जगदलपुर: नक्सलियों के शांति वार्ता प्रस्ताव को लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बयान दिया है. उनका कहना है कि नक्सलियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है. बस्तर आईजी ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ चल रहे लगातार ऑपरेशन से नक्सली दवाब में हैं. इस तरह की बात कर वो बस्तर के लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं. लेकिन बस्तर पुलिस नक्सलियों की इस हरकत को पहचान चुकी है.
नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए रखीं तीन शर्तें
दशकों से देश में नक्सली हिंसा का प्रमुख केंद्र रहा बस्तर क्या शांति के रास्ते पर बढ़ चला है. नक्सलियों ने पत्र जारी कर एक बार फिर शांति वार्ता की बात को हवा दे दी है. इस पत्र में नक्सलियों ने तीन शर्ते रखी हैं. जिसमें जेल में बंद उनके नेताओं की निशर्त रिहाई. नक्सल संगठनों पर पाबंदी हटाने और अंदरूनी क्षेत्रों से कैंप हटाने का जिक्र किया है. नक्सलियों का यह पत्र ठीक उस वक्त आया है जब सरकार की निगरानी में सिविल सोसाइटी का गठन किया गया है.
![bastar-ig-sundararaj-p-statement-on-peace-talks-proposal-of-naxalites](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-bst-01-bastarigreaction-avb-7205404_18032021163512_1803f_1616065512_63.jpg)
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नक्सलियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है: आईजी
नक्सलियों के शांति प्रस्ताव पत्र को लेकर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि नक्सलियों की कथनी और करनी में बहुत फर्क है. लगातार नक्सलियों पर बन रहे दबाव के चलते समय-समय पर नक्सली इस तरह का पत्र जारी कर बस्तर के लोगों का ध्यान भटकाते हैं, लेकिन बस्तर पुलिस नक्सलियों की इस हरकत को पहचान चुकी है. आईजी ने कहा कि नक्सली जब तक हिंसा नहीं छोड़ते तब तक उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
यदि नक्सली वार्ता करना चाहते हैं तो निशर्त बात करें: ताम्रध्वज साहू
शांति वार्ता की बात पूरी तरह से ढकोसला है: आईजी
आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि आए दिन नक्सली बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में निर्दोष ग्रामीणों को मौत के घाट उतारते हैं. ऐसे में उनकी ओर से शांति वार्ता की बात पूरी तरह से ढकोसला है. आईजी ने कहा कि नक्सलियों के बहकावे में ग्रामीणों को नहीं आने दिया जाएगा और लगातार नक्सलियों के खिलाफ बस्तर पुलिस का ऑपरेशन जारी रहेगा.