जगदलपुर: बस्तर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने युवा नेता दीपक बैज को चुनावी मैदान में उतारा है. दीपक बैज वर्तमान में चित्रकोट विधानसभा सीट से विधायक है. दीपक ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी. NSUI के छात्रावास अध्यक्ष से शुरुआत करने के बाद वे कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष बने और काफी लंबे समय तक इस पोस्ट पर सक्रिय रहे.
पंचायत चुनाव मे एक बार मिली हार के बाद दीपक ने दोबारा चुनाव लड़ने का ऐलान किया और जीत हांसिल कर अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य बन कर उभरे. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने चित्रकोट विधानसभा सीट से टिकट दिया. इस चुनाव ने दीपक बैज की जिंदगी और राजनीतिक करियर एक अच्छे मुकाम तक पहुंचा दिया. बैज ने बीजेपी के कद्दावर नेता बैदुराम कश्यप को हराकर भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 2018 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से टिकट दिया गया. इस बार दीपक ने अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी के लच्छुराम कश्यप को पटखनी देते हुए जीत हासिल की.
दीपक बैज लौहण्डीगुडी ब्लॉक के गड़िया गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता पेशे से किसान है और उनका भी मुख्य व्यवसाय खेती किसानी है. जगदलपुर के पीजी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने राजनीति में अपना करियर तलाशा और सफल हुए. दीपक बैज की धर्मपत्नी शिक्षाकर्मी के तौर पर काम करती हैं.
बैज के विधानसभा क्षेत्र के लौहण्डीगुडा में टाटा कंपनी द्वारा स्टील प्लांट के लिए किसानों के भू-अधिग्रहण मामले में उन्होंने किसानों की जमीन वापस दिलाने प्रभावित किसानो के साथ लंबी लड़ाई लड़ी. इसे लेकर वह सुर्खियों में आये. साथ ही उन्होंने विपक्ष मे रहते हुए टाटा समेत अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी समस्याओं को भी विधानसभा सत्र मे बेबाक होकर सामने रखा. बैज ने प्रशासन को चुनौती देते हुए ग्रामीणों की मदद से ककनार में चट्टानों को तोड़कर सड़क का निर्माण कराया था.