ETV Bharat / state

कुटुंब जात्रा रस्म के दौरान देवी-देवताओं को बस्तर राजकुमार ने दी विदाई

कुटुंब जात्रा रस्म में में बस्तर राजपरिवार और ग्रामीणों की अगुवाई में बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों से पर्व में शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम के देवी देवताओं को ससम्मान विदाई दी गई.

kutumb jatra ceremony
कुटुंब जात्रा रस्म
author img

By

Published : Oct 18, 2021, 8:14 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर मे 75 दिनों तक मनाये जाने वाले दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म कुंटुब जात्रा की रस्म अदा की गई. इस रस्म में बस्तर राजपरिवार और ग्रामीणों की अगुवाई में बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों से पर्व में शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम के देवी देवताओं को ससम्मान विदाई दी गई. शहर के गंगामुण्डा वार्ड स्थित पूजा स्थल पर श्रध्दालुओं ने अपनी अपनी मन्नतें पूरी होने पर बकरा, कबूतर, मुर्गा आदि की बलि चढाई. साथ ही दशहरा समिति की ओर से सभी देवताओं के पुजारियों को ससम्मान विदा किया गया.

कुटुंब जात्रा रस्म

ये भी पढ़ें: दलपत सागर के नए स्वरूप का सीएम भूपेश ने किया लोकार्पण

देवी-देवताओं को दी गई विदाई

बस्तर दशहरा पर्व मे शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम देवी देवताओं के छत्र और डोली को बस्तर राजपरिवार और दशहरा समिति द्वारा समम्मान विदाई दी गई. पंरपरानुसार दशहरा पर्व मे शामिल होने संभाग के सभी ग्राम देवी देवताओं को न्यौता दिया जाता है. जिसके बाद पर्व की समाप्ति पर कुंटुब जात्रा की रस्म अदायगी की जाती है. साथ ही मन्नतें पूरी होने पर लोगों द्वारा बकरा, मुर्गा और कबूतर की बलि भी दी जाती है. देवी देवताओं के छत्र और डोली लेकर पंहुचे पुजारियों को बस्तर राजकुमार और दशहरा समिति द्वारा रूसूम भी दी जाती है. जिसमे कपडा, पैसे और मिठाईयां होती है. बस्तर मे रियासतकाल से चली आ रही यह पंरपरा आज भी बखूबी निभाई जाती है.

बस्तर राजकुमार ने की पूजा

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में समूचे संभाग भर के सैकड़ों देवी-देवताओं के साथ-साथ ग्रामीण भी पर्व में शामिल होते हैं और इन सभी देवी देवताओं को बस्तर दशहरा में न्योता आमंत्रण देने की रस्म के साथ ही इनकी विदाई भी ससम्मान की जाती है. आज बस्तर राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने बकायदा ग्रामीण क्षेत्र से सभी देवी देवताओं के छत्र व डोली को विधि विधान से पूजा अर्चना किया और ससम्मान सभी देवी देवताओं और ग्रामीणों की विदाई की.

जगदलपुर: बस्तर मे 75 दिनों तक मनाये जाने वाले दशहरा पर्व की एक और महत्वपूर्ण रस्म कुंटुब जात्रा की रस्म अदा की गई. इस रस्म में बस्तर राजपरिवार और ग्रामीणों की अगुवाई में बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों से पर्व में शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम के देवी देवताओं को ससम्मान विदाई दी गई. शहर के गंगामुण्डा वार्ड स्थित पूजा स्थल पर श्रध्दालुओं ने अपनी अपनी मन्नतें पूरी होने पर बकरा, कबूतर, मुर्गा आदि की बलि चढाई. साथ ही दशहरा समिति की ओर से सभी देवताओं के पुजारियों को ससम्मान विदा किया गया.

कुटुंब जात्रा रस्म

ये भी पढ़ें: दलपत सागर के नए स्वरूप का सीएम भूपेश ने किया लोकार्पण

देवी-देवताओं को दी गई विदाई

बस्तर दशहरा पर्व मे शामिल होने पंहुचे सभी ग्राम देवी देवताओं के छत्र और डोली को बस्तर राजपरिवार और दशहरा समिति द्वारा समम्मान विदाई दी गई. पंरपरानुसार दशहरा पर्व मे शामिल होने संभाग के सभी ग्राम देवी देवताओं को न्यौता दिया जाता है. जिसके बाद पर्व की समाप्ति पर कुंटुब जात्रा की रस्म अदायगी की जाती है. साथ ही मन्नतें पूरी होने पर लोगों द्वारा बकरा, मुर्गा और कबूतर की बलि भी दी जाती है. देवी देवताओं के छत्र और डोली लेकर पंहुचे पुजारियों को बस्तर राजकुमार और दशहरा समिति द्वारा रूसूम भी दी जाती है. जिसमे कपडा, पैसे और मिठाईयां होती है. बस्तर मे रियासतकाल से चली आ रही यह पंरपरा आज भी बखूबी निभाई जाती है.

बस्तर राजकुमार ने की पूजा

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व में समूचे संभाग भर के सैकड़ों देवी-देवताओं के साथ-साथ ग्रामीण भी पर्व में शामिल होते हैं और इन सभी देवी देवताओं को बस्तर दशहरा में न्योता आमंत्रण देने की रस्म के साथ ही इनकी विदाई भी ससम्मान की जाती है. आज बस्तर राजकुमार कमलचंद भंजदेव ने बकायदा ग्रामीण क्षेत्र से सभी देवी देवताओं के छत्र व डोली को विधि विधान से पूजा अर्चना किया और ससम्मान सभी देवी देवताओं और ग्रामीणों की विदाई की.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.