13 विकासखंडों में और मुंगेली जिले में इसका क्रियान्वयन किया जाना है.
पढ़ें: SPECIAL: नक्सल संगठन छोड़ कर आई महिलाओं की बदली जिंदगी, सुख से बीत रहा जीवन
बस्तर संभाग के 13 विकासखंडों में परियोजना का क्रियान्वयन
बस्तर संभाग के 7 जिलों के 13 विकासखंडों में से बस्तर, बकावंड, बडेराजपुर , माकड़ी, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कटेकल्याण, सुकमा, छिंदगढ़, भैरमगढ़, भोपालपट्नम, चारामा और नरहरपुर में लागू किया जाएगा. मुंगेली जिले के एक हजार गांवों में परियोजना काम करेगी.
उन्नत कृषि और पोषण आहार में होगा सुधार
योजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के अनुसार उन्नत कृषि, उत्तम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पोषण आहार में सुधार, कृषि और अन्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाना होगा.
कृषि उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना के अंतर्गत समन्वित कृषि, जल संवर्धन बाड़ी, उद्यान विकास, उन्नत मछली और पशुपालन, दुग्ध उत्पादन के अलावा किसान उत्पादक संगठन द्वारा किसानों के उपजों का मूल्य संवर्धन किया जाएगा. परियोजना का क्रियान्वयन गौठानों को भी केंद्र में रखकर किया जाएगा.
आय में वृद्धि और रोजगार सृजन होगा परियोजना का मुख्य लक्ष्य
कोरोना महामारी की वजह से कृषि क्षेत्र में आए अवरोधों और कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए योजना का संचालन किया जाएगा. आय में वृद्धि और रोजगार सृजन का उद्देश्य इस परियोजना के लिए किया गया है. इस परियोजना को बस्तर के 13 विकासखंडों में लागू किया जाएगा.