जगदलपुर: दंतेवाड़ा जिले में बीते 21 जून को पुलिस एनकाउंटर में मारे गए दो नक्सलियों के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं. मृतकों के परिजनों ने दोनों ही कथित नक्सली को निर्दोष बताया है. साथ ही परिजनों ने पुलिस पर निर्दोषों की हत्या का आरोप लगाया है. एनकाउंटर में मारे गए कथित नक्सली रिशु के भाई ने खुद को भी पुलिस से खतरा बताया है.
घटना की जानकारी देते हुए समाजसेवी हिमांशु कुमार ने बताया कि बीते 21 जून 2020 को दंतेवाड़ा जिले के तुमेंनार में डीआरजी के जवानों ने दो ग्रामीणों को नक्सली बताकर गोली मारकर हत्या कर दी थी, यह दोनों ग्रामीण तुमनार सोसाइटी में अपने परिवार वालों के साथ राशन लेने गए हुए थे. वापस लौटने के दौरान जवानों ने दोनों ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस के हाथों मारे गए ग्रामीणों में एक माटा और दूसरा रिशु था, जिसकी उम्र महज 15 वर्ष थी. उसे 8 लाख का इनामी नक्सली बताते हुए गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पुलिस पर जबरन दबाव बनाने का आरोप
इधर, मृतक के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है. साथ ही हाईकोर्ट में केस दायर किया है. जानकारी के मुताबिक 3 दिन पहले ही इस मामले में कोर्ट ने सरकार को नोटिस भी भेजा है. हिमांशु कुमार का कहना है कि हाईकोर्ट से वापस आने के बाद लगातार रिशु के भाई गोपीराम पर पुलिस दबाव बना रही है, जो कि उचित नहीं है. साथ ही उसके गांव में पुलिस भेज कर उसे थाने भी बुला रही है.
कोर्ट से न्यायिक जांच की मांग
कथित नक्सली रिशु के भाई गोपीराम ने बताया कि रिशु खेती किसानी करता था, नक्सलियों से कोई ताल्लुकात नहीं था. वह महज 15 वर्ष का था. पुलिस ने जबरन उस पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर मौत के घाट उतार दिया. अब जब मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है, तो जबरन पुलिस उनपर दबाव बनाने के लिए उनके गांव में पुलिस भेज रही है. गोपी राम ने पुलिस पर जबरन दबाव बनाने के लिए बार-बार थाने बुलाने का आरोप लगाया है. गोपीराम ने कोर्ट से 21 जून को हुई घटना की न्यायिक जांच की मांग की है.