बस्तर: छत्तीसगढ़ का बस्तर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यहां की खूबसूरत जलप्रपातें, नैसर्गिक वन और कांगेर नेशनल पार्क समेत कोटमसर गुफाओं का नजारा देखते ही बनता है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर के सभी पर्यटन स्थलों को सरकारों ने विकसित करने के साथ ही यहां संसाधन भी बढ़ाये हैं. इतना ही नहीं अब यहां पर्यटक रोमांचक एडवेंचर्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं. ऐसे में आज हम आपको बस्तर के कुछ खूबसूरत पर्यटन स्थलों से रूबरू करवाने जा रहे हैं.
एशिया का नियाग्रा चित्रकोट जलप्रपात: छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्थित चित्रकोट जलप्रपात को छत्तीसगढ़ और एशिया का नियाग्रा कहा जाता है. देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में स्थित है. करीब 30-40 फिट की चौड़ाई से गिरता यह जलप्रपात बेहद ही खूबसूरत नजर आता है. यहां करीब 90 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरती इंद्रावती नदी की जलधारा पर्यटकों का मन मोह लेती है. मानसून के बादलों और जलप्रपात के नीचे नांव से पर्यटक जब यह नजारा देखते हैं, तो एक पल के लिए उसी दृष्य में खो जाते हैं. तेज गति से गिरते जलप्रपात बूंदे पर्यटकों के चेहरे पर पड़ती है. इस अनुभव को पाने के लिए पर्यटक देश के अलावा विदेशों से भी हजारों की संख्या में चित्रकोट पहुंचते हैं. इस जलप्रपात की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि इस जलप्रपात के नजदीक बॉलीवुड की शूटिंग भी कुछ सालों से शुरू हो गई है.
तीरथगढ़ जलप्रपात: बस्तर जिले के कांगेर वैली नेशनल पार्क में बस्तर जिले का दूसरा बड़ा तीरथगढ़ जलप्रपात है. इस जलप्रपात को बस्तर की जान भी कहा जाता है. इस जलप्रपात में मुनगा बहार नदी का पानी गिरता है. यह जलप्रपात 3 स्टेप में होकर नीचे गिरता है. इस जलप्रपात की ऊंचाई 100 फिट से भी अधिक है. इसे करीब से देखने के लिए पर्यटकों को करीब 300-400 सीढ़ी नीचे उतरना पड़ता है. जिसके बाद लोग इसकी सुंदरता का पूरा आनंद लेते हैं. इस जलप्रपात को देखने के लिए हजारों लोग हर साल बस्तर पहुंचते हैं.
जलप्रपातों से भरा पूरा है बस्तर: बस्तर जिले के अलग-अलग दिशाओं में कई बड़े बड़े जलप्रपात मौजूद हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. चित्रकोट जलप्रपात और तीरथगढ़ जलप्रपात के अलावा ऐसे कई जलप्रपातें हैं, जो काफी उंची हैं और खूबसूरत भी हैं. जिनमें तामड़ा घूमर जलप्रपात, मेन्द्रीघूमर जलप्रपात, चित्रधारा जलप्रपात, मंडवा जलप्रपात, बिजाकसा जलप्रपात भी शामिल हैं.
कोटमसर गुफ़ा क्यों है खास? : कांगेर वैली नेशनल पार्क में ही विशालकाय गुफा भी मौजूद है. जिसे कोटमसर गुफा कहा जाता है. जो काफी बड़ी है. 50 फिट के करीब चौड़ी है. गुफा के अंदर अलग-अलग प्रकार की आकृतियां बनी हुई है. गुफा के अंदर अंधी मछली भी पाई जाती है. संगमरमर की सी स्टोन भी पानी की बूंदे गिरने के कारण बनी हुई है. जो काफी चमकीला है. इसके अलावा कांगेर वैली में दंडक गुफ़ा, कैलाश गुफा, हरि गुफा, मादरकोंटा गुफा मौजूद है. इन स्थानों पर पर्यटकों के सुविधा के लिए होम स्टे भी ग्रामीणों के द्वारा संचालित किया जाता है. पर्यटक यहां कयाकिंग का भी लुफ्त उठाते हैं. हालांकि सुरक्षा के लिहाज से इन गुफाओं को अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बंद करके रखा जाता है. क्योंकि बारिश के कारण गुफाओं में पानी भर जाता है.