बस्तर: भारत सरकार के संरक्षित वन्य जीव प्राणी की सूची में शामिल पैंगोलिन की तस्करी करने वाले 3 तस्करों को वन विभाग की टीम ने बस्तर में गिरफ्तार किया (bastar pangolin smuggler arrested ) है. जबकि 13 तस्कर फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है. दरअसल ओडिशा सीमा से लगे कोलावल इलाके में विलुप्त प्रजाति पैंगोलिन की तस्करी की सूचना वन विभाग को मुखबिर से मिली थी. जिसके बाद वन विभाग ने 2 टीम का गठन कर कार्रवाई के लिए रवाना किया. जिसके बाद टीम 9 घंटे बाद तस्करों को गिरफ्तार करने में वन विभाग की टीम सफल हो पाई. इस कार्रवाई में टीम ने 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है. साथ ही अन्य 13 आरोपी तस्कर मौके से फरार होने में कामयाब हो गए, जिनकी तलाश जारी है.
ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर होती है तस्करी: बताया जा रहा है कि तस्करों के पास से जिंदा पैंगोलिन मिला है, जिसका वजन 17 किलोग्राम है. जिसकी अनुमानित कीमत 10 लाख 54 हजार रुपये है. करीब तस्करों ने 10 लाख रुपये में इसका सौदा किया था. विलुप्त प्रजाति इंडियन पैंगोलिन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है. यही वजह है कि, लगातार ओडिशा-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पैंगोलिन की तस्करी को अंजाम दिया जाता है. इन क्षेत्रों में लगातार वन विभाग तस्करों से पैंगोलिन को जब्त करने में सफलता हासिल की है, जिसे सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया है.
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विलुप्त होती जा रही पैंगोलिन की प्रजाति: इस विषय में वन मंडलाधिकारी केशव साहू ने बताया कि इंडियन पैंगोलिन को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की लाल सूची में संकटग्रस्त, जबकि चीनी पैंगोलिन को गंभीर संकटग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है. इन दोनों प्रजातियों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के भाग 1 की अनुसूची 1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है. इनकी घटती जनसंख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इन्हें विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में रखा है. लेकिन अधिक रुपए के लालच में ग्रामीण इसे जंगलों से पकड़ कर दूसरे राज्य में बेच देते हैं.