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SPECIAL: नक्सलवाद से निपटने के लिए बनी नई रणनीति, ऐसा है प्लान

हाल ही में बस्तर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में एलडब्ल्यूई की बैठक हुई थी. बैठक के दौरान बस्तर में नक्सलवाद की समस्या पर गहन चर्चा हुई. इस रणनीति के तहत अब प्रदेश सरकार पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ ही बड़े पैमाने पर मैदानी क्षेत्र में काम कर रहे जवानों को बस्तर में तैनात करेगी और लंबे समय से बस्तर के अति संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे जवानों को मैदानी क्षेत्र में भेजा है.

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Published : Nov 14, 2019, 10:38 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

बस्तर क्षेत्र में तैनात जवान

जगदलपुर: बस्तर में लंबे समय से पैठ जमाये बैठे नक्सलियों को खदेड़ने के लिए बस्तर पुलिस नयी रणनीति तैयार कर रही है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात पुलिस के सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की जा चुकी है.

के नए प्रभारी आईजी सुंदरराज पी का इंटरव्यू

हाल ही में बस्तर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में एलडब्ल्यूई की बैठक हुई थी. बैठक के दौरान बस्तर में नक्सलवाद की समस्या पर गहन चर्चा हुई. इस रणनीति के तहत अब प्रदेश सरकार पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ ही बड़े पैमाने पर मैदानी क्षेत्र में काम कर रहे जवानों को बस्तर में तैनात करेगी और लंबे समय से बस्तर के अति संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे जवानों को मैदानी क्षेत्र में भेजा है. बस्तर में बतौर एसपी और नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी रहे सुंदरराज पी को बस्तर के नए प्रभारी आईजी के रूप में कार्यभार सौंपा गया है.

पढ़े-सुकमा: मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर, भरमार बंदूक समेत विस्फोटक सामग्री बरामद

'पुलिस को मिल रही है सफलता'

ETV भारत से खास बातचीत के दौरान बस्तर के नए प्रभारी आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले कुछ साल से बस्तर पुलिस की ओर से चलाये गये एंटी नक्सल ऑपरेशन की वजह से बड़ी तादाद में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और आगे भी इसी रणनीति के तहत काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बस्तर के संवेदनशील क्षेत्र के ग्रामीण अंचल नक्सलवाद की वजह से विकास से अछूते हैं. ऐसे में कोशिश रहेगी कि नक्सलियों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन लॉन्च कर नक्सलियों को खदेड़ने के साथ ही उस क्षेत्र के डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाए.

आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुर्नवास नीति का मिलेगा लाभ
इसके अलावा अब नई रणनीति के तहत बस्तर पुलिस भी कार्य करेगी. इसमें संवेनदशील क्षेत्रों में विकास कार्यों पर बल देने के साथ ही ग्रामीणों को पुलिस पर भरोसा करने और नक्सलियों का साथ न देने के लिए भी जागरूक करना शामिल होगा. आईजी ने कहा कि बस्तर पुलिस लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और समर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करने के साथ ही उन्हें पुर्नवास नीति के तहत मिलने वाली योजना का पूरा लाभ देगी.

प्रदेश के 18 जिलों में नक्सल गतिविधियां सक्रिय हैं-

  • दंतेवाड़ा, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर में नक्सल एक्टीविटी.
  • राजनांदगांव,सरगुजा, जशपुर, कोरिया और धमतरी नक्सल प्रभावित.
  • महासमुंद, बालोद, कबीरधाम, रायगढ़ और बलौदाबाजार नक्सल प्रभावित.
  • गरियाबंद, सूरजपुर और बलरामपुर में नक्सली गतिविधियां ज्यादा हैं.

जबकि केंद्र की सूची में 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं-

  • बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, और कांकेर नक्सल प्रभावित.
  • कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, धमतरी और गरियाबंद नक्सल प्रभावित.
  • बालोद, सुकमा, कोंडागांव और बलरामपुर नक्सल प्रभावित हैं.

जगदलपुर: बस्तर में लंबे समय से पैठ जमाये बैठे नक्सलियों को खदेड़ने के लिए बस्तर पुलिस नयी रणनीति तैयार कर रही है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात पुलिस के सभी आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की जा चुकी है.

के नए प्रभारी आईजी सुंदरराज पी का इंटरव्यू

हाल ही में बस्तर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में एलडब्ल्यूई की बैठक हुई थी. बैठक के दौरान बस्तर में नक्सलवाद की समस्या पर गहन चर्चा हुई. इस रणनीति के तहत अब प्रदेश सरकार पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के साथ ही बड़े पैमाने पर मैदानी क्षेत्र में काम कर रहे जवानों को बस्तर में तैनात करेगी और लंबे समय से बस्तर के अति संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रहे जवानों को मैदानी क्षेत्र में भेजा है. बस्तर में बतौर एसपी और नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी रहे सुंदरराज पी को बस्तर के नए प्रभारी आईजी के रूप में कार्यभार सौंपा गया है.

पढ़े-सुकमा: मुठभेड़ में एक नक्सली ढेर, भरमार बंदूक समेत विस्फोटक सामग्री बरामद

'पुलिस को मिल रही है सफलता'

ETV भारत से खास बातचीत के दौरान बस्तर के नए प्रभारी आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले कुछ साल से बस्तर पुलिस की ओर से चलाये गये एंटी नक्सल ऑपरेशन की वजह से बड़ी तादाद में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और आगे भी इसी रणनीति के तहत काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बस्तर के संवेदनशील क्षेत्र के ग्रामीण अंचल नक्सलवाद की वजह से विकास से अछूते हैं. ऐसे में कोशिश रहेगी कि नक्सलियों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन लॉन्च कर नक्सलियों को खदेड़ने के साथ ही उस क्षेत्र के डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाए.

आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुर्नवास नीति का मिलेगा लाभ
इसके अलावा अब नई रणनीति के तहत बस्तर पुलिस भी कार्य करेगी. इसमें संवेनदशील क्षेत्रों में विकास कार्यों पर बल देने के साथ ही ग्रामीणों को पुलिस पर भरोसा करने और नक्सलियों का साथ न देने के लिए भी जागरूक करना शामिल होगा. आईजी ने कहा कि बस्तर पुलिस लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और समर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करने के साथ ही उन्हें पुर्नवास नीति के तहत मिलने वाली योजना का पूरा लाभ देगी.

प्रदेश के 18 जिलों में नक्सल गतिविधियां सक्रिय हैं-

  • दंतेवाड़ा, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर में नक्सल एक्टीविटी.
  • राजनांदगांव,सरगुजा, जशपुर, कोरिया और धमतरी नक्सल प्रभावित.
  • महासमुंद, बालोद, कबीरधाम, रायगढ़ और बलौदाबाजार नक्सल प्रभावित.
  • गरियाबंद, सूरजपुर और बलरामपुर में नक्सली गतिविधियां ज्यादा हैं.

जबकि केंद्र की सूची में 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं-

  • बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, और कांकेर नक्सल प्रभावित.
  • कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, धमतरी और गरियाबंद नक्सल प्रभावित.
  • बालोद, सुकमा, कोंडागांव और बलरामपुर नक्सल प्रभावित हैं.
Intro:जगदलपुर। बस्तर मे लंबे समय से पैंठ जमाये बैठे नक्सलियो को खदेडने बस्तर पुलिस नयी रणनीति की तैयारी मे है, हाल ही मे बस्तर दौरे पर पंहुचे केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के अध्यक्षता मे हुई एलडब्ल्यूई की बैठक के बाद यह तो साफ हो गया है कि अब केन्द्र सरकार भी बस्तर को नक्सली समस्या से निजात दिलाने कारगर कदम उठाने वाली है। और इसके लिए छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित जिले मे तैनात पुलिस के सभी आला अधिकारियो के साथ बैठक भी कर चुकी है। औऱ नयी रणनीति को लागू करने मे प्रदेश सरकार ने भी  पुलिस अधिकारियो की स्नातारंण करने के साथ ही बडे पैमाने पर मैदानी क्षेत्र मे काम कर रहे जवानो को भी बस्तर मे तैनात किया है। और लंबे समय से बस्तर के अतिसंवेदनशील क्षेत्रो मे काम कर रहे जवानो को मैदानी क्षेत्र मे भेजा है। वही माना यह भी जा रहा है कि इसी रणनीति के तहत बस्तर मे बतौर एसपी और नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी रहे  सुंदरराज पी को बस्तर के नये प्रभारी आईजी के रूप मे कार्यभार सौंपा गया है।


Body:ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बस्तर के नये प्रभारी आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि विगत कुछ वर्षो से बस्तर पुलिस द्वारा चलाये गये एंटी नक्सल ऑपरेशन की वजह से नक्सली काफी हद तक बैकफूट पर है। और आगे भी इसी रणनीति के तहत काम किया जायेगा। और नक्सलियो के खिलाफ बडे ऑपरेशन जारी रखे जायेंगे। इसके अलावा उन्होने बताया कि बस्तर के संवेदनशील क्षेत्र के ग्रामीण अंचल नक्सलवाद की वजह से विकास से काफी अछुते है ऐसे मे कोशिश यही की जायेगी कि ज्यादा से ज्यादा नक्सलियो के खिलाफ ऑपरेशन लॉंच कर नक्सलियो को खदेडने के साथ ही उस क्षेत्र के डवलपमेंट पर ज्यादा जोर दिया जायेगा।


Conclusion:इसके अलावा अब नयी रणनीति के तहत बस्तर पुलिस कार्य करेगी जिसमे संवेनदशील क्षेत्रो मे विकास कार्यो पर बल देने के साथ कम्यूनिटी पुलिस के तहत ग्रामीणो मे सरकार और पुलिस के प्रति भरोसा दिलाने के साथ ही नक्सलियो का साथ न देने ग्रामीणो को जागरूक किया जायेगा, वही प्रभारी आईजी ने कहा कि निश्चित तौर पर कुछ महीने से नक्सलियो के आत्मसमर्पण की संख्या मे कमी आयी है लेकिन बस्तर पुलिस हमेशा नक्सलियो को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित करेगी । और समर्पण करने वाले नक्सलियो का स्वागत करने के साथ उन्हे पुर्नवासनीति के तहत मिलने वाली योजना का पूरा लाभ देगी।

बाईट1- सुंदरराज पी, प्रभारी आईजी बस्तर     
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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