जगदलपुर : बस्तर में भी बीजेपी ने 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाया है. 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था. इस दिन को बीजेपी ने लोकतंत्र की हत्या बताया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले सेनानियों को याद कर लोकतंत्र के रक्षा के लिए प्रतिबद्धता का संकल्प लिया. इस मौके पर शहर के भाजपा कार्यालय में प्रदेश महामंत्री सुभाउराम कश्यप, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप , प्रदेश मंत्री किरण देव, पूर्व विधायक संतोष बाफना समेत भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
भाजपा के पदाधिकारियों ने आज के दिन 25 जून 1975 को देश में लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए काला दिवस के रूप में मनाने की बात कही. वहीं प्रदेश में झीरम घाटी हमले को लेकर मचे घमासान पर बस्तर भाजपा के पदाधिकारियों ने कांग्रेस पर जमकर हल्ला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बीजेपी पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का आरोप लगा रही है, जबकि ऐसे संवेदनशील मामले में कांग्रेस को राजनीति से ऊपर उठकर नक्सलवाद का खात्मा के लिए विचार करना चाहिए.
'नक्सलवाद के खात्मे पर विचार करना चाहिए'
बीजेपी प्रदेश महामंत्री सुभाउराम कश्यप ने कहा कि अगर कांग्रेस सचमुच बस्तर से नक्सलियों का खात्मा करना चाहती है तो राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर कांग्रेस को आगे आना चाहिए है और सर्वदलीय चर्चा कर इस पर कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से सबसे ज्यादा बस्तर के आदिवासी जूझ रहे हैं. कांग्रेस को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नक्सलवाद के खात्मे पर विचार करना चाहिए, न कि बीजेपी के लोगों पर अनर्गल आरोप लगाना चाहिए.
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सीएम भूपेश बघेल से किए सवाल
सुभाउराम कश्यप ने आगे कहा कि झीरम घाटी में हुए हमले को राजनीतिक षड्यंत्र का नाम दिया जा रहा है, जबकि यह राजनीतिक षड्यंत्र नहीं, बल्कि नक्सली वारदात थी. इसके अलावा घटना की न्यायिक जांच पर सुभाउराम कश्यप ने कहा कि 'प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, भाजपा शासनकाल में झीरम घटना के सबूत अपने जेब में लेकर घूमने की बात कहते थे और अब जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है ऐसे में भूपेश बघेल आखिर वो सबूत क्यों पेश नहीं कर रहे हैं'