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Konta Assembly Seat Profile: कांग्रेस का अभेद किला है कोंटा विधानसभा सीट, इस बार कवासी लखमा को टक्कर देंगे बीजेपी के सोयम मुका - Jagdalpur district

Konta Assembly Seat Profile: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव है. ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आईए नजर डालते हैं कोंटा विधानसभा सीट पर. ये सीट शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है. इस सीट से लगातार कवासी लखमा जीतते आए हैं. इस बार लखमा का मुकाबला बीजेपी के सोयम मुका से होने वाला है.

Konta Assembly Seat
कोंटा विधानसभा सीट
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Published : Aug 21, 2023, 10:52 PM IST

Updated : Nov 19, 2023, 5:34 PM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें हैं. इन 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इनमें एक कोंटा विधानसभा सीट है. राज्य गठन के पहले से ही कोंटा के नाम से ये विधानसभा सीट जाना जाता है. कोंटा विधानसभा सीट पर आदिवासियों की संख्या अधिक होने के कारण, इसे आदिवासियों के लिए आरक्षित किया गया है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस के कवासी लखमा विधायक हैं, जो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री हैं. इस सीट पर 1998 से कांग्रेस का कब्जा है. ये सीट कांग्रेस का अभेद किला है. कांग्रेस ने एक बार फिर कवासी लखमा पर भरोसा जताते हुए. उन्हें टिकट दिया है. वहीं, बीजेपी ने इस बार इस सीट से सोयम मुका को टिकट दिया है. बीजेपी सालों से कांग्रेस के इस अभेद किले को भेदने के प्रयास में है. हालांकि बीजेपी को अब तक सफलता नहीं मिल पाई है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार लखमा के क्षेत्र और कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी सेंध लगा पाती है या नहीं.

कोंटा विधानसभा सीट को जानिए: कोंटा विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 80 फीसद आदिवासी, 20 फीसद अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं. इसके अलावा पिछड़ा और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां रहते हैं. साथ ही माड़िया, हल्बा, दोरला, मुरिया जाति के लोग यहां निवास करते हैं. ये चारों ही अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं. आदिवासियों की इस सीट पर संख्या भी सबसे अधिक है. इसके कारण पार्टियों का फोकस भी आदिवासियों पर रहता है. साल 2018 में भाजपा ने मुरिया जाति के धनीराम बरसे को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस ने माड़िया जाति के कवासी लखमा को अपना उम्मीदवार बनाया था. कवासी लखमा ने इस सीट से जीत हासिल की थी.

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कोंटा विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या: कोंटा विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 166839 है. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 78502 है. वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 88336 है. 1 मतदाता यहां थर्ड जेंडर के भी शामिल हैं. इस विधानसभा सीट पर पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है.

कोंटा विधानसभा सीट
कोंटा विधानसभा सीट

क्या हैं कोंटा के मुद्दे और समस्याएं ?: कोंटा विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. नक्सलवाद यहां की सबसे बड़ी समस्या है. इसके साथ ही कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. यहां के अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीण आज भी झरिया का पानी पीने को मजबूर है. बिजली, पानी और सड़क अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों से कोसों दूर है. इसके अलावा पोलावरम बांध यहां एक बड़ा मुद्दा है. पोलावरम बांध के बन जाने से कोंटा विधानसभा के कई गांव डूबान क्षेत्र में आएंगे. बीते दो-तीन सालों से लगातार पोलावरम बांध की वजह से शबरी नदी का पानी बैकवॉटर बन कर सुकमा जिले की ओर बढ़ता जा रहा है. कोंटा क्षेत्र पूरी तरह से डूब जाता है. इसके अलावा निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेलों में बंद किया गया है. उनकी रिहाई भी यहां बड़ा मुद्दा है.

कोंटा विधानसभा सीट
कोंटा विधानसभा सीट

साल 2018 के परिणाम पर एक नजर : साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. पिछले चुनाव में यहां 55 फीसद मतदान हुआ था. कांग्रेस के प्रत्याशी कवासी लखमा को 31933 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा के प्रत्याशी धनीराम बरसे को 25224 वोट मिले थे. कांग्रेस को 35 फीसद वोट मिला था. जबकि भाजपा को 28 फीसद वोट हासिल हुए थे.

माड़िया समाज विनिंग फैक्टर: कोंटा विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा सीट पर माड़िया, हल्बा, मुरिया, दोरला जाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. इसके अलावा माहरा, सुंडी, भतरा, राऊत, मारवाड़ी, मुस्लिम और अन्य समाज के लोग भी यहां रहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मडिया समाज से थे. वहीं, भाजपा के उम्मीदवार मुरिया समाज से थे. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस पिछले 23 सालों से माड़िया समाज से उम्मीदवार उतारते आई है. वहीं, भाजपा मुरिया समाज का प्रत्याशी चुनाव में उतारती है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 12 विधानसभा सीटें हैं. इन 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. इनमें एक कोंटा विधानसभा सीट है. राज्य गठन के पहले से ही कोंटा के नाम से ये विधानसभा सीट जाना जाता है. कोंटा विधानसभा सीट पर आदिवासियों की संख्या अधिक होने के कारण, इसे आदिवासियों के लिए आरक्षित किया गया है. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस के कवासी लखमा विधायक हैं, जो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री हैं. इस सीट पर 1998 से कांग्रेस का कब्जा है. ये सीट कांग्रेस का अभेद किला है. कांग्रेस ने एक बार फिर कवासी लखमा पर भरोसा जताते हुए. उन्हें टिकट दिया है. वहीं, बीजेपी ने इस बार इस सीट से सोयम मुका को टिकट दिया है. बीजेपी सालों से कांग्रेस के इस अभेद किले को भेदने के प्रयास में है. हालांकि बीजेपी को अब तक सफलता नहीं मिल पाई है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार लखमा के क्षेत्र और कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी सेंध लगा पाती है या नहीं.

कोंटा विधानसभा सीट को जानिए: कोंटा विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 80 फीसद आदिवासी, 20 फीसद अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं. इसके अलावा पिछड़ा और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां रहते हैं. साथ ही माड़िया, हल्बा, दोरला, मुरिया जाति के लोग यहां निवास करते हैं. ये चारों ही अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं. आदिवासियों की इस सीट पर संख्या भी सबसे अधिक है. इसके कारण पार्टियों का फोकस भी आदिवासियों पर रहता है. साल 2018 में भाजपा ने मुरिया जाति के धनीराम बरसे को अपना उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस ने माड़िया जाति के कवासी लखमा को अपना उम्मीदवार बनाया था. कवासी लखमा ने इस सीट से जीत हासिल की थी.

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कोंटा विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या: कोंटा विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 166839 है. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 78502 है. वहीं, महिला मतदाताओं की संख्या 88336 है. 1 मतदाता यहां थर्ड जेंडर के भी शामिल हैं. इस विधानसभा सीट पर पुरुषों की अपेक्षा महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है.

कोंटा विधानसभा सीट
कोंटा विधानसभा सीट

क्या हैं कोंटा के मुद्दे और समस्याएं ?: कोंटा विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. नक्सलवाद यहां की सबसे बड़ी समस्या है. इसके साथ ही कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. यहां के अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीण आज भी झरिया का पानी पीने को मजबूर है. बिजली, पानी और सड़क अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों से कोसों दूर है. इसके अलावा पोलावरम बांध यहां एक बड़ा मुद्दा है. पोलावरम बांध के बन जाने से कोंटा विधानसभा के कई गांव डूबान क्षेत्र में आएंगे. बीते दो-तीन सालों से लगातार पोलावरम बांध की वजह से शबरी नदी का पानी बैकवॉटर बन कर सुकमा जिले की ओर बढ़ता जा रहा है. कोंटा क्षेत्र पूरी तरह से डूब जाता है. इसके अलावा निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेलों में बंद किया गया है. उनकी रिहाई भी यहां बड़ा मुद्दा है.

कोंटा विधानसभा सीट
कोंटा विधानसभा सीट

साल 2018 के परिणाम पर एक नजर : साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. पिछले चुनाव में यहां 55 फीसद मतदान हुआ था. कांग्रेस के प्रत्याशी कवासी लखमा को 31933 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा के प्रत्याशी धनीराम बरसे को 25224 वोट मिले थे. कांग्रेस को 35 फीसद वोट मिला था. जबकि भाजपा को 28 फीसद वोट हासिल हुए थे.

माड़िया समाज विनिंग फैक्टर: कोंटा विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा सीट पर माड़िया, हल्बा, मुरिया, दोरला जाति के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. इसके अलावा माहरा, सुंडी, भतरा, राऊत, मारवाड़ी, मुस्लिम और अन्य समाज के लोग भी यहां रहते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मडिया समाज से थे. वहीं, भाजपा के उम्मीदवार मुरिया समाज से थे. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस पिछले 23 सालों से माड़िया समाज से उम्मीदवार उतारते आई है. वहीं, भाजपा मुरिया समाज का प्रत्याशी चुनाव में उतारती है.

Last Updated : Nov 19, 2023, 5:34 PM IST
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