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कलेक्टर रजत बंसल और SP दीपक झा ने नक्सलगढ़ का किया दौरा

बस्तर कलेक्टर और एसपी नक्सलियों के गढ़ कोलेंग गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना, दोनों अधिकारियों ने ना केवल ग्रामीण परिवेश को समझा बल्कि ग्रामीणों के घर में रात बिताकर भोजन भी किया.

Bastar Collector Rajat Bansal
नक्सलगढ़ 'कोलेंग' में कलेक्टर
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Published : Jan 12, 2021, 10:54 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर जैसे भौगोलिक विषमता और नक्सलवाद से जूझ रहे आदिवासी बाहुल क्षेत्र में काम करने से अधिकारी-कर्मचारी कतराते रहे हैं. लेकिन वर्तमान बस्तर कलेक्टर रजत बंसल की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी हुई है. अंदरूनी क्षेत्रों तक जाकर आदिवासियों के बीच चर्चा कर निर्णय लेने का फैसला कारगर दिखाई देने लगा है. कलेक्टर रजत बंसल गांव की समस्या से रू-ब-रू होने के लिए दूरस्थ इलाकों में रात बिताने से भी नहीं हिचक रहे. जहां दिन में भी अधिकारी-कर्मचारी नक्सलगढ़ में जाना नहीं चाहते वहां भी बस्तर कलेक्टर पहुंच रहे हैं. ऐसे ही धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले कोलेंग ग्राम में कलेक्टर रजत बंसल और एसपी दीपक झा ने रात बिताई और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी.

नक्सलगढ़ में कलेक्टर और SP

बाइक से पहुंची प्रशासन की टीम

प्रशासन की टीम सड़कों के रास्ते बाइक से गांव पहुंचे ताकि जमीनी हकीकत जान सके और ग्रामीणों की परेशानी सुनकर समाधान निकाला जा सके. बस्तर जिले का कोलेंग और मुंडागढ़ वहीं क्षेत्र है, जहां नक्सली आये दिन घटनाओ को अंजाम देते है और ओडिशा राज्य की सीमा पर होने का फायदा उठाकर सीमा पार चले जाते हैं.

Bastar Collector Rajat Bansal
नक्सलगढ़ में कलेक्टर और SP

पढ़ें- नक्सलगढ़ में सुरक्षा के साथ शिक्षा की ज्योत जला रहे जवान

पहली बार कोई कलेक्टर पहुंचा कोलेंग

आजादी के 72 साल बाद बस्तर का कोई कलेक्टर और एसपी कोलेंग गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों का हाल-चाल जाना, दोनों अधिकारियों ने ना केवल ग्रामीण परिवेश को समझा बल्कि ग्रामीणों के घर में रात बिताकर भोजन भी किया. बस्तर का कोलेंग गांव नक्सलियों की राजधानी मानी जाती है. इस इलाके में आना चुनौतीपूर्ण है. नक्सलियों के गढ़ में कलेक्टर रजत बंसल और पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने पहुंचते ही ग्रामीणों की चौपाल लगाई और ग्रामीणों का हालचाल जाना. विकास और सुरक्षा को लेकर चर्चा की.

Bastar Collector Rajat Bansal
ग्रामीणों की सुनी समस्या

पढ़ें- सुरक्षा और संघर्ष के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेगा कोरोना का टीका

ग्रामीणों का जीता दिल

बस्तर कलेक्टर रजत बंसल और एसपी दीपक झा दोनों की जुगलबंदी दूर गांव-गांव तक पहुंच रही है. ग्रामीणों से रूबरू कर उनकी समस्या सुनकर समाधान ढूंढा जाता है, इससे पहले भी दरभा इलाके के गांव में दोनों अधिकारी पहुंचे थे और गांव में रात में रूक कर ग्रामीणों की समस्या को सुना था. उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जा चुका है. इसी तरह ग्राम कोलेंग में दोनों अधिकारियों ने रात बिताई और ग्रामीणों का दिल जीत लिया.

Bastar Collector Rajat Bansal
नक्सलगढ़ में पहुंचे कलेक्टर और एसपी

योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश

कलेक्टर ने कहा कि शासन की योजनाओं को क्षेत्र के अंतिम गांव तक ले जाना, ग्रामीणों को उनका लाभ दिलाना और आदिवासी संस्कृति को समझना उनके दौरे का मकसद रहता है. कलेक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में कोलेंग में कई विकास कार्य किए जाएंगे. ग्रामीणों को शासन की हर योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश प्रशासन की होगी.

जगदलपुर: बस्तर जैसे भौगोलिक विषमता और नक्सलवाद से जूझ रहे आदिवासी बाहुल क्षेत्र में काम करने से अधिकारी-कर्मचारी कतराते रहे हैं. लेकिन वर्तमान बस्तर कलेक्टर रजत बंसल की कार्यशैली चर्चा का विषय बनी हुई है. अंदरूनी क्षेत्रों तक जाकर आदिवासियों के बीच चर्चा कर निर्णय लेने का फैसला कारगर दिखाई देने लगा है. कलेक्टर रजत बंसल गांव की समस्या से रू-ब-रू होने के लिए दूरस्थ इलाकों में रात बिताने से भी नहीं हिचक रहे. जहां दिन में भी अधिकारी-कर्मचारी नक्सलगढ़ में जाना नहीं चाहते वहां भी बस्तर कलेक्टर पहुंच रहे हैं. ऐसे ही धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले कोलेंग ग्राम में कलेक्टर रजत बंसल और एसपी दीपक झा ने रात बिताई और ग्रामीणों की समस्याएं सुनी.

नक्सलगढ़ में कलेक्टर और SP

बाइक से पहुंची प्रशासन की टीम

प्रशासन की टीम सड़कों के रास्ते बाइक से गांव पहुंचे ताकि जमीनी हकीकत जान सके और ग्रामीणों की परेशानी सुनकर समाधान निकाला जा सके. बस्तर जिले का कोलेंग और मुंडागढ़ वहीं क्षेत्र है, जहां नक्सली आये दिन घटनाओ को अंजाम देते है और ओडिशा राज्य की सीमा पर होने का फायदा उठाकर सीमा पार चले जाते हैं.

Bastar Collector Rajat Bansal
नक्सलगढ़ में कलेक्टर और SP

पढ़ें- नक्सलगढ़ में सुरक्षा के साथ शिक्षा की ज्योत जला रहे जवान

पहली बार कोई कलेक्टर पहुंचा कोलेंग

आजादी के 72 साल बाद बस्तर का कोई कलेक्टर और एसपी कोलेंग गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों का हाल-चाल जाना, दोनों अधिकारियों ने ना केवल ग्रामीण परिवेश को समझा बल्कि ग्रामीणों के घर में रात बिताकर भोजन भी किया. बस्तर का कोलेंग गांव नक्सलियों की राजधानी मानी जाती है. इस इलाके में आना चुनौतीपूर्ण है. नक्सलियों के गढ़ में कलेक्टर रजत बंसल और पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने पहुंचते ही ग्रामीणों की चौपाल लगाई और ग्रामीणों का हालचाल जाना. विकास और सुरक्षा को लेकर चर्चा की.

Bastar Collector Rajat Bansal
ग्रामीणों की सुनी समस्या

पढ़ें- सुरक्षा और संघर्ष के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में लगेगा कोरोना का टीका

ग्रामीणों का जीता दिल

बस्तर कलेक्टर रजत बंसल और एसपी दीपक झा दोनों की जुगलबंदी दूर गांव-गांव तक पहुंच रही है. ग्रामीणों से रूबरू कर उनकी समस्या सुनकर समाधान ढूंढा जाता है, इससे पहले भी दरभा इलाके के गांव में दोनों अधिकारी पहुंचे थे और गांव में रात में रूक कर ग्रामीणों की समस्या को सुना था. उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जा चुका है. इसी तरह ग्राम कोलेंग में दोनों अधिकारियों ने रात बिताई और ग्रामीणों का दिल जीत लिया.

Bastar Collector Rajat Bansal
नक्सलगढ़ में पहुंचे कलेक्टर और एसपी

योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश

कलेक्टर ने कहा कि शासन की योजनाओं को क्षेत्र के अंतिम गांव तक ले जाना, ग्रामीणों को उनका लाभ दिलाना और आदिवासी संस्कृति को समझना उनके दौरे का मकसद रहता है. कलेक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में कोलेंग में कई विकास कार्य किए जाएंगे. ग्रामीणों को शासन की हर योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश प्रशासन की होगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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