जगदलपुर: कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन है. लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा गरीब तबके के लोग परेशान हैं. दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए सैकड़ों की संख्या में मजदूर लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह से फंसे हुए हैं. उन्हें ऐसी संकट की घड़ी में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बस्तर से भी सैकड़ों की संख्या में दूसरे राज्यों में मजदूरी करने गए लेबर लॉकडाउन में फंसे हैं. लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन ग्राम वार सूची तैयार कर, इन्हें वापस लाने के लिए टीम का गठन कर जद्दोजहद करने में लगा हुआ है.
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बस्तर कलेक्टर अय्याज तंबोली ने जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर जिले के 6200 से अधिक मजदूर दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए गए हुए हैं. इनमें अधिकतर मजदूर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में फंसे हुए हैं. कलेक्टर ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि लगभग 4300 से अधिक मजदूर तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में फंसे हुए हैं. वहीं केरल में 500 मजदूर और कर्नाटक में 540 मजदूर फंसे हुए हैं.
जिला प्रशासन की टीम मजदूरों को वापस लाने में जुटी
कलेक्टर ने बताया कि यह आंकड़ा जिले के ग्रामवार लिया गया है. हालांकि इनमें से लगभग 1200 मजदूरों को सकुशल वापस ले आया गया है, जिन्हें क्वॉरेंटाइन करके रखा गया है. वहीं इनमें से कुछ मजदूर तो मीलों की सफर पैदल ही तय कर अपने गांव वापस पहुंचे हैं. प्रशासन को इसकी जानकारी देने के बाद उन्हें भी क्वॉरेंटाइन किया गया है. वहीं शेष बचे मजदूरों को दूसरे राज्यों से लाने के लिए जिला प्रशासन की टीम का गठन किया गया है, जो लगातार मजदूरों को वापस लाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से प्रयास कर रही है.
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जगदलपुर विधायक ने की मजदूरों की चिंता
कलेक्टर ने कहा कि दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों को किसी तरह की वहां दिक्कत न हो इसके लिए राज्यों के साथ कॉर्डिनेट किया जा रहा है. इधर जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन ने भी अन्य राज्यों में फंसे बस्तर के मजदूरों की चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से इन मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रशासन को हर संभव मदद देने के लिए निवेदन किया है. इन मजदूरों को वापस लाने के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने की मांग की है.
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मजदूरों के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
गौरतलब है कि यह आंकड़े जिला प्रशासन ने जारी किए हैं, लेकिन ऐसे अन्य मजदूर भी हैं, जो मजदूरी के लिए दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं. उनके आंकड़े जिला प्रशासन अभी भी जुटाने में लगी हुई है. वहीं प्रशासन ने इनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिससे मजदूर इस हेल्पलाइन के जरिए प्रशासन से मदद मांग सकते हैं.