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जगदलपुर: मोतियाबिंद के ऑपरेशन में महारानी अस्पताल प्रदेश में दूसरे नंबर पर - chhattisgarh news

मेडिकल कॉलेज के महारानी अस्पताल से अलग होने के बाद अस्पताल के डॉक्टर्स ने मोतियाबिंद के रोगियों को इस बीमारी से निजात दिलाने में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की है.

महारानी अस्पताल
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Published : Jul 11, 2019, 10:17 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: प्रदेश में मोतियाबिंद के सबसे ज्यादा और सफल ऑपरेशन में जगदलपुर जिला महारानी अस्पताल प्रदेश में दूसरे नंबर पर है. अस्पताल के डॉक्टर्स ने मोतियाबिंद के रोगियों को इस बीमारी से निजात दिलाने में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की है. बीते साल दो हजार 286 लोगों का सफल ऑपरेशन किया है. वहीं इस साल बीते 5 माह में ही 760 मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं.

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में महारानी अस्पताल प्रदेश में दूसरे नंबर पर

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के महारानी अस्पताल से अलग होने के बाद महारानी अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा था. इसे देखते हुए महारानी अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में सीनियर डॉक्टर सरिता निर्मल और स्टॉफ की नियुक्ति की गई और साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए अस्पताल में सारी सुविधाओं के इंतजामात किए गए हैं.

बड़ी संख्या में आते हैं मरीज
यहां केवल बस्तर जिले से ही नहीं बल्कि बस्तर संभाग के 7 जिलों से बड़ी संख्या में मरीज नेत्र रोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. यहां उनके उपचार के साथ ही रहने और खाने-पीने की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है.

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट की बैठक, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

प्रदेश में बना दूसरा स्थान
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहने के चलते स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रमाण पत्र और मेडल बस्तर जिले को दिया है. हर दिन अस्पताल में 100 से अधिक नेत्र रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और इस बार भी अपने लक्ष्य को पूरा करने में नेत्र विशेषज्ञ सफल ऑपरेशन करने में जुटे हुए हैं.

जगदलपुर: प्रदेश में मोतियाबिंद के सबसे ज्यादा और सफल ऑपरेशन में जगदलपुर जिला महारानी अस्पताल प्रदेश में दूसरे नंबर पर है. अस्पताल के डॉक्टर्स ने मोतियाबिंद के रोगियों को इस बीमारी से निजात दिलाने में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की है. बीते साल दो हजार 286 लोगों का सफल ऑपरेशन किया है. वहीं इस साल बीते 5 माह में ही 760 मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं.

मोतियाबिंद के ऑपरेशन में महारानी अस्पताल प्रदेश में दूसरे नंबर पर

दरअसल, मेडिकल कॉलेज के महारानी अस्पताल से अलग होने के बाद महारानी अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा था. इसे देखते हुए महारानी अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ के रूप में सीनियर डॉक्टर सरिता निर्मल और स्टॉफ की नियुक्ति की गई और साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए अस्पताल में सारी सुविधाओं के इंतजामात किए गए हैं.

बड़ी संख्या में आते हैं मरीज
यहां केवल बस्तर जिले से ही नहीं बल्कि बस्तर संभाग के 7 जिलों से बड़ी संख्या में मरीज नेत्र रोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. यहां उनके उपचार के साथ ही रहने और खाने-पीने की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है.

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट की बैठक, कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर

प्रदेश में बना दूसरा स्थान
जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहने के चलते स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रमाण पत्र और मेडल बस्तर जिले को दिया है. हर दिन अस्पताल में 100 से अधिक नेत्र रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और इस बार भी अपने लक्ष्य को पूरा करने में नेत्र विशेषज्ञ सफल ऑपरेशन करने में जुटे हुए हैं.

Intro:जगदलपुर। स्वास्थ सुविधाओं के अभाव को लेकर हमेशा विवादो मे रहे जिला महारानी अस्पताल से एक अच्छी खबर है, प्रदेश मे मोतियाबिंद के सबसे ज्यादा औऱ सफल ऑपरेशन मे जगदलपुर जिला महारानी अस्पताल प्रदेश मे दूसरी नंबर पर है। अस्पताल के डॉक्टर्स ने मोतियाबिंद के रोगियों को इस बीमारी से निजात दिलाने मे बडे पैमाने पर सफलता हासिल की है। और बीते साल 2286 लोगो का सफल ऑपरेशन किया है। वही इस साल बीते 5 महीनो मे ही 760 मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन किये जा चुके है।




Body:दरअसल मेडीकल कॉलेज के महारानी अस्पताल से अलग होने के बाद महारानी अस्पताल मे डॉक्टर्स की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड रहा था, जिसे देखते हुए महारानी अस्पताल मे नेत्र विशेषज्ञ के रूप मे सीनियर डॉक्टर सरिता निर्मल व स्टॉफ की नियुक्ति की गई , और साथ ही नेत्र चिकित्सा के लिए अस्पताल मे सारे सुविधाओं के इंतजामात किये गये है।


Conclusion:जिसके चलते केवल बस्तर जिले से ही नही बल्कि बस्तर संभाग के 7 जिलो से बडी संख्या मे मरीज नेत्र रोग ईळाज के लिए पंहुच रहे है। औऱ यंहा उनके उपचार के साथ ही रहने और खाने पीने की सुविधा भी नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। जिले के मुख्य स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश मे दूसरे स्थान पर रहने के चलते स्वास्थ मंत्रालय द्वारा प्रमाण पत्र और मैडल बस्तर जिले को दिया गया है, और हर दिन अस्पताल मे  100 से अधिक नेत्र रोगी ईळाज के लिए पंहुच रहे है। और इस बार भी अपने लक्ष्य को पूरा करने मे नेत्र विशेषज्ञ सफल ऑपरेशन करने मे जुटे हुए है।

बाईट1- डॉ देवेन्द्र नाग, जिला मुख्य स्वास्थ अधिकारी
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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