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Seasonal Disease In Bastar:बस्तर में मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ा, डिमरापाल अस्पताल में 10 से अधिक बच्चे निमोनिया से पीड़ित - डिमरापाल अस्पताल

Seasonal Disease In Bastar: बस्तर में बदलते मौसम के साथ मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ने लगा है. जिले के डिमरापाल अस्पताल में 10 से अधिक बच्चे निमोनिया से पीड़ित हैं. इनमें एक बच्चे की हालत गंभीर है. हालांकि अब तक जिले में निमोनिया या फिर मौसमी बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है.

seasonal disease in Bastar
बस्तर में मौसमी बीमारी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 9, 2023, 6:11 PM IST

बस्तर में निमोनिया का प्रकोप

बस्तर: बस्तर में इन दिनों मौसम में बदलाव के साथ-साथ बीमारियों का भी खतरा बढ़ता जा रहा है. कभी तेज धूप तो कभी भारी बारिश. यानी कि कभी ठंड और कभी गर्मी के कारण लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चों में ऐसे मौसम में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इस बीच बस्तर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल डिमरापाल में निमोनिया से पीड़ित 10 से अधिक बच्चे भर्ती हैं. इनमें एक बच्चे की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.

कई निमोनिया पीड़ित बच्चों का हुआ इलाज : इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अस्पताल के अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि, "बस्तर में इन दिनों लागातार मौसम में बदलाव हो रहा है. लगातार बारिश, धूप और उमस बढ़ रही है. ऐसे में सर्दी-खांसी और बुखार का खतरा बढ़ जाता है. अधिक बीमार लोगों के संपर्क में आने से ही बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा है. फिलहाल अस्पताल के शिशु वार्ड में 10 से अधिक निमोनिया से पीड़ित बच्चे भर्ती हैं. सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है. अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था है. इससे पहले भी निमोनिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल में पहुंचे हुए थे, जिनका उपचार किया गया. वे सभी ठीक होकर घर चले गए."

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निमोनिया से बचाव के उपाय: यदि कोई व्यक्ति सर्दी-खांसी या अन्य बीमारी से संक्रमित है तो बच्चों को उनसे दूर रखें. ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बच्चे निमोनिया का शिकार होते हैं. ऐसे में बदलते मौसम में बच्चों को बीमार लोगों से दूर रखना चाहिए.फिलहाल बस्तर में निमोनिया या फिर बदलते मौसम से होने वाली बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है.

बस्तर में निमोनिया का प्रकोप

बस्तर: बस्तर में इन दिनों मौसम में बदलाव के साथ-साथ बीमारियों का भी खतरा बढ़ता जा रहा है. कभी तेज धूप तो कभी भारी बारिश. यानी कि कभी ठंड और कभी गर्मी के कारण लोग ज्यादा बीमार पड़ रहे हैं. खासकर बुजुर्ग और बच्चों में ऐसे मौसम में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इस बीच बस्तर संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल डिमरापाल में निमोनिया से पीड़ित 10 से अधिक बच्चे भर्ती हैं. इनमें एक बच्चे की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.

कई निमोनिया पीड़ित बच्चों का हुआ इलाज : इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अस्पताल के अधीक्षक अनुरूप साहू ने बताया कि, "बस्तर में इन दिनों लागातार मौसम में बदलाव हो रहा है. लगातार बारिश, धूप और उमस बढ़ रही है. ऐसे में सर्दी-खांसी और बुखार का खतरा बढ़ जाता है. अधिक बीमार लोगों के संपर्क में आने से ही बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा है. फिलहाल अस्पताल के शिशु वार्ड में 10 से अधिक निमोनिया से पीड़ित बच्चे भर्ती हैं. सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है. अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था है. इससे पहले भी निमोनिया से पीड़ित बच्चे अस्पताल में पहुंचे हुए थे, जिनका उपचार किया गया. वे सभी ठीक होकर घर चले गए."

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निमोनिया से बचाव के उपाय: यदि कोई व्यक्ति सर्दी-खांसी या अन्य बीमारी से संक्रमित है तो बच्चों को उनसे दूर रखें. ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बच्चे निमोनिया का शिकार होते हैं. ऐसे में बदलते मौसम में बच्चों को बीमार लोगों से दूर रखना चाहिए.फिलहाल बस्तर में निमोनिया या फिर बदलते मौसम से होने वाली बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है.

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