जगदलपुर: चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां जोड़ तोड़ में लग जाती हैं. इसी साल के आखिर में छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव हैं. फिर अगले साल लोकसभा चुनाव. ऐसे में सारी पार्टियां एक्टिव मोड में आ गई है. बस्तर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां भाजपा ने जगदलपुर के कांग्रेसी विधायक रेखचंद जैन पर अंदरूनी पंचायतों के दो सरपंचों को अपनी टीम के साथ जबरन कांग्रेस पार्टी में शामिल होने दबाव बनाने का आरोप लगाया है.
भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो गांव में करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाने का दावा विधायक कर रहे हैं. जिसका ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. हालांकि विधायक रेखचंद जैन ने सरपंचों के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
2 दिन पहले विधायक रेखचंद जैन का फोन आया था. उन्होंने कहा था कि कोलेंग गांव में टैंकर वितरण कार्यक्रम रखा गया हैं. इस कार्यक्रम में अपनी टीम के साथ आओ और कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करो. अगर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करते हो तो गांव में करोड़ों रुपए के विकास कामों की स्वीकृति दिलाऊंगा. गांव में टैंकर वितरण कार्यक्रम था इसलिए हम चले गए थे. जब हम वहां पहुंचे, तो शासकीय कार्यक्रम की आड़ में कांग्रेस अपना बूथ स्तर कार्यक्रम कर रही थी. इसलिए हम लोग वहां से लौट आए. : रामसिंह नाग, सरपंच, ग्राम पंचायत मुंडागढ़
केदार कश्यप ने इसे बताया लोकतंत्र की हत्या: इस मामले में पूर्व मंत्री और प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि "आपातकाल को बीते 48 साल निकल गए. लेकिन कांग्रेस की मानसिकता अभी भी आपातकाल की स्थिति में है. कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या करने में कहीं भी पीछे नहीं है. कांग्रेस की सरकार ने अंदरूनी क्षेत्रों के भाजपा सरपंचों और भाजपा के लोगों को प्रताड़ित करने का काम किया है. दबावपूर्वक अपने पार्टी में शामिल करने का काम कांग्रेस पार्टी कर रही है. पूरी तरीके से कांग्रेस पार्टी अवैध कार्यों को बढ़ावा देती है."
विधायक ने आरोपों को बेबुनियाद बताया: जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने इस आरोप को खारिज करते हुए बेबुनियाद बताया है. कांग्रेस पार्टी के द्वारा बूथ प्रभारी बनाए जाने पर कोलेंगे, मुंडागढ़, छिंदगुर, कांदानार इलाके में विधायक का दौरा था. विधायक ने बताया कि "बूथ लेवल की मीटिंग भी ली गई. वहीं इलाके में पेयजल की समस्या को देखते हुए 3 पानी टैंकरों का वितरण भी किया गया. भाजपा की सरकार में 15 सालों के कामों को देखें. कोलेंगे क्षेत्र जहां तक लोग पहुंचने के लिए डरते थे, उस क्षेत्र में कांग्रेस की पार्टी के द्वारा विकास कार्य किया गया है. क्षेत्र में सड़कें बन रही है. स्कूल-आश्रम बन रहे हैं. स्वास्थ सुविधा बेहतर हो रही है. एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. मोबाइल टावर शुरू हो गया है. जबरन पार्टी में शामिल करने का आरोप बेबुनियाद है. कार्यक्रम में खुद सरपंच शामिल रहे और उन्होंने अपने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया था."
बस्तर में अब जनप्रतिनिधियों पर भी राजनीतिक दलों ने डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. अब सरपंचों को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराने का आरोप कांग्रेस पर लग रहा है. कांग्रेस इससे इंकार कर रही है. जबकि बीजेपी, कांग्रेस पर इस मसले को लेकर हमलावर है. अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर अब सियासत कैसा रूप लेती है.