बस्तर: विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए सीएम भूपेश बघेल को न्योता मिल गया है. बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज व दशहरा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने रायपुर में मुख्यमंत्री बघेल को दशहरे में शामिल होने का आमंत्रण दिया.
मुरिया दरबार में लोगों की समस्याएं सुनते हैं सीएम: बस्तर दशहरा में प्रमुख रस्म मुरिया दरबार होता है. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री बस्तर के मांझी, चालकी, गायता, पुजारी व अन्य लोगों के बीच दरबार लगाते हैं. इस दरबार में उनकी समस्याओं और मांगों को सीएम सुनते हैं और उनका निराकरण करते हैं. बीते साल बस्तर के प्रमुख मांझियों ने बस्तर दशहरे के लिए नई वेषभूषा की मांग की थी. जिसे मुख्यमंत्री ने पूरा किया. इस भी मुरिया दरबार में शामिल होने के लिए दशहरा समिति ने सीएम से आग्रह किया है. लेकिन कुछ ही दिनों में प्रदेश में चुनाव होने हैं. तारीखों की घोषणा के बाद प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगी. ऐसे में देखना होगा कि सीएम इस बार दशहरा मनाने बस्तर जा पाते हैं या नहीं. सीएम के नहीं पहुंचने पर बस्तर राज परिवार के सदस्य मुरिया दरबार में जनता की फरियाद सुनते हैं.
विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा: 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा की शुरुआत हो गई है. हरेली अमावस्या से शुरू हुए दशहरा पर्व की 2 महत्वपूर्ण रस्में पाठजात्रा व डेरी गढ़ई रस्म विधि-विधान के साथ निभाई गई. इसके बाद बस्तर दशहरा में आकर्षण का केंद्र रहने वाले विशालकाय रथ बनाने की प्रकिया शुरू हो गई है. रथ बनाने के लिए बस्तर के अलग अलग गांव के ग्रामीणा जंगल से लकड़ी ला रहे हैं. जिसे जगदलपुर शहर के सिरहासार भवन परिसर में रखा जा रहा है. इसके बाद रथ निर्माण कारीगरों के द्वारा शुरू किया जाएगा.