जगदलपुर: कोरोना महामारी की वजह से सुरक्षा बल का एंटी नक्सल ऑपरेशन कम होते ही नक्सली एक बार फिर से दहशत फैलाने पर आमादा हो उठे हैं. हालांकि बीते कुछ महीनों में लगातार हुई हत्याओं के बाद फोर्स ने नक्सलियों को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है. प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने बस्तर के पुलिस अफसरों से बैठक कर नए सिरे से रणनीति बनाने को कहा है. कुछ दिन पहले दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले में 6 से ज्यादा ग्रामीणों की हत्या के बाद नक्सल डीजी अशोक जुनेजा ने भी बस्तर संभाग का दौरा किया और नक्सल विरोधी अभियान तेज करने की हिदायत देने के साथ अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा कराने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती करने के निर्देश दिए थे.
नक्सलियों ने कोरोना से लगे लॉकडाउन का फायदा उठाकर पहले तो खुद को पुनर्संगठित किया, फिर जब बारिश में बाढ़ का कहर टूटा तो पहुंचविहीन अंदरूनी इलाकों में ग्रामीणों और सरकारी कर्मचारियों की हत्या करने लगे. यही नहीं अंदरूनी क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों में बाधा पहुंचाने के साथ काम भी बंद करा दिया. जिससे सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ ठेकेदारों में भी भय का माहौल बना हुआ है. इधर अब ग्रामीण भी नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं और सड़क, बिजली, स्कूल, अस्पताल की मांग करने लगे हैं और सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. ये नक्सलियों के लिए खतरे की घंटी है, अब वे निर्दोष ग्रामीणों को मारकर एक बार फिर पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि बस्तर आईजी का कहना है कि पुलिस ने नक्सलियों की इस रणनीति को भांप लिया है और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में और भी आक्रामक अभियान चलाने की तैयारी भी कर रही है.
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तेज हुई एंटी नक्सल ऑपरेशन
नक्सली बीते 6 महीने से लगातार ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं. 6 महीने पहले सुकमा जिले के चिंतलनार इलाके में दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या की गई. सुकमा के ही फुलबगड़ी गांव में एक युवक की हत्या की. 15 जुलाई को कुकानार थाना क्षेत्र के पेंदलनार गांव में एक युवक की हत्या की. कुछ दिन पहले बीजापुर जिले के कुटरु में एएसआई की हत्या की. 3 सितंबर को दंतेवाड़ा के हिरोली इलाके में दो युवकों की हत्या. 5 सितंबर को उन्होंने बीजापुर के गंगालूर इलाके में चार ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया. इसके अलावा बीजापुर के भैरमगढ़ में फॉरेस्ट रेंजर की हत्या कर हत्याओं के बाद ग्रामीण और अंदरूनी क्षेत्रों में काम कर रहे ठेकेदार डरे सहमे हुए हैं. हालांकि बस्तर पुलिस इन ग्रामीणों और ठेकेदारों को सुरक्षा का भरोसा दिला रही है और जरूरत पड़ने पर ठेकेदारों की मांग पर सुरक्षा देने की भी बात कह रही है. फिलहाल आईजी का कहना है कि बस्तर में तैनात सुरक्षा बल लोगों का भरोसा दोबारा बहाल करने के लिए कमर कसकर मैदान में उतर गई है और एंटी नक्सल ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है.