बस्तर: बस्तर संभाग में स्कूली बच्चों को अब आयुर्वेद की पढ़ाई कराई जाएगी. ताकि स्कूली बच्चों में स्वस्थ जीवन शैली विकसित हो सके. राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत बस्तर जिले में आयुर्विद्या कार्यक्रम का संचालन शुरू होने जा रहा है. इस कार्यक्रम का फायदा आने वाले दिनों में बस्तर जिले के सभी 2500 स्कूलों में होगा. करीब एक लाख से भी ज्यादा बच्चे इससे लाभान्वित होंगे.
आयुर्वेदिक डॉक्टर बच्चों की कराएंगे पढ़ाई: शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत आयुर्वेदिक डॉक्टर अपने इलाके के किसी स्कूल में जाएंगे और बच्चों को पढ़ाने का काम करेंगे. वे बच्चों को आयुर्वेद का महत्व बताने के साथ ही उनके निरोग होने की जानकारी देंगे. ताकि बच्चे तंदरुस्त रह सकें.
"इस समय स्कूली बच्चे पढ़ाई के दबाव से होने वाले मानसिक तनाव, शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं. शिक्षा के दबाव की वजह से वे नशे एवं गलत आदतों के चक्कर पड़ रहे हैं. इस तरह की जानकारी से वह गलत आदतों से मुक्ति पा सकेंगे. अच्छी आदत सीख सकेंगे.": डॉक्टर जे आर नेताम, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी
आयुर्वेद के साथ योग की दी जाएगी जानकारी: इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को आर्युवेद के साथ साथ योग की भी शिक्षा दी जाएगी.योग और प्राणायाम के माध्यम से अपने मानसिक स्तर को कैसे अच्छा बना सकते हैं इसके बारे में बच्चों को बताया जाएगा. स्कूली बच्चों को नीम, तुलसी, एलोवेरा, पीपल, बरगद, मूंगा, जामुन औषधि गुणों की भी जानकारी दी जाएगी. यह कार्यक्रम जिले में सही ढंग से संचालित हो और स्कूली बच्चों को इसका लाभ मिले इसके लिए 7 डाक्टर्स की टीम तैयार की गई है. यह सात डॉक्टर पहले केरल में इससे संबंधित ट्रेनिंग हासिल कर चुके हैं. अब यह स्कूली बच्चों को आयुर्वेद की पढ़ाई कराएंगे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी की जा चुकी है.